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यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा को एचसी ने मेडिकल जमानत दी

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नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने रियल्टी कंपनी यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा के खिलाफ धन शोधन के एक मामले में उन्हें आठ सप्ताह की चिकित्सा जमानत दे दी है।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने चंद्रा को चिकित्सकीय आधार पर रिहा कर दिया और उनसे इतनी ही राशि के जमानती बांड के साथ 25,000 रुपये का निजी मुचलका भरने को कहा।

अदालत ने कहा कि मेडिकल रिकॉर्ड से यह स्पष्ट था कि चंद्रा की स्थिति काफी गंभीर थी और उम्र के कारण उनकी बीमारियों ने बड़ा अनुपात ग्रहण कर लिया था।

वह संज्ञानात्मक हानि और मनोभ्रंश से पीड़ित है। अदालत ने 28 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि उसे कार्डियोलॉजिकल के साथ-साथ न्यूरोलॉजिकल सहायता की भी जरूरत है और कई बार गिरना, वजन कम होना, याददाश्त कम होना आदि हो चुका है।

उपरोक्त कारणों से, मेरा विचार है कि याचिकाकर्ता को आठ सप्ताह की अवधि के लिए चिकित्सा जमानत पर बढ़ाया जाना चाहिए, अदालत ने कहा।

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अदालत ने उनकी रिहाई का निर्देश देते हुए चंद्रा को अस्पताल जाने के अलावा किसी भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने और अपने घर में ही रहने को कहा।

अधिवक्ता विशाल गोसाईं की ओर से पेश चंद्रा ने कहा कि वह 85 वर्ष के थे और संज्ञानात्मक हानि, तंत्रिका संबंधी और हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और उन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता थी।

ऐसी स्थिति हो सकती है जहां तत्काल जीवन रक्षक दवा, ऑक्सीजन और इंजेक्शन की भी आवश्यकता हो सकती है, लेकिन वह हिरासत में रहते हुए उपलब्ध नहीं होगा, उन्होंने आगे कहा।

आदेश में, अदालत ने चंद्रा को अभियोजन पक्ष के किसी गवाह या पीड़ित परिवार के किसी सदस्य के साथ संवाद नहीं करने, या संपर्क में नहीं आने या मामले के सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने को कहा।

अदालत ने यह भी कहा कि अस्पताल से आने-जाने के लिए जाने से पहले और वापस लौटने के बाद वह संबंधित जांच अधिकारी को इसकी सूचना देगा।

प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को बताया कि जेल में आरोपी को सभी आवश्यक दवाएं और चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जा रही है और अगर उसे मेडिकल जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह जांच में हस्तक्षेप करेगा।

Ashish Sinha

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