छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़महासमुंदराजनीतिराज्य

फाइलेरिया उन्मूलन हेतु सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम का विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने किया शुभारंभ

फाइलेरिया उन्मूलन हेतु सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम का विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने किया शुभारंभ

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

महासमुंद, 28 फरवरी 2025 – महासमुंद जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के तहत सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत आज विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने की। इस अवसर पर उन्होंने स्वयं दवा का सेवन कर अभियान की शुरुआत की। यह कार्यक्रम शासकीय वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मचेवा में आयोजित किया गया। इस दौरान कई जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

फाइलेरिया उन्मूलन के इस अभियान का उद्देश्य जिले को इस गंभीर बीमारी से मुक्त करना है। विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने जिलेवासियों से अपील की कि सभी लोग इस दवा का सेवन करें और महासमुंद को फाइलेरिया मुक्त बनाने में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि यह अभियान स्वास्थ्य विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें जनभागीदारी बेहद जरूरी है।

इस मौके पर पार्षद पवन पटेल, रमेश साहू, देवीचंद राठी, धमेन्द्र डड्सेना सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इसके अलावा, महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, स्टाफ और छात्र-छात्राओं ने भी दवा का सेवन किया।

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की रूपरेखा

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया ने जानकारी दी कि 27 फरवरी से 13 मार्च 2025 तक यह अभियान संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार होगी:

27 फरवरी से 2 मार्च: आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, कॉलेजों एवं अन्य संस्थानों में बूथ लगाकर दवा सेवन कराया जाएगा।

3 मार्च से 10 मार्च: मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलाएंगे।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

11 मार्च से 13 मार्च: छूटे हुए व्यक्तियों को मॉप-अप राउंड के तहत दवा दी जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. व्ही.पी. सिंह ने बताया कि महासमुंद जिले में 4,582 स्वास्थ्यकर्मी इस अभियान में जुटेंगे। इनमें मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी शामिल हैं, जो घर-घर जाकर दवाई खिलाएंगे।

कौन-कौन सी दवाइयां दी जाएंगी?

इस मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत डी.ई.सी., एलबेंडाजॉल एवं आईवरमेक्टिन की दवाइयां उम्र के अनुसार दी जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि इस दवा को खाली पेट नहीं लेना चाहिए, बल्कि भोजन के बाद सेवन करना जरूरी है।

फाइलेरिया क्या है और यह अभियान क्यों जरूरी है?

फाइलेरिया, जिसे हाथीपांव भी कहा जाता है, एक परजीवी जनित बीमारी है जो मच्छरों के काटने से फैलती है। यह बीमारी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है और लंबे समय तक अनदेखी करने पर हाथ-पैर में स्थायी विकृति भी पैदा कर सकती है। इस बीमारी के उन्मूलन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एवं भारत सरकार की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। महासमुंद जिला प्रशासन इस अभियान को पूरी तरह सफल बनाने के लिए प्रयासरत है।

विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपील की कि महासमुंद जिले के प्रत्येक नागरिक इस अभियान में सहयोग करें और फाइलेरिया से बचाव हेतु निर्धारित दवाओं का सेवन करें।

यह अभियान सामूहिक भागीदारी और स्वास्थ्य जागरूकता के जरिए महासमुंद को फाइलेरिया मुक्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!