
1760 हेक्टेयर में फैले भूमि पर 4422 9300 लाख पेड़ो की लगी है नर्सरी
1760 हेक्टेयर में फैले भूमि पर 4422 9300 लाख पेड़ो की लगी है नर्सरी
काटने में लगी है ग्रामीण महिलाएं
रोक टोक करने पर संदिग्ध मामले में फंसाने की देती है धमकी
पहले हरे भरे पेड़ों को करती है कटाई सूखने पर पुरुषों का साथ करती है ढोलाई
गोपाल सिंह विद्रोही
बिश्रामपुर – एसईसीसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र द्वारा पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए1760 हेक्टेयर में 44,422,93.00लाख पौधे लगाए गए जो विशाल वृक्षों का रूप ले रखा है, परंतु इन वृक्षों को बेरोकटोक अंधाधुन ग्रामीणों द्वारा प्रतिदिन सैकड़ों वृक्षों को बलि चढ़ाई जा रही है जिन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं है। बेखौफ वृक्षों की कटाई से पर्यावरण संतुलन की स्थिति बिगड़ती जा रही है।
किन क्षेत्रों में कितने लगाए गए वृक्ष, एक नजर
एसईसीएल बिश्रामपुर अपने क्षेत्र के विभिन्न खदान क्षेत्रों में सन 1990 से विभिन्न प्रजातियों के पौधे वन विकास निगम के माध्यम से लगा रही है। इन क्षेत्रों पर एक नजर डालें तो 1990 में कुंवारी नंबर 3,4,5 जयनगर बलरामपुर मैं 200000, वर्ष 1991 में क्वायरी नंबर 1,2,8 सीएचपी मैं 470000,वर्ष 1992 में क्वायरी नंबर 7 ,गोविंदपुर, कुमदा कॉलोनी 7-8, बलरामपुर, डीएवी स्कूल बिश्रामपुर कूमदा सड़क मार्ग 250000, वर्ष1993 में क्वारी नंबर 3 , कूमदा सड़क मार्ग, जयनगर, बिश्रामपुर महाप्रबंधक निवास परिसर, प्रोजेक्ट ऑफिस 441870 वर्ष 1994 में कुंव
क्वारी नंबर 4 ,5, 7 कूमदा रोड, डीएवी स्कूल ,एसईसीएल कॉलोनी, सिविल ऑफिस परिसर ,जयनगर के आसपास गोविंदपुर 318000, वर्ष 1995 में क्वारी नंबर दो ,2 5, डीएवी स्कूल, 5 लाख 29 हजार वर्ष1996 क्वारी नंबर 2, 3 , 4 ,5 ,6, कामगार कॉलोनी, रेलवे स्टेशन के आसपास जयनगर क्षेत्र 550000 वर्ष 1997 में क्वारी नंबर 8, गोविंदपुर गांव, जयनगर कमलापुर, गोविंदपुर, कूमदा कॉलोनी ,बलरामपुर ,डीएवी स्कूल गंगीकोट 300000,वर्ष 1998 में क्वारी नंबर 9 ,8 ,करमपुर ग्राम, कसकेला 118000 वर्ष 1999 में क्वाएरी नंबर 9 , 8 गांगीकोट ग्राम, पासिंग नाला, करमपुर, कूमदा, चाइनीस होटल ,फिल्टर हाउस, कूमदा साइडिंग ,साइडिंग रोड ,बलरामपुर 92912 वर्ष 2000 क्वायरी नंबर 9 कूमदा क्षेत्रक्वायरि 7-8 का बाउंड्री, 7-8 बलरामपुर 106000,वर्ष 2001 में क्वायरी नंबर 8 बलरामपुर करमपुर 89000 वर्ष 2002 मे कमलापुर पैनल 7-8 पैनल बलरामपुर कूमदा, डिस्पेंसरी ,जयनगर 78000 0, वर्ष 2003 में बलरामपुर नर्सरी
सहित अन्य क्षेत्रों में 45000, 2004 में डंप एरिया सहित पैनल बलरामपुर 70000 ,वर्ष 2005 में कुंडा क्षेत्र में 102000 ,वर्ष 2006 में कमलापुर बलरामपुर कूमदा डिस्पेंसरी 46404, वर्ष 2007 में कमलापुर डिस्पेंसरी कूमदा जयनगर 7-8 अंडर ग्राउंड माइंस एरिया 41975, वर्ष 2008 बलरामपुर कूमदा माइंस सहित अन्य क्षेत्र में 75000 , वर्ष 2010 मी कूमदा, बलरामपुर फुटबॉल ग्राउंड, कुंवारी नंबर 8 सहित अन्य क्षेत्रों में 18800 ,वर्ष 2011 बलरामपुर सहित अन्य क्षेत्रों में 25100 ,वर्ष 2012 कुंदा 7-8 सहित अन्य क्षेत्रों में 53000 ,वर्ष 2013 कुंदा 7-8 सहित