
रथ यात्रा में उम्डा आस्था का सैलाब हर कोई की जुबान पर जगन्नाथ महाप्रभु की जयकारे से गूंज उठा था शहर भक्तो ने किया था दिव्य दर्शन।
रथ यात्रा में उम्डा आस्था का सैलाब हर कोई की जुबान पर जगन्नाथ महाप्रभु की जयकारे से गूंज उठा था शहर भक्तो ने किया था दिव्य दर्शन।
गोपाल सिंह विद्रोही //बिश्रामपुर//उड़ीसापुरी धाम की तर्ज पर शहर भर में रविवार को महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन संपन्न किया गया! रविवार को सुबह से महाप्रभु जगन्नाथ जी का श्रृंगार, अभिषेक, पूजन एवं पारंपरिक विधि विधान से अनुष्ठान आयोजन किया गया! जिसमें सैकड़ो भक्तों शामिल होकर शामिल हुए!इस दौरान महाप्रभु जगन्नाथ के साथ माता सुभद्रा एवं भ्राता बलदेव की मूर्तियों को जैसे ही उठाकर रथ पर लाया गया तो समूचा मंदिर जयकारों से गुंज उठा! रथ यात्रा निकालकर महाप्रभु को उनकी मौसी गुंडिचा के घर देर रात 9:00 बजे तक पहुंचाया गया! जहां वे अगले 8 दिनों तक विश्राम करेंगे और वही उनकी पूजा अर्चना एवं विधि विधान से संपन्न की जाएगी, तत्पश्चात ve बहुडा यात्रा (वापसी यात्रा) के माध्यम से पुनः मंदिर लौटेंगे!
उल्लेखनीय है कि बीते रविवार जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में सुबह 10:00 बजे से परंपरागत तौर तरीकों से महाप्रभु जगन्नाथ जी की पूजा अर्चना एवं पूजन प्रारंभ की गई, तत्पश्चात दोपहर 3:00 बजे महाप्रभु जगन्नाथ जी, माता सुभद्रा एवं भ्राता बलदेव को अलग-अलग कर रथ पर सवार किया गया, तथा समाज के संजय पंडा शपत्निक एवं एल सी त्रिपाठी सपत्नीक के द्वारा रथ का विधि विधान से पूजन संपन्न किया गया तत्पश्चात महाप्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा में उपस्थित अतिथियों क्रमशः समाज के वरिष्ठ कृष्ण प्रधान, राज परिवार से उपस्थित राजा बिंदेश्वर शरण सिंह देव, सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, क्षेत्रीय विधायक भुलन सिंह मरावी, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश यादव, केरता शक्कर कारखाना अध्यक्ष विद्यासागर, सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष गोयल, एसईसीएल सीएमओ वी एन सिंह एवं सूरजपुर एसडीम जगन्नाथ वर्मा के द्वारा छेरा पहरा एवं झाड़ू की प्रथम संपन्न कर रथ को आगे बढ़ाया गया! वही रथ का सर्वप्रथम स्वागत उड़ीसा से प्रस्तुत कार्यक्रम जोड़ी संख् के द्वारा घोड़ा नमस्कार कर रथ को खींचने की परंपरा प्रारंभ की गई!
गौरतलब है कि गत 8 वर्षों से विश्रामपुर में संचालित महाप्रभु जगन्नाथ जी के रथ यात्रा में प्रत्येक वर्ष जन सैलाब बड़ता जा रहा है, आज के इस रथ यात्रा में सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और रथ को खींचते हुए बस स्टैंड, बस स्टैंड से अंबेडकर चौक, वापस अंबेडकर चौक से भटगांव रोड होते हुए मौसी मा मंदिर सरस्वती मंदिर (गुंडिचा मंदिर) में देर रात 9:00 बजे महाप्रभु को पहुंचाया गया! इस बीच जगह-जगह सभी समाज के द्वारा रथ का स्वागत किया गया एवं रथ यात्रा में शामिल भक्तों को पानी, शरबत, चाय नाश्ता की व्यवस्था की गई!
