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श्रावण अमावस्या के शुभ दिन में पूजनीय संत गहिरा गुरु जी का जयंती विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं जनजाति गौरव समाज द्वारा सामूहिक रूप से मनाया गया

श्रावण अमावस्या के शुभ दिन में पूजनीय संत गहिरा गुरु जी का जयंती विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं जनजाति गौरव समाज द्वारा सामूहिक रूप से मनाया गया

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प्रभा सिंह यादव/ ब्यूरो चीफ/ सरगुजा// संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा अंबिकापुर के सभाकक्ष में रविवार को श्रावण अमावस्या के शुभ दिन में पूजनीय संत गहिरा गुरु जी का जयंती विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं जनजाति गौरव समाज द्वारा सामूहिक रूप से मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन कोरोना काल में शासन के दिशा – निर्देशों का पूर्णतः पालन करते हुए किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बंशीधर उराँव द्वारा किया गया एवं संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनोद कुमार एक्का के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा पूजनीय संत गहिरा गुरु जी एवं माता सरस्वती जी के तैल्य चित्र में दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण करके किया गया।

प्रस्तावना उद्बोधन में प्रदेश प्रवक्ता इन्दर भगत ने जनजाति गौरव समाज की स्थापना के उद्देश्य एवं क्रियाकलापों के बारे में बताते हुए संत गहिरा गुरु जी के जीवन एवं समाज को उनके द्वारा दिये गए उपदेश “सत्य, शांति, दया, क्षमा धारण करने एवं चोरी, दारी, हत्या, मिथ्या का त्याग करने” पर प्रकाश डाला और उन्हें सरगुजा वनांचल क्षेत्र के महान समाज सुधारक बताया। विशिष्ट अतिथि महिला समाज की जिलाध्यक्ष अनामिका पैंकरा ने महान संत के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का आवाहन किया। जिला अध्यक्ष बिहारीलाल तिर्की ने बताया कि गुरु महाराज साफ – सफाई, स्वच्छता एवं शुद्धता पर उपदेश देते थे, उन्होनें तन के साथ-साथ मन को भी स्वच्छ बनाए रखने को प्रेरित किया।

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विशिष्ट अतिथि समाज के संभाग कोषाध्यक्ष संजय सिंह ने उनके जीवन वृत्तान्त का उल्लेख करते हुए दैवीय चमत्कारों के बारे में विस्तार से बताया। अध्यक्षता कर रहे बंशीधर उराँव ने कहा कि संत गहिरा गुरु जी सर्वप्रथम धरती माता को प्रणाम करते थे और अपनी मूल संस्कृति से जनजाति समाज को जोड़े रखने के लिए जीवन पर्यंत कार्य किए और केवल अक्षर ज्ञान होते हुए भी संस्कृत महाविद्यालय एवं अनेक विद्यालयों की स्थापना किए। मुख्य अतिथि विनोद कुमार एक्का ने कहा कि उनके जीवन संदेश समाज के सभी वर्गों के लिए है। विश्वविद्यालय का नामकरण संत गहिरा गुरु जी के नाम पर होने से विश्वविद्यालय गौरवान्वित महसूस करता है और आने वाले समय में विश्वविद्यालय प्रबंधन उनके जीवन संदेश को कोरोना काल के बाद बड़े स्तर पर कार्यक्रम करके विद्यार्थियों तक पहुँचायेंगे। जनजाति गौरव समाज द्वारा अतिथियों को पौधा एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन उप कुलसचिव शोभना सिंह ने किया एवं मंच संचालन कंप्यूटर विभाग के विभागाध्यक्ष हरिशंकर प्रसाद तोंण्डे ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. रविशंकर सिंह, डॉ. अनिल सिन्हा, वित्त अधिकारी जॉन तिग्गा, असीम केरकेट्टा, डॉ. जुनेद खान, डॉ. आशीष बंजारा, डॉ. धीरज कुमार यादव, डॉ. आनंद कुमार, डॉ. मनोज झारिया, डॉ अमृता पंडा, डॉ सुषमा केरकेट्टा, डॉ. ज्योत्सु दत्ता, डॉ. अर्णव बनर्जी, खेमकरन अहिरवार, पावन पूर्णाहुति भगत, रमेश पैंकरा, भारती आदि उपस्थित रहे।

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