
दिल्ली प्रदूषण फिर चरम पर: AQI 400 के पार, सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को फटकारा
दिल्ली-NCR में एयर क्वालिटी फिर बहुत खराब श्रेणी में पहुंची। कई क्षेत्रों में AQI 400 से ऊपर रिकॉर्ड हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हवा साफ करने के लिए जादू की छड़ी नहीं है, सरकारों को ठोस कदम उठाने होंगे। सोमवार को फिर होगी सुनवाई।
दिल्ली में प्रदूषण बेकाबू: AQI फिर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा—”हम जादू की छड़ी नहीं चला सकते”
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का संकट लगातार बनी हुई है। 27 नवंबर, गुरुवार की सुबह राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) फिर बहुत खराब (Very Poor) श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया। सुबह दिल्ली का कुल AQI 351 रहा। यह लगातार दूसरा दिन था जब एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) द्वारा GRAP स्टेज-3 की पाबंदियां हटाने के बावजूद हवा की गुणवत्ता में कोई ठोस सुधार नहीं दिखा।
21 दिन से लगातार विषैली हवा
दिल्ली में यह प्रदूषण का लगातार 21वां दिन है जब AQI 300 से ऊपर बना हुआ है।
- बुधवार शाम 4 बजे—24 घंटे का औसत AQI: 327
- मंगलवार—353
- सोमवार—328
यानी हवा में सुधार की घोषणा के बावजूद दिल्ली लगातार प्रदूषण की गिरफ्त में है।
दिल्ली के कई इलाके ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में
गुरुवार सुबह जिन इलाकों में AQI दर्ज किया गया, वह बेहद खतरनाक है—
- रोहिणी – 400
- विवेक विहार – 400
- वजीरपुर – 406
- बवाना – 405
- आनंद विहार – 390
- नेहरू नगर (लाजपत नगर) – 395
ये सभी रीडिंग ‘गंभीर’ (Severe) स्तर को छू रही हैं, जो सीधे फेफड़ों और हृदय पर असर डालती हैं।
पूरे NCR की हवा भी खराब
दिल्ली के साथ-साथ NCR के अन्य शहरों में भी स्थिति चिंताजनक है—
- दिल्ली – 349
- नोएडा – 364
- ग्रेटर नोएडा – 375
- गाजियाबाद – 357
- गुरुग्राम – 300
यह साफ दिखाता है कि दिल्ली ही नहीं, पूरा NCR जहरीली हवा का सामना कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट सख्त — “समाधान चाहिए, बहाने नहीं”
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-NCR के वायु प्रदूषण पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश CJI सूर्यकांत ने बेहद कड़े शब्दों में चिंता जताई।
CJI ने कहा—
- “हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि आज ही हवा साफ कर दें।”
- “हवा की समस्या सिर्फ बोलने से नहीं, ठोस कदमों से हल होगी।”
- “समस्या कई वजहों से है, सिर्फ एक कारण मानना बड़ी भूल होगी।”
कोर्ट ने कहा कि उसे जानना होगा कि सरकारों और संबंधित एजेंसियों ने प्रदूषण रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए।
एक्सपर्ट कमेटी पर भी सवाल
सुनवाई में एक वकील ने बताया कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) तय करने का काम विशेषज्ञ समिति करती है। इस पर CJI ने कहा कि वे यह भी देखेंगे कि—
- क्या सरकार ने सही तरीके से एक्सपर्ट कमेटी बनाई है?
- क्या उस कमेटी ने व्यवहारिक समाधान सुझाए हैं?
कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि जरूरी हुआ तो वह ऐसे तुरंत निर्देश जारी करेगा जो हवा को साफ करने में वास्तविक प्रभाव डालें।
आगे क्या?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले को सोमवार को फिर से सुनेगा, और यह भी देखेगा कि—
- केंद्र एवं राज्यों ने कौन से कदम उठाए?
- प्रदूषण के असली कारण क्या हैं?
- इन्हें रोकने के लिए प्रभावी उपाय क्या हो सकते हैं?
फिलहाल दिल्ली-NCR के करोड़ों लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं और तुरंत ठोस एक्शन की जरूरत है।










