
राजीव गांधी न्याय योजना, कृषक नरेश को मिला उन्नति का रास्ता
प्रभा सिंह यादव/ब्यूरो चीफ/सरगुजा// एक किसान के लिए अपने मेहनत से उगाई गयी फसल के उचित मूल्य मिलने से कृषकों के बीच खुशहाली का माहौल है। लुण्ड्रा जनपद के ग्राम पंचायत दोरना का कृषक नरेश भी ऐसे ही खुशहाल किसान में शामिल हैं। उनके पास 10.50 एकड़ का खेत है जिसमे वे धान के साथ अन्य फसल लेते हैं। खेत मे सिंचाई के साधन के लिए ट्यूबवेल लगा है। उन्होंने 72 क्विंटल धान समिति के माध्यम से बेचा। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत उनको लगभग 10 हजार 500 रुपये की राशि प्राप्त हुई। कोरोना काल जैसी विकट परिस्थिति में राज्य शासन द्वारा संचालित राजीव गांधी न्याय योजना ने कृषक नरेश को ऐसे आर्थिक संकट से उबरने में महत्वपूर्ण भुमिका निभायी और न्याय योजना के तहत उसे 10 हजार 5 सौ 88 रूपयें की राशि प्राप्त हुई। इस राशि से वे धान की खरीफ फसल हेतु खाद बीज उठाव करने में सक्षम हुए। इस वर्ष भी जिन किसानों ने समर्थन मुल्य पर धान का विक्रय किया था वे यदि धान के बदले कोदोए कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान या अन्य फोर्टीफाइड धान की फसल उत्पादित करते है अथवा वृक्षा रोपण करते है तो उसे प्रति एकड़ 9 हजार रूपये के स्थान पर 10 हजार रूपये की इनपुट सब्सिडी दी जायेगी साथ ही वृक्षारोपण करने वालो को 3 वर्षो तक यह अनुदान मिलेगा। इस तरह राजीव गांधी किसान न्याय योजना कृषक नरेश जैसे हजारों किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है और प्रदेश में मुख्यमंत्री के मंशा अनुरूप कृषि में टिकाऊ विकास की अवधारणा को सार्थक किया है। जो किसान खेती किसानी को दिवालिया होने का जरिया मान बैठे थे परंतु न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन होने से उनमें कृषि के प्रति दुबारा उत्साह और विश्वास का संचार हुआ है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने अपने नाम के अनुरूप प्रदेश के किसानों के प्रति सच्चा न्याय किया है।