
तेजी से बढ़ रही सस्ती जेनेरिक दवाओं की बिक्री, गरीब तबके के मरीजों को मिली बड़ी राहत
37 हजार रूपए से अधिक की हुई बचत, 55 प्रतिशत तक डिस्काउंट पर मिल रहीं दवाईयां
लोगों ने की योजना की तारीफ, मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रति जताया आभार
कोरबा 24 अक्टूबर 2021मरीजों को सस्ती दरों पर गुणवत्ता युक्त दवाईयां उपलब्ध कराने की राज्य शासन की योजना लोगों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी लोगों विशेषकर गरीब और कमजोर माली हालत वाले बीमार लोगों को अच्छी दवाईयां उपलब्ध कराने के लिए श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना शुरू की है।
कोरबा जिले में योजना के तहत सस्ती दवाई की छह दुकानें शुरू की गई है। दिन-प्रतिदिन इन दुकानों में जेनेरिक दवाईयों की बिक्री बढ़ती जा रही है। दुकानों में सस्ती दवाईयों के साथ-साथ सर्जिकल आइटम और हर्बल प्रोडक्ट भी रियायती दरों पर मिल रहे हैं।
कोरबा जिले की इन दुकानों से लोगों को लगभग 55 प्रतिशत छुट पर दवाईयां मिल रहीं हैं। अभी तक इन दुकानों से लोगों ने 32 हजार 992 रूपए की दवाईयां खरीद लीं हैं। इन दवाईयों का अन्य दुकानों में बिना डिस्काउंट के दाम लगभग 70 हजार रूपए होगा। इस तरह धनवंतरी स्टोरों से छुट पर दवाईयां खरीदने पर लोगों को 37 हजार रूपए से अधिक का लाभ अभी तक मिल चुका है। श्री धनवंतरी मेडिकल स्टोर में सस्ती दवाईयां होने के कारण मरीज और उनके परिजन दवाईयां खरीदने में विशेष रूचि दिखा रहे हैं। वहीं दवाई खरीदने आए नागरिकों ने योजना की खुले दिल से तारीफ करते हुए इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार भी जताया है।
अच्छी क्वालिटी और कंपनियों की दवाईयांे की पहुंच अब गरीबों तक, सराहनीय योजना – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना से अच्छी क्वालिटी और बड़ी कंपनियों की गुणवत्ता युक्त महंगी दवाईयों की पहुंच अब गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तक भी हो गई है। आधे से भी कम दामों में ऐसी दवाईयां मिलने से सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के प्रयासों पर मरीजों का विश्वास भी बढ़ा है। बीमारियों के ईलाज के लिए चिकित्सकों द्वारा लिखे जाने वाले दवाईयों के दाम अधिक होने के कारण गरीब और कमजोर वर्ग के लोग पूरी दवाईयां नहीं खरीद पाते हैं। पैसे की कमी के कारण ईलाज के लिए जरूरी दवाईयों का डोज पूरा नहीं ले पाते हैं, जिसके कारण बीमारियों का ईलाज पूरा नहीं हो पाता है। अधूरा डोज लेने के कारण बीमारी पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाती और स्वास्थ्य को अधिक नुकसान होता है। चिकित्सकों द्वारा आमतौर पर सलाह दिया जाता है कि किसी भी बीमारी के ईलाज के लिए दवाईयों के निश्चित डोज लेना जरूरी है। दवाईयों के डोज पूरा नहीं लेने के कारण रोग कारक बैक्टीरिया-वायरस आदि भी दवाईयों के प्रति प्रतिरोधक हो जाता है और बीमारियां आसानी से समाप्त नहीं हो पाती है।