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इजराइल, अमेरिका ने मानवाधिकार निगरानी संस्था की टिप्पणियों को ‘यहूदी विरोधी’ बताया

इजराइल, अमेरिका ने मानवाधिकार निगरानी संस्था की टिप्पणियों को ‘यहूदी विरोधी’ बताया

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जिनेवा, 29 जुलाई (एपी) इजराइल, अमेरिका और ब्रिटेन ने पश्चिम एशिया में हालात की समीक्षा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार निकाय के एक विशेषज्ञ की टिप्पणियों की बृहस्पतिवार को निंदा करते हुए उन पर ‘यहूदी विरोधी’ बयान देने का आरोप लगाया।

मीडिया ने बताया कि मिलून कोठारी ने ‘‘यहूदी लॉबी’’ की ओर इशारा करते हुए संयुक्त राष्ट्र का सदस्य राष्ट्र होने के इजराइल के अधिकार पर सवाल उठाया। कोठारी के इस बयान के बाद इजराइल, अमेरिका और कई अन्य देशों ने आरोप लगाया कि मानवाधिकार निकाय इजराइल के प्रति भेदभाव करता है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित मानवाधिकार परिषद ने कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र पर नजर रखने के लिए तीन-सदस्यीय जांच आयोग बनाया है। कोठारी इस आयोग के सदस्य हैं। आयोग ने इन आरोपों का तत्काल जवाब देते हुए कहा कि कोठारी के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया है।

इजराइल और गाजा में हमास उग्रवादी समूह के बीच पिछले साल 11 दिन चले युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की पूर्व प्रमुख नवी पिल्लई की अगुवाई में इस आयोग का गठन किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, इस युद्ध के दौरान गाजा में कम से कम 261 लोगों और इजराइल में 14 लोगों की मौत हो गई थी।

फलस्तीनी क्षेत्रों में इजराइल की नीतियां लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच के दायरे में रहती है।

फलस्तीनियों के प्रति इजराइल की नीतियों के आलोचक ऑनलाइन प्रकाशन ‘मोंडोवीस’ में सोमवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में, कोठारी ने आयोग के काम और जनादेश के बारे में बात की। उन्होंने इजराइल सरकार की ओर से सहयोग न मिलने का भी जिक्र किया।

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कनाडा समेत कुछ सरकारों के आलोचना करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहूदी लॉबी या उसके गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) द्वारा बड़े पैमाने पर नियंत्रित सोशल मीडिया को देखकर दु:खी हूं। हमें बदनाम करने के लिए काफी धन लगाया जा रहा है।’’

कोठारी ने कहा कि आयोग का काम मानवतावादी कानूनों, मानवाधिकार कानूनों और आपराधिक कानूनों पर नजर रखना है। उन्होंने कहा, ‘‘इन तीन मामलों में इजराइल सभी कानूनों का व्यवस्थित तरीके से उल्लंघन कर रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो इस बात पर भी सवाल खड़ा करूंगा कि वे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य ही क्यों हैं, जबकि वे संयुक्त राष्ट्र का सदस्य देश होने के अपने दायित्वों का सम्मान नहीं करते- इजराइली सरकार सम्मान नहीं करती।’’

पिल्लई ने मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि ऐसा लगता है कि कोठारी के ‘‘बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया’’ और आयोग को ‘‘आरोपों की गंभीरता के मद्देनजर कुछ मामलों पर स्पष्टीकरण देना आवश्यक लगता है।’’ यह पत्र बृहस्पतिवार को सार्वजनिक किया गया।

इजराइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड की प्रवक्ता केरेन हाजीऑफ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कोठारी के बयानों को लेकर ‘‘नाराज होना’’ चाहिए।

मानवाधिकार परिषद में अमेरिकी राजदूत मिशेल टेलर और यहूदी-विरोधी मामलों पर नजर रखने वाले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के विशेष दूत डेबोरा लिपस्टैड ने कहा कि कोठारी की टिप्पणियां अपमानजनक, अनुचित और यहूदी-विरोधी हैं। जिनेवा में ब्रिटेन के राजदूत साइमन मैनली ने इन टिप्पणियों को ‘‘अस्वीकार्य और अपमानजनक’’ कहा।

Ashish Sinha

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