अमेरा ओसीपी हॉस्पिटल रोड ,टुए कॉलोनी 24200 ,वर्ष 2014 कूमदा के विभिन्न क्षेत्रों में 63750 वर्ष 2015, कुंदा क्षेत्र के बलरामपुर अमेरा ओसीपी सहित अन्य क्षेत्रों में 53000 वर्ष ,2016 कुंदा बलरामपुर, आमगांव के विभिन्न क्षेत्रों में 41875, वर्ष 2017 में आमगांव ओ सी एम माइंस कुंवारी नंबर 1 सहित अन्य क्षेत्रों में 30,000 वर्ष 2018 में अमेरा ओसीएम प्रोजेक्ट इंटरनल डंप ,अमेरा ओ सी एम माइंस 30,000 वर्ष 2018 अमेरा, आमगांव , रेगाज क्षेत्र में 23000, वर्ष 2019 आमगांव ओ सी प्रोजेक्ट, रेगाज़ 28750 वर्ष 2020 में आमगांव प्रोजेक्ट 57630 वर्ष 2021 वर्ष 2022 में कोई नए वृक्षों का पौधे नहीं लगाया गए ।इस तरह एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए वन विकास निगम के माध्यम से 44 लाख 42 हजार 253 पौधे तैयार कर 1760 हेक्टेयर में विभिन्न प्रजाति के वृक्ष के पौधे को तैयार कर वृक्ष के रूप में विशाल व घने नर्सरी विकसित किया गया ,जिसे अंधाधुन कटाई की जा रही है ।इसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं है।
महिलाओं के खौफ के सामने किसी की हिम्मत नही गंभीर मामले में फंसाने की धमकी
झुंड बनाकर अंधाधुन नर्सरी को काटने वाली महिलाओं का खौफ इस कदर है कि लोग उन्हें रोकने टोकने के हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। धारदार कुल्हाड़ी के साथ दर्जन की संख्या में झुंड बनाकर पेड़ काटने निकलती है ।ग्रामीण महिलाएं पेड़ काटने पर यदि कोई रोकता है तो उन्हें उल्टे पांव भागना पड़ता है महिलाओं द्वारा धमकी दिया जाता है कि यदि हमें रोके तुम्हें भारी पड़ेगा। भागो नही तो छेड़खानी के मामले में फंसा देंगे।धमकी के साथ भद्दी भद्दी गाली देती है ।जिससे कोई भी व्यक्ति इन महिलाओं से टकराने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है।फलस्वरूप 1 दिन में ही सैकड़ों वृक्षों की कटाई की जा रही है। पहले पेड़ो को काटती है सूखने के बाद पूरे परिवार उसे ढोने में लग जाते है। सेंट्रिंग करने वाले ठेकेदारों को बेच देते है।
सुरक्षा कर्मचारियों की कमी, आम जनों की सहयोग न मिलना महिलाओं को रोकना एक बड़ी चुनौती- महाप्रबंधक
इस संबंध में एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक कहते कि क्षेत्र में सुरक्षा कर्मचारियों की लंबे समय से कमी है तो वही आम जनों की सहयोग ना मिलना वृक्षों का कटाई का मुख्य कारण हर व्यक्ति का दायित्व है हरे भरे वृक्षो को ना काटा जाए वृक्षों से पर्यावरण संतुलित रखता है सुधरता है वृक्ष और प्राणी के लिए वरदान है इसके बाद भी ग्रामीण महिलाएं अज्ञानता के अभाव में वृक्षों को काटी पड़ी है जिसे रोकना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी और दायित्व है परंतु इधर किसी के भी रुचि नहीं है परिणाम ता अंधाधुन पेड़ काटे जा रहे हैं यही हाल रहा तू बिश्रामपुर 1990 से पूर्व का विश्रामपुर हो जाएगा।
इस संबंध में क्षेत्रीय सुरक्षा अधिकारी पार्थ चटर्जी ने बताया कि क्षेत्र में मात्र 65 सुरक्षा कर्मचारी है तैनात है जोकि बिश्रामपुर क्षेत्र का दायरा बहुत लंबा है संवेदनशील पॉइंट पर एक ही सुरक्षा कर्मचारी की तैनाती करनी पड़ती ऐसे में नर्सरी की सुरक्षा मुश्किल हो रहा है।