
केनापारा पर्यटन स्थल का नाम परिवर्तित कर समलेश्वरी महामाया पर्यटन स्थल किया जाए महाप्रबंधक ने लिखा एसडीएम को पत्र
श्रमिक संगठनों एवं दो दर्जन से ऊपर ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने महाप्रबंधक का किया समर्थन
गोपाल सिंह विद्रोही प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़ विश्रामपुर- केनापारा पर्यटन स्थल का नाम किसी भी ग्राम पंचायत या व्यक्ति के नाम पर न रख कर महामाया मां समलेश्वरी के नाम से नामकरण किया जाए इस आशय का पत्र एसईसीएल बिश्रामपुर महाप्रबंधक ने सूरजपुर अनुविभागीय दण्डाधिकारी को पत्र लिखकर विभिन्न श्रमिक संगठन प्रतिनिधियों एवं प्रबंधन का रुख केनापारा पर्यटन स्थल का नाम परिवर्तन विवाद पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है
एस ई सी एल बिश्रामपुर के मुख्य महाप्रबंधक विद्यानंद झा ने ग्राम कैनापारा स्थित पर्यटन स्थल संबंधी नामकरण पर ग्राम पंचायत तेलइकछार केनापारा एवं जयनगर के आमने-सामने को लेकर उपजे विरोध पर अपना रुख श्रम प्रतिनिधियों से राय लेने के बाद साफ स्पष्ट कर दिया है की केनापारा पर्यटन स्थल का नाम न तो केनापारा पर्यटन रखा जाए और न ही जयनगर इसे मां समलेश्वरी महामाया पर्यटन स्थल का नाम दिया जाए। किसी ग्राम या व्यक्ति के नाम से नामकरण न किया जाए। सुरजपुर एसडीएम को लिखे अपने पत्र में एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक विद्यानंद झा ने स्पष्ट किया है कि ग्राम केनापारा स्थित पर्यटन स्थल एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र का बन्द पड़ी खुली खदान का पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना एक महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। विगत कुछ दिनों से उक्त पर्यटन स्थल के नामकरण को लेकर ग्राम कैनापारा ग्राम तेलाईकछार एवं ग्राम जयनगर के ग्रामवासियों द्वारा अवरोध एवं विरोध के जरिये नामकरण करने हेतु दबाव डाला जा रहा है। विश्रामपुर क्षेत्र में संचालित श्रमिक संघ प्रतिनिधियों द्वारा उक्त विरोध को लेकर आक्रोशित है।यह उल्लेखनीय है कि ग्राम केनापारा पर्यटन स्थल का विकास कोल इण्डिया लिमिटेड का माइंस क्लोजर प्लान मद से एसईसीएल कम्पनी एवं राज्य शासन केनिगरानी में विकसित किया जा रहा है। यह पर्यटन स्थल सार्वजनिक उपयोग हेतु समर्पित हैअतः इसका नामकरण किसी ग्राम या व्यक्ति विशेष के नाम से न करते हुए वहाँ पर स्थित
“माँ समलेश्वरी” के नाम से उक्त पर्यटन स्थल का नामकरण किया जा सकता है। प्रबंधन के इस रुख को क्षेत्र के केनापारा तलईकछार ग्राम पंचायतों सहित दो दर्जन से ऊपर ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं जनपद सदस्यों ने समर्थन किया है तो वही एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के विभिन्न श्रमिक संगठनों ने इस कदम को सही बताते हुए कहा है कि एसईसीएल बिश्रामपुर प्रबंधन ने पर्यटन स्थल को विकसित करने के लिए जिला प्रशासन से कंधा से कंधा मिलाकर दो करोड़ खर्च कर चुकी है 5 करोड़ खर्च करने वाली है। खजाने पर्यटन स्थल पोखरी खदान बिश्रामपुर के 6 जनवरी है इसलिए इसका नामकरण का हक और अधिकार केवल एसईसीएल बिश्रामपुर प्रबंधन का है। इन दोनों का इस पर कोई हक नहीं है यहां के लोग मुआवजा नौकरी प्राप्त कर चुके हैं। इसलिए बेवजह सूरजपुर जिला का इस इकलौते पर्यटन स्थल को विवादित न बनाएं। विवादित कर विकास की गति न रोके। विभिन्न दलों को भी इस विवाद पर राजनीति की रोटी नहीं सेकनी चाहिए।
