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संदीप का पार्थिव शरीर पहुंचा गृह ग्राम बेलजोरा में अंतिम संस्कार।

संदीप का पार्थिव शरीर पहुंचा गृह ग्राम बेलजोरा में अंतिम संस्कार।

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सीतापुर/कमलेश यादव/सरगुजा सीतापुर के राजमिस्त्री संदीप लकड़ा का हिंदू रीति-रिवाज से शनिवार को उनके पैतृक गांव बेलजोरा में अंतिम संस्कार किया गया। शुक्रवार को आठ महत्वपूर्ण मांगों को लेकर चल रहा अनिश्चित-कालीन आंदोलन समाप्त हो गया। विभिन्न आदिवासी और ग्रामीण समुदायों के लोगों ने विधायक रामकुमार टोप्पो और प्रबोध मिंज को अंतिम संस्कार में शामिल किया। बेलजोरा में सुबह से ही बल लगाए गए थे।

सीतापुर थाना क्षेत्र में पिछले तीन महीने से लापता संदीप लकड़ा का शव मैनपाट में पानी टंकी की नींच में दफन हुआ था। 6 सितंबर को नल-जल योजना की पानी टंकी को ढहाकर पुलिस ने शव को बरामद किया। संदीप लकड़ा की हत्या के आरोप में ठेकेदार प्रत्युश पांडेय, गौरी पांडेय सहित पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हत्याकांड का मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय अभी भी फरार है।

संदीप लकड़ा के लापता होने की कई शिकायतों के बावजूद सीतापुर पुलिस ने एफआईआर नहीं दर्ज की। शव मिलने पर क्रोधित परिजनों ने शव को नहीं लिया। 12 सितंबर को सर्व आदिवासी समाज ने अनिश्चित कालीन आंदोलन शुरू किया, जिसमें दो करोड़ मुआवजा और पत्नी को नौकरी की मांग की गई थी, साथ ही हत्या के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की गई थी।

​​​​​शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से बातचीत के बाद आंदोलन को समाप्त करने का फैसला किया गया। विभिन्न घोषणाओं के साथ आंदोलन का अंत हुआ, जिसमें परिजनों को बीस लाख रुपये मुआवजा, पत्नी को कलेक्टर दर पर नौकरी और अन्य सुविधाएँ शामिल थीं। 22 दिनों से अंबिकापुर मॉर्च्युरी में रखे शव को शनिवार को पुलिस ने बेलजोरा पहुंचकर उसके परिजनों को सौंप दिया।

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संदीप लकड़ा का शव बेलजोरा पहुंचा। मृत शरीर को अंतिम दर्शन देने के लिए परिजनों ने शव की पेटी को खोलने की मांग की। स्वास्थ्य अधिकारियों ने संक्रमण की संभावना को देखते हुए इसकी अनुमति नहीं दी।

संदीप लकड़ा का शव श्रद्धांजलि सभा के बाद हिंदू विधि से दफन किया गया। गांव में अंतिम संस्कार से पहले पुलिस बल भी तैनात किया गया था। लेकिन कोई बहस नहीं हुई।

संदीप हत्याकांड मामले में पुलिस पर सीधे आरोप लगे कि वे विवेचना में लापरवाही करते थे और पैसे लेकर आरोपियों को बचाते थे, जिससे पूरा मामला बिगड़ गया।

7 जून को ठेकेदार अभिषेक पांडेय के साथी ने संदीप को गाड़ी में डालकर ले गया और वह वापस नहीं आया।

8 जून को, ठेकेदार अभिषेक पांडेय ने संदीप और उसके साथी पर सीमेंट और छड़ चोरी की शिकायत दर्ज की।

16 जून को संदीप की पत्नी सलीमा लकड़ा ने ठेकेदार और साथियों पर संदीप की हत्या का आरोप लगाया।

शिकायत के बाद भी मामले में उच्चाधिकारियों की गुमशुदगी दर्ज की गई। ठेकेदारों और उनके सहयोगियों से पूछताछ तक नहीं की गई थी।

21 जुलाई को सर्व आदिवासी समाज ने थाने का घेराव किया, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।

तत्कालीन थाना प्रभारी जॉन प्रदीप लकड़ा, विवेचना अधिकारी रमेश चंद्र राय और प्रधान आरक्षक रूपेश महंत को इस मामले में सस्पेंड कर दिया गया है। परिजनों की शिकायत पर राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने मामला संज्ञान में लिया है।

पुलिस अधिकारियों को पूछताछ की सूचना दी गई है। एडिशनल एसपी, एसडीओपी, सीतापुर के दो थानेदार और जांच अधिकारी से पूछताछ की जाएगी।

Ashish Sinha

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