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एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र 7 माह में किया 2.65लाख कोयला का उत्पादन

एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र 7 माह में किया 2.65लाख कोयला का उत्पादन

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15 अक्तूबर तक कर लेगा 2.86 लाख टन उत्पादन जो पिछले वर्ष के उत्पादन का होगा बराबर

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गोपाल सिंह विद्रोही बिश्रामपुर- एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र पिछले वित्तीय वर्ष के 12 माह में उत्पादित किया गए कोयला के बराबर इस वित्तीय वर्ष के पांच माह में ही बराबरी करने में मात्र दो कदम पीछे है जो 15 अक्तूबर तक पूर्ण कर लेने में सफल हो जायेगी।
जानकारी के अनुसार एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र कोयला उत्पादन रूपी पटरी में धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा और पिछले वित्तीय वर्ष से इस वित्तीय वर्ष में बेहतर कर रहा है ।यदि इसी तरह सब ठिक ठाक रहा तो बहुत तेजी से कोयला उत्पादन का रफ्तार पकड़ लेगी है फिलहाल कोयला उत्पादन से अधिकारियों कर्मचारियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है । आलम यह है कि पिछले चालू वित्त वर्ष के 12 माह में हुए कोयला उत्पादन की तुलना में इस चालू वित्तीय वर्ष के आगामी 15 अक्टूबर को ही बराबरी कर लेगी। यहां बताना आवश्यक है कि लंबे समय से बिश्रामपुर क्षेत्र कोयला उत्पादन करने मे अन्य क्षेत्रों से काफी पीछे चल रहा है जिससे क्षेत्र को करोड़ों रुपए की आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में कोयला का उत्पादन करना प्रबंधन को एक बड़ी चुनौती थी। क्षेत्र के अधिकांश कोयला खदाने अंतिम सांसे ले रही है जिससे अधिकारी कर्मचारियों में मायूसी छा गई थी। पिछले वित्तीय वर्ष मैं बिश्रामपुर क्षेत्र का कंपनी मुख्यालय से 9 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था जिसमें विश्रामपुर महज 2लाख 86 हजार टन ही कोयला का उत्पादन किया था इस वर्ष वित्तीय वर्ष मैं बिश्रामपुर क्षेत्र को 1550000 टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है जिसमें बिश्रामपुर क्षेत्र समाचार लिखे जाने तक 265000 कोयला का उत्पादन कर चुका है और और पिछले वर्ष की तुलना में आगामी 15 अक्टूबर तक 286000 कोयला का उत्पादन कर लेगा इस प्रकार पिछले वित्तीय वर्ष चालू वित्तीय वर्ष मैं बहुत तेजी से कोयला उत्पादन में सुधार हुआ है अब तक समाचार लिखे जाने तक 265000 टन कोयला का उत्पादन हो चुका है जबकि 1550000 टन लक्ष्य को पूरा करने में अभी 5 माह शेष है। एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के यूं तो सभी खदाने बूढ़ी हो चुकी है, कुछ बंद हो गई है कुछ कछुए की चाल से चल रही है परंतु आम गांव खुली खदान ने क्षेत्र को पुनः पटरी पर लाने में जुट गई है। क्षेत्र विभिन्न खदानों के उत्पादन पर एक नजर डालें तो आमगांव खुली खदान से प्रतिदिन 2000 टन , बलरामपुर खदान से 100 से 400 टन रेहर गायत्री 400 से 600 टन तक कोयला का उत्पादन कर रही है। आमगांव खुली खदान से जो हाल ही में कोयला उत्पादन प्रारंभ की है प्रतिदिन 2000 टन कोयला का उत्पादन कर रही है और यहां से डिस्पैच 2000 टन प्रतिदिन हो रहा है। उत्पादित कोयला का स्टॉक 35000 टन है। उल्लेखनीय है कि पिछले वित्तीय वर्ष में बिश्रामपुर क्षेत्र को 9लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था जिसमें महज विश्रामपुर 2.86 लाख टन ही कोयला का उत्पादन कर पाया था जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में कोयला का उत्पादन 12 माह में 2. 86 लाख टन किया था उसके तुलना में इस वित्तीय वर्ष में मात्र 7 माह में ही क्षेत्र ने आगामी 15 अक्टूबर तक 2.86 लाख टन कोयला का उत्पादन कर लेगा। समाचार लिखे जाने तक क्षेत्र 2.65 लाख टन कोयला का उत्पादन कर चुका है ।यहां बताना आवश्यक है कि पिछले वित्तीय वर्ष 21 22 में क्षेत्र को 9लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था जबकि क्षेत्र महज दो लाख 86 लाख टन कोयला का उत्पादन ही किया। चालू वित्तीय वर्ष 22 -23 में क्षेत्र को 15 लाख 50 हजार टन का लक्ष्य दिया गया है अब तक 7 माह में 2.65 लाख कोयला का उत्पादन कर चुका है आगामी 15 अक्टूबर तक इसे पिछले वित्तीय वर्ष में उत्पादित कोयला के बराबर अर्थात 2 लाख 86 लाख कोयला उत्पादन कर लेगा जबकि संपूर्ण लक्ष्य प्राप्त करने के लिए क्षेत्र को अभी 5 माह बाकी है आपसी सामंजस्य से कोयला उत्पादन का लक्ष्य होगा पूर्ण -जीएम अमित सक्सेना इस संबंध में क्षेत्र के महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने कहा कि ये बात सत्य है कि विश्रामपुर के सभी खदाने पुरानी हो चुकी है। कोयला का उत्पादन नहीं कर रही है परंतु पिछले वित्तीय वर्ष से बेहतर स्थिति में है। आमगांव खुली खदान से तीन-चार माह पहले से कोयला का उत्पादन प्रारंभ हुआ है। अधिकारी, कर्मचारी श्रमिक नेताओं ,जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के आपसी सामंजस्य से कोयला का उत्पादन लक्ष्य हम सब पूर्ण करेंगे। क्षेत्रीय जनता का भी सहयोग की अपेक्षा है। यदि सभी का सहयोग मिला तो हम उत्पादन लक्ष्य को बहुत आसानी से पूर्ण कर लेंगे।

Ashish Sinha

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