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धान खरीदी में लापरवाही नहीं की जायेगी बर्दाश्त – कलेक्टर अग्रवाल

धान खरीदी में लापरवाही नहीं की जायेगी बर्दाश्त – कलेक्टर अग्रवाल

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नोडल अधिकारी, ब्रांच मैनेजर, समिति प्रबंधक एवं ऑपरेटर गंभीरतापूर्वक करें कार्य

अधिकतम 17 प्रतिशत तक आर्द्रता के साथ साफ-सुथरा धान की ही करे खरीदी

सभी उपार्जन केन्द्रों में आवश्यक सुविधाएं करें सुनिश्चित

कोचिया एवं बिचौलियों से किसी भी स्थिति में न करें धान की खरीदी

धान खरीदी गड़बड़ी में संलिप्तता पाये जाने पर होगी कड़ी कार्यवाही

गरियाबंद/ जिले में धान खरीदी की सुचारू संचालन के लिए कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने आज जिला पंचायत सभाकक्ष में महत्वपूर्ण बैठक ली। उन्होंने जिले के 67 सहकारी समितियों के 90 धान उपार्जन केन्द्रों से संबंधित नोडल अधिकारी, ब्रांच मैनेजर एवं समिति प्रबंधकों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिये। कलेक्टर अग्रवाल ने कड़े शब्दों में कहा कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

शासन द्वारा निर्धारित धान खरीदी नीति के तहत ही सुचारू रूप से धान खरीदी की जाए। सभी केन्द्रों में शासन द्वारा तय किये 35 बिन्दुओं में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाए। धान खरीदी के लिए सभी केन्द्रों के नोडल अधिकारी, ब्रांच मैनेजर, समिति प्रबंधक एवं डाटा एन्ट्री ऑपरेटर गंभीरतापूर्वक कार्य करें। सजग एवं सक्रिय होकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।

धान खरीदी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने कहा कि शासन द्वारा तय किये गये मानक अनुसार धान सुखा होना चाहिए। गुणवत्ता से किसी भी प्रकार की समझौता नहीं करें। धान की क्वालिटी की जांच कर अधिकतम 17 प्रतिशत तक आर्द्रता के साथ साफ-सुथरा धान की ही खरीदी की जाए। किसी भी स्थिति में कोचिया एवं बिचौलियों से धान की खरीदी न की जाए। क्षेत्रों में अवैध धान खरीदी बिक्री भण्डारण एवं परिवहन पर भी कड़ी निगरानी रखकर आवश्यक कार्यवाही करे। किसानों की सुविधा के लिए घर बैठे टोकन प्राप्त करने के लिए मोबाईल एप्प टोकन तुंहर हाथ के माध्यम से ही टोकन लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें। टोकन धान खरीदी दिवस के 7 दिन पहले लेना होगा। किसानों द्वारा पूर्ण धान बेचे जाने के पश्चात तत्काल रकबा समर्पण भी करवाये। औसत उत्पादन से ज्यादा टोकन कटवाने वाले रकबों का सत्यापन संबंधित एसडीएम के द्वारा किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि 18 से 22 नवम्बर तक धान खरीदी को उत्सव के रूप में मनाना है। इसके तहत खरीदी केन्द्रों में किसानों का फूलमाला पहनाकर एवं मिठाई खिलाकर स्वागत किया जाना है। इसके साथ ही खरीदी केन्द्रों में किसानों की सुविधा के लिए छायेदार शेड, पेयजल, प्राथमिक उपचार किट एवं अग्निशमन की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही खरीदी केन्द्रों में नो स्मोकिंग जोन से संबंधित आवश्यक फ्लैक्स भी लगवाये। इस दौरान बैठक में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी प्रहलाद पुरी गोस्वामी, जिला विपणन अधिकारी अमित चन्द्राकर, सहायक आयुक्त सहकारिता डॉ. उषा ध्रुव, खाद्य अधिकारी सुधीरगुरू सहित नोडल अधिकारी, ब्रांच मैनेजर, समिति प्रबंधक, सहकारिता एवं खाद्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। थे।

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बैठक में समिति प्रबंधकों को धान खरीदी के दौरान अपनाये जाने वाले प्रक्रियाओं की भी जानकारी विस्तार से दी गई। धान खरीदी के पश्चात व्यवस्थित रूप से स्टेकिंग एवं आवश्यक मात्रा में डनेज की व्यवस्था के बारे में बताया गया। कॉमन एवं ग्रेड-ए धान में अंतर तथा डैमेज, डिस्कलर, अंकुरित, बाह्य पदार्थ एवं घुन लगा धान के पहचानों के बारे में भी बताया गया। प्रबंधकों को पुराने वर्षो के धान की खरीदी नहीं करने तथा निर्धारित मानक अनुसार नये धान की ही खरीदी करने की जानकारी दी गई। बारिश की संभावनाओं के दौरान धान को बारिश में भीगने से बचाने आवश्यक तारपोलिन की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये। भण्डारित धान को राईस मिलर्स, परिवहनकर्ता को डिलीवरी देते समय प्रथम आवक-प्रथम जावक का पालन करने तथा भण्डारित धान की सुरक्षा हेतु चौकीदार की नियुक्ति, अस्थाई फेसिंग, जल निकासी की व्यवस्था एवं दीमक रोधी दवाओं को छिड़काव की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये। सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगवाने तथा केन्द्रवार आईपी एड्रेस की जानकारी देने के निर्देश दिये गये। इस दौरान कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों सहित मैनपुर एवं देवभोग क्षेत्र में औसत उत्पादन पर विशेष ध्यान रखे। सभी केन्द्रों में धान लेकर आने वाले वाहनों के प्रकार, नम्बर आदि का किसानवार विवरण पृथक पंजी में संधारित करें। जिसका आवश्यकता अनुसार सत्यापन किया जा सके। एक बोरे में 40 किलोग्राम धान की भर्ती की जायेगी। धान की किस्म अनुसार सुतली को रंगकर सिलाई करें। धान की तौल होने पर किसानों को तौल पर्ची दी जायेगी। जिसमें धान की मात्रा, वजन, किस्म एवं ऋण अदायगी आदि का विवरण दर्ज होता है।

Ashish Sinha

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