
केतकी भूमिगत खदान में कार्यरत मजदूरों का वेतन की कि जा रही है कटौती
केतकी भूमिगत खदान में कार्यरत मजदूरों का वेतन की कि जा रही है कटौती
कामगारों ने कलेक्टर से किया शिकायत
लोकसभा चुनाव का भी करेंगे बहिष्कार
गोपाल सिंह विद्रोही //प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़//बिश्रामपुर -केतकी भूमिगत खदान में कार्यरत ठेका मजदूरों का आधी वेतन ठेकेदार। द्वारा कटौती कर लिए जाने के खिलाफ मजदूरों ने सूरजपुर कलेक्टर को लिखा पत्र तथा आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी है।
जानकारी के अनुसार केतकी भूमिगत खदान में कार्यरत् ग्राम गेतरा, केतका, पोड़ी,लाछा, लहंगा, डेडरी एवं सपकरा के ग्रामीण ठेका श्रमिकों ने ठेकेदार द्वारा आधी मजदूरी वापस लेने के विरोध में जिला कलेक्टर सूरजपुर को पत्र लिखते हुए आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए दिनांक 8 अप्रैल से तीन दिवसीय भूख हड़ताल पर जाने को कहा है। ठेका श्रमिकों ने पत्र के माध्यम् से जिला प्रशासन को अवगत् कराया है कि श्री परमानंद एवं अवंती इलेक्ट्रिकल के द्वारा हमारे खाते में 1199/- एचपीसी मजदूरी का भुगतान कर आधी मजदूरी वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था जिसका विरोध करने पर पिछले दो माह से केतकी भूमिगत खदान में कार्यरत् सभी ठेका श्रमिकों को काम से बैठा दिया गया है जिससे आसपास के ग्रामीण ठेका श्रमिकों के समक्ष सपरिवार जीवकोपार्जन की समस्या उत्पन्न हो गई है ठेकेदार एवं एसईसीएल प्रबंधन ठेका श्रमिकों को एचपीसी भेज भुगतान न करना पड़े इसलिए नये ठेका श्रमिकों को 750/- के वेतनमान पर रख रहा है। एसईसीएल एवं ठेकेदार मिल कर साजिश करते हुए ठेका श्रमिकों के वेतन में भारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं जिससे लगभग प्रतिमाह 10 – 12 लाख रुपए का गबन किया जा रहा है। ठेका श्रमिकों ने तीन सूत्रीय मांग पत्र जिला प्रशासन को सौपते हुए 5 दिनों में मांग को पूर्ण नहीं किए जाने पर भूख हड़ताल एवं आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
(गायत्री एवं केतकी भूमिगत खदान में कार्यरत् ठेका श्रमिकों को 6 माह पूर्व 400-500 रूपए प्रतिदिन की दर से मजदूरी का भुगतान किया जाता था। संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक) युनियन के द्वारा एचपीसी वेज की मांग को लेकर सभी ठेका श्रमिकों को संगठित कर कई चरण में आंदोलन किए जाने के पश्चात् एसईसीएल प्रबंधन एवं प्राइवेट कंपनियों ने पिछले दो माह से ठेका श्रमिकों को 1199/- प्रतिदिन की दर से एचपीसी वेज भुगतान करना आरंभ किया था परंतु केतकी भूमिगत खदान के ठेकेदार द्वारा एसकेएमपीएल प्रबंधन से सांठ गांठ कर मजदूरी भुगतान में गबन करने का मामला सामने आया है।)