भक्तों की भीड़ ऐसी कि तय समय से विलंब पहुंचे मौसी के घर
गौरतल है कि प्रत्येक वर्ष श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या की वजह से एवं जगह-जगह स्वागत की वजह से इस वर्ष तय समय से काफी देर के बाद महाप्रभु जगन्नाथ जी को मौसी के घर पहुंचाया गया! वहीं तेज बारिश के बीच भी भक्तों ने नहीं छोड़ी महाप्रभु की डोर !झमा झम बारिश में भी भीगते हुए महाप्रभु को पहुंचाया मौसी के घर! जगह-जगह भक्तों ने अपनी भक्ति भाव का परिचय देते हुए उमंग से झूमते रहे, वहीं उड़ीसा से प्रस्तुत कार्यक्रम जोड़ी संख रहा मुख्य आकर्षण का केंद्र! जिसमें नंत शेषनाग, आनंद सयन, घोड़ा प्रणाम सहित विविध आयोजन ने भक्तों का मन मोह लिया! कार्यक्रम को सफल बनाने मैं समाज के संरक्षक अशोक स्वाई, अध्यक्ष विशाल स्वाई, कोषाध्यक्ष अलंकार नायक, सचिव प्रभाकर स्वाई, उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रधान, शह सचिव अक्षय साहू, सहित सेनापति प्रधान, त्रिनाथ देवीरी, संतोष बिसवाल, प्रदीप त्रिपाठी,सूरज शेट्टी, विद्याधर साहू,राजन आदि एवं महिला मंडल से अध्यक्ष दीप्ति स्वाई, गीता स्वाई, मंजू स्वाई, लीलावती, अनुराधा प्रधान, सविता,रीता त्रिपाठी प्रभासिनी नायक,कुन्नी का सफल योगदान रहा।
पारंपरिक प्रथा अनुसार राजा ने लगाया झाड़ू
ज्ञात हो की उड़ीसा पुरी धाम में प्रत्येक वर्ष सर्वप्रथम क्षेत्र के राजा के द्वारा झाड़ू लगाकर रथ को रवाना करने की परंपरा युगों युगों से चलती आ रही है! इसी परंपरा के तर्ज पर रविवार को सरगवा राजा बिंदेश्वर शरण सिंह देव के द्वारा रथ के सामने झाड़ू की प्रथम पारंपरिक प्रथा को संपन्न कर रथ को आगे बढ़ाने की विधान को संपन्न किया गया, प्रत्येक वर्ष जगन्नाथ मंदिर में राजा बिंदेश्वर शरण सिंह देव के द्वारा इस परंपरा को संपन्न किया जाता है!
आगामी सोमवार को होगा बाहुडा यात्रा
इस संबंध में समाज अध्यक्ष विशाल स्वाई के द्वारा बताया गया कि आगामी 11 जुलाई दिन गुरुवार को महालक्ष्मी यात्रा का आयोजन किया जाना है जो मंदिर प्रांगण से निकलकर महाप्रभु जगन्नाथ जी के रथ तक जाएगा और रथ को पारंपरिक तौर से तोड़ने के पश्चात महालक्ष्मी यात्रा संपन्न किया जाएगा! इसके पीछे की पारंपरिक कथा है कि महाप्रभु के बिना बताए घर से निकलकर मौसी के घर चले जाने से नाराज महालक्ष्मी अपने पति के रथ को तोड़ने के लिए निकलते है! वही सोमवार 15 जुलाई को बाहुडा यात्रा संपन्न किया जाना है, जो दोपहर 1:00 बजे आरटीआई कॉलोनी स्थित सरस्वती मंदिर (गुंडिचा मंदिर) से निकलकर बस स्टैंड होते हुए अंबेडकर चौक एवं पुनः अंबेडकर चौक से बस स्टैंड होते हुए मंदिर प्रांगण तक जाएगा, जिसे बहुदा यात्रा वापसी यात्रा कहा जाता है ,तत्पश्चात संध्या 6:00 बजे से संपूर्ण क्षेत्र के भक्तों के लिए महाप्रभु जगन्नाथ जी का महाप्रसाद आयोजित किया गया है जो लगातार रात्रि 11:00 बजे तक जारी रहेगा!