छत्तीसगढ़महासमुंदराज्य

जिला जेल महासमुन्द से फरार पाँचो कैदी पकड़े गए. 

जिला जेल महासमुन्द से फरार पाँचो कैदी पकड़े गए.

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जिला जेल महासमुन्द से फरार पाँचो कैदियों को जिला पुलिस बल ने 36 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर पुन: जेल भेज दिया है. कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी महासमुन्द श्री डोमन सिंह ने फरारी के मामले में सत्यता की जांच के लिए दण्डाधिकारी जांच के आदेश जारी कर दिया है. घटना में प्रथम दृष्टि दोषी पाये जाने पर एक मुख्य प्रहरी और तीन प्रहरी को निलंबित किया गया है. किंतु आश्चर्य की बात है कि जेलर आर एस सिंह पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है. यहॉ तक कि सामान्य कारण बताओ नोटिस तक नहीं दिया गया है. आखिर जेलर को कौन बचा रहा है? निलंबन में इतनी देरी क्यों हो रही है? यद्यपि इसी जिला जेल महासमुन्द में छोटी छोटी घटनाओं पर अधिकारियों को निलंबित किया जाता रहा है. जेल अधीक्षक संतोष मिश्रा को तीन पुड़िया गांजा जब्ती मामले में निलंबित किया गया था. ए आर चंद्राकर को कैदी से मामूली मारपीट और जेलर एस के साहू को चिड़िया मारने के मामले में जबकि एस के साहू अवकाश पर थे तब भी जेल मुख्यालय ने निलंबित कर दिया था. महासमुन्द जेल ही नहीं छत्तीसगढ जेल के इतिहास में भी दंतेवाड़ा के बाद इतनी बडी़ घटना हो गई लेकिन जेलर के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है. पाँच कैदियों के फरारी में जेलर आर एस सिंह के घोर लापरवाही, अकर्मन्यता और शिथिल नियंत्रण के कारण ही हुआ है. कई सवाल है जिसके लिए आर एस सिंह सीधे सीधे जिम्मेदार है. जेल में लोहे का छड़ बैरक तक बिना तलाशी के कैसे पहुंचा? बैरकों की तलाशी महीनों से नहीं किया गया है. 440 वोल्ट का लाइव करेंट कई दिनों से खराब पड़ा है. सायरन खराब है. आधे से एक घंटे के कठिन संघर्ष के बाद कैदी लोग भागने में कामयाब हुए हैं, किंतु जेलर को पता भी न चला. जब कैदी भाग रहे थे तो ड्यूटी में तैनात सभी प्रहरी एक जगह कई घंटे से बैठकर गप्प मार रहे थे,और जेलर बंगले में सो रहे थे. किसी भी प्रहरी ने बैरक तक जाने की जहमत तक नहीं उठाया. यह सब जेलर के शिथिल नियंत्रण के कारण ही हुआ है. जेलर आर एस सिंह के खिलाफ गंभीर किस्म की शिकायतें मिली हुई हैं लेकिन उसके ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किया गया है. यहॉ तक की स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने भी दुर्व्यवहार की शिकायत कर हटाने की मांग किया था पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया. रायपुर के जिम्मेदार अधिकारियों ने पाँच सालों से जेल का निरीक्षण तक नहीं किया है, यह जानने की कोशिश नहीं की कि महासमुन्द जेल में चल क्या रहा है. अब जेल मुख्यालय तीन प्रहरियों को निलंबित कर कर्तव्य की इतिश्री मान रही है. इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी जेलर को बचाया जा रहा है, देखना है कि जेलर आर एस सिंह के खिलाफ कब तक कार्यवाही होती है.

महासमुन्द से छोटे खान की खास रिपोर्ट……

News Desk

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