
साइबर ठगों से सतर्क रहें: प्रधानमंत्री नल जल योजना के नाम पर ठगी का मामला
साइबर ठगों से सतर्क रहें: प्रधानमंत्री नल जल योजना के नाम पर ठगी का मामला
महासमुंद/ छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के विकासखंड बसना और सरायपाली में साइबर ठगों ने पंचायत प्रतिनिधियों को निशाना बनाकर ठगी का नया तरीका अपनाया है। ठग खुद को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग का अधिकारी बताकर प्रधानमंत्री नल जल योजना के तहत मजदूर भेजने का झांसा देकर सरपंचों से धनराशि की मांग कर रहे हैं। ठगी का यह मामला हाल ही में बसना विकासखंड के दूधिपाली पंचायत में सामने आया, जहां एक सरपंच से ₹25,000 की ठगी की गई। इस ठगी के मामले में पीड़ित ने विभागीय अधिकारियों और पुलिस को जानकारी दी।
साइबर ठगों ने खुद को PHE विभाग रायपुर और महासमुंद का अधिकारी बताकर फोन पर संपर्क किया। उन्होंने सरपंचों से कहा कि प्रधानमंत्री नल जल योजना के तहत उनके क्षेत्र में काम करने के लिए मजदूरों को भेजा जा रहा है और इसके लिए राशन के नाम पर 60,000 रुपये उनके खाते में ट्रांसफर किए जा रहे हैं। लेकिन ठगों ने इसके बाद यात्रा खर्च और रास्ते के खर्चे के नाम पर 20,000 रुपये की मांग की। यह राशि फोन पे के माध्यम से भेजने का निर्देश दिया गया था। ठगों के इस झांसे में आकर सरपंच ने 25,000 रुपये भेज दिए।
इस मामले में विभागीय अधिकारियों ने साफ किया है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग किसी भी सरपंच या पंचायत प्रतिनिधि से इस तरह की धनराशि की मांग नहीं कर रहा है। विभाग के अधिकारियों ने साइबर ठगों के इस प्रकार के प्रयासों को पूरी तरह से भ्रामक और धोखाधड़ी करार दिया है।
महासमुंद जिले के विभागीय अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी सरपंच या पंचायत प्रतिनिधि को इस तरह के कॉल आते हैं तो वे बिल्कुल भी उन पर विश्वास न करें। साइबर ठगों के झांसे में आने से बचने के लिए विभागीय अधिकारियों ने अपील की है कि इस प्रकार के कॉल या संदेशों के बारे में संबंधित पुलिस स्टेशन और विभागीय अधिकारियों को तुरंत सूचित करें। इसके अलावा, किसी अनजान व्यक्ति को पैसे भेजने से पहले पूरी तरह से सत्यापन करना जरूरी है।
साइबर ठगों द्वारा किए जा रहे इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों में सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि ठग अब सरकारी योजनाओं के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नल जल योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजना को लेकर ठगों ने लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। इस तरह के मामलों में अक्सर नागरिकों को नहीं पता होता कि क्या सही है और क्या गलत, जिससे वे ठगों के जाल में फंस जाते हैं।
साइबर ठगी का यह तरीका एक नए खतरे के रूप में सामने आ रहा है, क्योंकि अब ठग केवल व्यक्तिगत डेटा ही नहीं, बल्कि लोगों की मेहनत की कमाई भी चोरी कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं का नाम लेकर ठग लोगों के विश्वास का गलत फायदा उठा रहे हैं। ऐसे मामलों में पीड़ितों को आमतौर पर यह नहीं पता चलता कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं, जब तक कि बहुत देर हो चुकी होती है।
इस घटना के बाद, विभागीय अधिकारियों ने सभी सरपंचों और पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे किसी भी अनजान कॉल या संदेश से सतर्क रहें। यदि कोई इस तरह का कॉल आता है तो उसे तुरंत पुलिस के पास रिपोर्ट करें। इसके अलावा, किसी भी अनजान व्यक्ति से कोई भी धनराशि न भेजें, चाहे वह किसी भी बहाने से हो।
इस ठगी के तरीके को समझते हुए, अब यह जरूरी हो गया है कि लोग इस बात को समझें कि सरकार किसी भी प्रकार से फोन पर किसी भी तरह की धनराशि की मांग नहीं करती है। यह पूरी तरह से ठगी का प्रयास है। पुलिस और विभागीय अधिकारियों ने इन ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।
साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए, पुलिस और संबंधित विभागों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल को नजरअंदाज करें और तुरंत इसकी सूचना अधिकारियों को दें। साइबर ठगी के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए जन जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
महासमुंद जिले के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में साइबर ठगों द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों का पता चला है, जिनमें से एक नंबर 9473621164 (रायपुर PHE विभाग) और दूसरा नंबर 9127269740 (महासमुंद PHE विभाग) है। इसके अलावा, 8403856013 नंबर का उपयोग भुगतान के लिए किया गया था। ये सभी नंबर ठगों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे थे। इन नंबरों के जरिए ठगों ने सरपंचों को धोखा देने की कोशिश की थी।
इस प्रकार के साइबर अपराधों से बचने के लिए पुलिस ने सलाह दी है कि लोग किसी भी प्रकार के अनजान कॉल या मैसेज से बचें। यदि कोई कॉल आता है तो पहले उसकी सत्यता की जांच कर लें और किसी भी तरह की धनराशि का लेन-देन करने से पहले पूरी तरह से सतर्क रहें।
साइबर ठगी की घटनाओं की बढ़ती संख्या ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब इंटरनेट और फोन के जरिए होने वाली ठगी को रोकने के लिए लोगों को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। अगर हम सभी लोग एकजुट होकर इस पर ध्यान देंगे और इस तरह के ठगों के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे, तो इन अपराधों पर काबू पाया जा सकता है।
सरकारी विभागों और पुलिस की यह जिम्मेदारी है कि वे जनता को इस तरह के अपराधों के बारे में जागरूक करें और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।