छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्यसरगुजा

Ambikapur News : मुख्यमंत्री से लुण्ड्रा की साफिया ने ली महिला समूहों की सशक्तिकरण की जानकारी……..

महोत्सव स्थल पर लोगों ने सुनी लोकवाणी...........


मुख्यमंत्री से लुण्ड्रा की साफिया ने ली महिला समूहों की सशक्तिकरण की जानकारी……..

P.S.YADAV/ब्यूरो चीफ/सरगुजा// मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 27वीं कड़ी को रविवार को मैनपाट महोत्सव में महोत्सव स्थल पर लोगों उत्साह के साथ सुना। इस कड़ी में मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार विषय पर बात की। लोकवाणी में लुण्ड्रा विकासखंड के ग्राम राता निवासी साफिया ने महिला समूहों के बकाया ऋण माफ करने की घोषणा के बाद समूह की महिलाओं के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम के बारे में जानकारी प्राप्त की।

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित संस्था छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा स्व-सहायता समूहों को ऋण देने का प्रावधान है। इसके साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों को 3 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। हमने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे समूहों को अब पहले की तुलना में दो से चार गुना तक ऋण मिल सके। सक्षम योजना में ब्याज दर 6.5 प्रतिशत थी, जिसे हमने घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया है।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

वहीं ऋण लेने की पात्रता भी दोगुनी कर दी है। इस तरह महिलाओं को अपने व्यवसाय के लिए अधिक आर्थिक सहायता देने के इंतजाम हमने किए हैं। अन्य योजनाओं में भी महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक सुविधाएं दी जा रही हैं। सभी की आवश्यकताएं अपने परिवार की परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग होती हैं। यदि कोई बेटी छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़कर स्वरोजगार करना चाहे तो बिहान योजना है, जिसमें अभी तक 2 लाख 6 हजार 362 समूहों के माध्यम से 22 लाख 14 हजार 426 महिलाएं जुड़ चुकी हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा भी महिला स्व-सहायता समूहों के गठन के माध्यम से रोजगारमूलक गतिविधियों के लिए मदद की जाती है। हमारी नई औद्योगिक नीति 2019-2024 में महिला स्व-सहायता समूहों, कृषि उत्पादक समूहों को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन हेतु विशेष रूप से पात्रता दी गई है। हमने समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 कर दिया है। छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के माध्यम से 121 उत्पादों का प्रसंस्करण और विक्रय हो रहा है। स्व-सहायता समूहों द्वारा भी वनोपजों की प्रोसेसिंग के माध्यम से 200 उत्पादों का विपणन किया जा रहा है। इन सब कार्यों में महिलाओं की बहुत बड़ी भागीदारी है।

Pradesh Khabar

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!