छत्तीसगढ़राज्यरायपुर

छत्तीसगढ़ की राम-रामायणी परंपरा को आगे बढ़ाने मानस मंडली प्रतियोगिता

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राम-रामायणी परंपरा को आगे बढ़ाने मानस मंडली प्रतियोगिता

WhatsApp Image 2025-08-07 at 11.02.41 AM
WhatsApp Image 2025-08-09 at 6.10.42 PM
WhatsApp Image 2025-08-09 at 6.30.06 PM
WhatsApp Image 2025-08-09 at 6.53.54 PM
WhatsApp Image 2025-08-09 at 6.35.56 PM
WhatsApp Image 2025-08-09 at 7.00.17 PM
WhatsApp Image 2025-08-09 at 7.56.08 PM (1)
WhatsApp Image 2025-08-10 at 12.57.14 PM
WhatsApp Image 2025-08-10 at 12.47.04 PM

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लगातार प्रयास

रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना: ग्राम पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक किया जा रहा है आयोजन

शिवरीनारायण में राज्य स्तरीय मानस मंडली प्रतियोगिता 08 से 10 अप्रैल तक

प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली रामायण मंडलियों को मिलेगी 5 लाख रूपए, 3 लाख रूपए और 2 लाख रूपए की पुरस्कार राशि

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और छत्तीसगढ़िया संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास प्रारंभ किए गए हैं। हमारी संस्कृति के हरेली, तीजा, पोरा त्यौहारों के शासकीय स्तर पर आयोजन की शुरूआत, रामवन गमन पर्यटन परिपथ के विकास की परियोजना, छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों को बढ़ावा, हरेली, हरितालिका तीज, छेरछेरा पुन्नी-शाकाम्भरी जयंती, कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस और छठपूजा पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा इन प्रयासों की बानगी है।

मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम, उनकी माता मॉ कौशल्या के साथ कौशल प्रदेश छत्तीसगढ़ के अभिन्न संबंधों के अनेक जीवंत प्रमाण छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति में रामनामी सम्प्रदाय, रामलीला और रामकोठी की परम्परा के रूप में विद्यमान है। ऐसी लोक मान्यता है कि भगवान राम की माता कौशल्या का जन्म और लालन-पालन छत्तीसगढ़ महतारी की गोद में हुआ था। संभवतः इसलिए सदियों से छत्तीसगढ़ के लोग भगवान राम को भांजे के रूप में मानकर उनको देव तुल्य आदर और सम्मान देते आ रहे हैं। ये परम्परायें और मान्यताएॅं हमारी बहुमूल्य अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर हैं जिन्हें संरक्षित करने का प्रयास राज्य शासन द्वारा किया जा रहा है। राम वनगमन पथ से जुड़े आस्था के केन्द्रों के विकास और उन्नयन सहित प्रदेश में व्याप्त राम-रामायणी परंपरा को बढ़ावा और संरक्षण देकर हमारी सरकार इस अनमोल धरोहर को भावी पीढ़ी को हस्तांतरित करने कृत-संकल्पित है।

संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ की रामायण मंडलियों के कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन और कलादलों को प्रोत्साहित करने के लिए ’रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना 2021’ प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक रामायण मंडलियों की प्रतियोगिता का आयोजन प्रारंभ हो गया है। ग्राम पंचायत स्तर पर 10 से 15 मार्च तक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इसी तरह ब्लॉक स्तर पर 15 से 31 मार्च तक प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। जिला स्तर पर 03 से 05 अप्रैल तक प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसके बाद जांजगीर-चांपा जिले में स्थित तीर्थ नगरी शिवरीनारायण में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 8 से 10 अप्रैल तक किया जाएगा। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले दल को 5 लाख रूपए, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली रामायण मंडली को 3 लाख रूपए और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले दल को 2 लाख रूपए की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाएगी।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)
WhatsApp Image 2025-08-07 at 11.02.41 AM

राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लगभग 250 से 300 रामायण मंडली शामिल होंगी। ग्राम पंचायत स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली रामायण मंडली को 5000 रूपए, ब्लॉक स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली रामायण मंडली को 10 हजार रूपए तथा जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली रामायण मंडली को 50 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
संस्कृति विभाग द्वारा रामायण मंडली के लोक कलाकारों की लोक पारंपरिक शैली, लोक पारंपरिक वाद्ययंत्रों के संरक्षण, संवर्धन विकास हेतु रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना के क्रियान्वयन के लिए कलाकारों को यथोचित प्रोत्साहन, सम्मान, पुरस्कार प्रदान करने की प्रक्रिया को मानक एवं पारदर्शी बनाने के लिए नियम बनाए गए हैं। छत्तीसगढ़ में 20619 ग्राम की 11 हजार 664 ग्राम पंचायतों के लगभग सभी ग्रामों में रामायण मंडलियां एवं शहरी क्षेत्रों में नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम के प्रत्येक वार्डों में रामायण मंडलियॉं सक्रिय हैं। संस्कृति विभाग के चिन्हारी पोर्टल में 5811 रामायण मंडली पंजीकृत हैं।

छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और कला को जीवंत बनाने में अपना सतत योगदान देने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे कलाकार जो लोक पारंपरिक शैली में श्रीराम चरितमानस पर आधारित कथानक को कलाकार समूहों द्वारा भजन कीर्तन, व्याख्या के माध्यम से प्रचलित शैली में प्रदर्शित करते हैं, जिसमें प्रमुख वाद्ययंत्र हारमोनियम, तबला, ढोलक, मंजीरा, झुमका का उपयोग किया जाता है। कई-कई गांवों में आज भी दिसम्बर-जनवरी के महिने में नवधा रामायण का आयोजन किया जाता है। वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को सप्ताहिक रामायण, सवनाही रामायण, नवधा रामायाण, रामायण प्रतियोगिता के माध्यम से ग्रामवासी जीवंत बनाये हुये हैं। वर्तमान में आधुनिकता के प्रभाव के कारण पारंपरिक वाद्ययंत्रों के स्थान पर इलेक्ट्रानिक वाद्ययंत्रों का प्रयोग किया जाने लगा है। संस्कृति विभाग के द्वारा रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के माध्यम से लोक कलाकारों की लोक पारंपरिक शैली, लोक पारंपरिक वाद्ययंत्रों को संरक्षण, संवर्धन कर प्रोत्साहन देना प्रमुख उद्देश्य है। छत्तीसगढ़ राजपत्र में दिनांक 01 अक्टूबर 2021 को रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना 2021 का प्रकाशन किया गया है।
प्रतियोगिता के आयोजन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच, सचिव की अध्यक्षता में, ब्लॉक स्तर के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में और जिला स्तर की प्रतियोगिता के आयोजन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल का गठन किया गया है। इन समितियों में एक सदस्य लोक कला से संबंधित हैं। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए संस्कृति विभाग के आयुक्त अथवा संचालक की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल का गठन किया गया है। इसमें दो शासकीय सदस्य और दो अशासकीय सदस्य शामिल किए गए हैं। इस आयोजन के लिए राज्य शासन द्वारा संस्कृति विभाग के प्रशासनिक विभाग और संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस प्रतियोगिता में ऐसी रामायण मंडलियां शामिल होंगी, जिनका संस्कृति विभाग के चिन्हारी पोर्टल में पंजीकृत है। इसके साथ तीन वर्षाे तक गांवों, कस्बों, ग्रामीण इलाकों में लोकप्रिय कलादल और नवोदित कलाकार भी इस प्रतियोगिता में शामिल हो सकेंगे। रामायण मंडली प्रोत्साहन के अंतर्गत चिन्हारी पोर्टल में पंजीकृत रामायण मंडलियों को विशेष प्रोत्साहन के तहत वर्ष में एक बार 5000 रूपए की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। आगामी दो वर्ष ये मंडलियां प्रोत्साहन राशि के लिए अपात्र होगी। इस योजना में लगभग 7000 मंडलियों को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान रखा गया है।

Ashish Sinha

WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)
WhatsApp Image 2025-08-07 at 11.02.41 AM
WhatsApp Image 2025-08-10 at 1.46.08 PM (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!