छत्तीसगढ़राज्यरायपुर

मुख्यमंत्री ने माता के दरबार में समूह की 15 महिलाओं द्वारा दी गई टोकरी में पूजन सामग्री एवं प्रसाद चढ़ाया

मुख्यमंत्री ने माता के दरबार में समूह की 15 महिलाओं द्वारा दी गई टोकरी में पूजन सामग्री एवं प्रसाद चढ़ाया : समूह की महिलाएं बना रही बांस की टोकरी
इस बरस माँ बम्लेश्वरी के चरणों में चढ़ाए जा रहे महिला स्व-सहायता समूह द्वारा उगाए गए गेंदा फूल

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ड्रिप सिंचाई एवं आधुनिक तकनीक के उपयोग से ग्राम कलकसा एवं पटपर के गौठान में की जा रही गेंदे की खेती

समूह की महिलाओं के आय में वृद्धि करने के लिए किए जा रहे विशेष प्रयास

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रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के चढ़ावे के लिए महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित बांस की टोकरी में पूजन सामग्री लेकर दर्शन करने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने समूह की 15 महिलाओं द्वारा बनाई गई टोकरी में प्रसाद चढ़ाया। उन्होंने समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित भी ृकिया।
उल्लेखनीय है कि बंसोड़ जाति की महिलाएं अपने परंपरागत हुनर से टोकरी बनाती हैं। उन्हें बिहान समूह से जोड़कर बांस उपलब्ध कराया गया है। खुशी महिला स्वसहायता समूह की बुजुर्ग महिला श्रीमती रमशीला मुख्यमंत्री से मिलकर उत्साहित एवं प्रसन्न थी। समूह की महिलाओं ने कहा कि जिला प्रशासन के प्रयासों से रोजगार मिलने के साथ ही हुनर को एक नई पहचान मिली है। समूह के महिलाओं के आय में वृद्धि करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। टोकरी में पूजन सामग्री ले जाने से माता मंदिर परिसर प्लास्टिक मुक्त रहेगा।
इस अवसर पर समूह की महिलाएं श्रीमती दुनीबाई साहू, श्रीमती नागेश्वरी सिन्हा, श्रीमती कविता देशलहरे, श्रीमती हिमेश बग्गा ने मुख्यमंत्री से मिलकर खुशी जाहिर की। श्रद्धालु बांस की टोकरी में माता रानी को पूजन सामग्री चढ़ा रहे हैं। इस बरस माँ बम्लेश्वरी के चरणों में महिला स्वसहायता समूह द्वारा उगाए गए फूल चढ़ाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन की पहल पर गौठान के स्वसहायता समूह की महिलाएं व्यापक स्तर पर गेंदे की खेती कर रही हैं। डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम कलकसा एवं पटपर सहित कई ग्रामों में गेंदे की खेती की जा रही है। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने स्थानीय स्तर पर फूलों की मांग को देखते हुए समूह की महिलाओं को फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया। डोंगरगढ़ में अधिकांशतः फूल कोलकाता से आते हैं। ऐसे में स्थानीय स्तर पर फूलों की आपूर्ति के लिए समूह की महिलाओं को प्रेरित किया जा रहा है। जिसके सुखद परिणाम रहे हैं। कलकसा में 3 एकड़ में गेंदे की खेती की जा रही है तथा ड्रिप सिंचाई करते हुए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। जिले के पटपर, मोखला सहित कई गौठान ग्रामों में गेंदे की खेती की जा रही है।

Ashish Sinha

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