*संसदीय सचिव की अगुवाई में हुई बैठक बेनतीजा*
इस पूरे विवाद को पटाक्षेप करने के लिए सूरजपुर एसडीएम रवि सिंह ने बैठक आहूत की थी जिसमें भटगांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े, तहसीलदार प्रतीक जयसवाल, उप तहसीलदार माधुरी अंचला की उपस्थिति में गत 9 अगस्त2021 को सूरजपुर में बैठक हुई थी ।इस बैठक में एसडीएम ने दोनों पंचायतों के 5 -5 प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया था. एसडीएम के आदेश को पालन करते हुए केनपरा पंचायत के 5 प्रतिनिधियों ने शिरकत की जबकि जयनगर के 20 25 जनप्रतिनिधि बैठक में जा धमके। जिस पर नाराज केनापारा के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि इस बैठक में प्रेम नगर विधायक खेल साय सिंह नहीं है इसलिए इस बैठक में लिए जा रहे हैं निर्णय से हम सहमत है नहीं है। खेल साय सिंह के आने के बाद हीं किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा और यह इस प्रकार बैठक बेनतीजा संपन्न हो गया। यह बताना आवश्यक है कि इस दोनों निकायों की बैठक में एसईसीएल बिश्रामपुर प्रबंधन को बुलाया ही नहीं गया जिससे विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं प्रबंधन काफी नाराज दिखे और कहां की संपत्ति हमारी विवाद कोई और करें यह हमें मंजूर नहीं।बहरहाल जिला प्रशासन को चाहिए कि उक्त पर्यटन स्थल को समलेश्वरी महामाया पर्यटन स्थल का नामकरण कर इसके विकास के लिए युद्ध स्तर पर काम करें। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन एवं एसईसीएल के सहयोग से उक्त पर्यटन स्थल काफी उत्साह से विकसित किया गया था जिसका शुभारंभ 7 मार्च 2019 को सरगुजा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं भटगांव विधानसभा के प्रेम नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक खेल से सिंह बड़गांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक पारसनाथ राजवाड़े तत्कालीन जिला कलेक्टर दीपक सोनी की उपस्थिति में किया गया था जबकि 9 नवंबर 2019 को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में मंत्री विधायकों एवं जिले के अधिकारियों की मौजूदगी में धूमधाम से किया गया था जो अब बेवजह इस विवाद का विषय बनाया जा रहा है।
*दो निकायो की वर्चस्व की लड़ाई में ग्राम सचिव दहशत में*
ग्राम पंचायत केनापारा “तेलइकछार”एवं जयनगर पर्यटन स्थल विवाद से यदि सबसे ज्यादा कोई दहशत में है तो वह है दोनों ग्राम पंचायत का सचिव सियाराम रजवाड़े। सचिव का सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इन दोनों पंचायतों की रणनीति का थोड़ी भी बात लीक होती है तो दोनों पंचायतों के प्रतिनिधि सचिव सियाराम पर ही उंगली उठाते है कि तुम ही इस बात को लिक किया होगा । सचिव के तमाम दलील देने के बाद भी दोनों पंचायत के प्रतिनिधि सचिव की किसी दलील को मानने को तैयार नहीं दिखते। दहशत एवं शंका का वातावरण में जी रहा सचिव सियाराम जिला प्रशासन से इन दोनों ग्राम पंचायतों से हटाकर किसी अन्य ग्राम पंचायत मे स्थानांतरित किए जाने की मांग की है