
कोविड 19 के संभावित तीसरी लहर की तैयारियों पर विशेषज्ञ चिकित्सीय टीम द्वारा दी गई जानकारी
रायपुर के बाल गोपाल अस्पताल में कोरोना संक्रमित बच्चे का होगा निःशुल्क इलाज- डॉ. अशोक भट्टर
मंत्रियों ने कलेक्टर को कार्यक्रम आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी
गोपाल सिंह विद्रोही /प्रदेश खबर /प्रमुख छत्तीसगढ़/सूरजपुर/ 27 जून 2021/ बाल गोपाल अस्पताल रायपुर से आई डॉ. अशोक भट्टर, डाॅ. अरुण राठौर, डाॅ. एस नायडू एवं उनकी टीम के द्वारा कोविड-19 के संभावित तीसरी लहर की तैयारियों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में किया गया। एक दिवसीय कार्यशाला में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव, जिला प्रभारी एवं नगरीय प्रशासन मंत्री डाॅ. शिव डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव श्री पारसनाथ राजवाड़े वर्चुअल के माध्यम से कार्यक्रम में जुड़े। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह सभी मंत्रियों का कार्यशाला में जुड़ने के लिए आभार प्रकट किया एवं सभी मंत्रियों ने भी कलेक्टर को कार्यक्रम के बेहतरीन आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
सर्वप्रथम डॉ. अशोक भट्टर ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कोविड के संबंध में उपस्थित चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य अधिकारी कर्मचारियों को कोविड की जानकारी दी। डॉ. भट्टर के द्वारा बताया गया कि तीसरी लहर को लेकर लोगों की अलग-अलग ओपनियन चल रही है की तीसरी लहर आएगी तो सेकंड लहर से ज्यादा भयावह हो सकती है। इससे ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे।
एक दिवसीय कार्यशाला में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, जिला प्रभारी एवं नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव श्री पारसनाथ राजवाड़े वर्चुअल के माध्यम से जुड़कर कार्यशाला में आए बाल गोपाल अस्पताल के डॉ. भट्टर का आभार प्रदर्शन किया तथा यह भी कहा गया कि अगर इसी तरह विशेषज्ञ डॉक्टरों के द्वारा हर एक जिले को गोद ले लेवे तो आने वाले तीसरी लहर से बचाव एवं नियंत्रण किया जा सकता है। जिला प्रशासन की ओर से डॉ. गौरव कुमार सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री राहुल देव ने डॉ. भट्टर से आग्रह किया कि आप इसी प्रकार सूरजपुर जिले को अपनी सेवाएं प्रदान करते रहेंगे। इस पर डॉ. भट्टर ने जिला प्रशासन को आश्वस्त किया की मेरे द्वारा भविष्य में भी ऑनलाइन और ऑफलाइन के माध्यम से अपनी सेवाएं देते रहेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि कोई बच्चा कोविड से संक्रमित होता है तो उनका इलाज हमारे बाल गोपाल अस्पताल में निःशुल्क उपचार किया जाएगा। एक दिवसीय कार्यशाला में चिकित्सकों को आईसीयू मैनेजमेंट के बारे में दी जानकारी प्रदान की गई।
कार्यशाला के दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री राहुल देव, सीएमएचओ डॉ. आर एस सिंह, सिविल सर्जन डॉ. शशि तिर्की, डॉ. अजय मरकाम, डॉ. प्रियंका पटेल सहित विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
समाचार क्रमांक/1605 अजीत/2021 फोटो 04 से 06
कोविड-19 से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्र.1 कोविड-19 किस तरह से प्रस्तुत हो सकता है ?
उ.1 लक्षण बीमारी की स्टेज व प्रोगे्रस पर निर्भर होते है।
यह बीमारी पूर्णत एसेम्टोमेटिक, माइल्ड, मोडेरेट, सेवर हो सकती है।
प्र.2 माइल्ड इलनेस के क्या लक्षण है ?
उ.2 सामान्य सिमटम्स, बुखार, सिर दर्द, हाथ पैर में दर्द, थका हुआ महसूस करना, सर्दी, खांसी, गले में खराश, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, भूख कम हो जाना व आहार कम लेना, सुगन्ध व स्वाद का चले जाना।आमतौर पर 80-90 प्रतिशत बच्चे एक सप्ताह में रिकवर हो जाते हैं।
प्र.3 मोडेरेट टू सेवर डिसीज के क्या लक्षण है ?
उ.3 बुखार का लगातार बने रहना, खांसी का बढ़ जाना, सांस की गति का बढ़ना व सांस में खिंचाव होना, आॅक्सीजन 95 प्रतिशत से कम होना, एकदम सुस्त होना, झटके आना, शाॅक में जाना आदि।
प्र.4 कोविड-19 संक्रमण को अन्य वायरल संक्रमण व सामान्य सर्दी से कैसे अलग समझा जा सकता है ?
उ.4 इसे अलग से समझा जाना कठिन है इसलिए कोविड-19 की जाँच कराना जरूरी है।
प्र.5 कोविड-19 कन्फर्म कराने के लिए सामान्यतः कौन सा टेस्ट कराना चाहिए व उसका महत्व क्या हैं ?
उ.5 आरटीपीसीआर टेस्ट सबसे महत्वपूर्ण है। पर यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि यदि किसी को बीमारी के लक्षण हैं व टेस्ट यदि नेगेटिव आया है तो टेस्ट को रिपीट कर सकते हैं, तब तक मरीज को आइसोलेशन में रखना चाहिये।
प्र.6 रैपिड इंटीजेन टेस्ट का क्या महत्व है ?
उ. 6 इस टेस्ट का परिणाम जल्दी आता है परन्तु एक्वेरिसी का प्रतिशत कम है पाॅजिटीव टेस्ट बीमारी का होना सुनिश्चित करता है परन्तु यदि यह रिपोर्ट निगेटिव है तो आरटीपीसीआर टेस्ट करा कर कन्फर्म करना चाहिये।
प्र.7 कोविड-19 ग्रसित बच्चे को कम डाॅक्टर या हाॅस्पिटल के पास जाना अनिवार्य है?
उ.7 5 दिन से ज्यादा का बुखार, आहार कम लेना, यूरिन आॅउटपुट कम होना, सुस्त व बेसुध हो जाना, आॅक्सीजन लेबल 95 से कम हो जाना, सांस लेने में तकलीफ होना,गंभीर, दस्त, उल्टी एवं पेट दर्द।
प्र.8 एमआईसी क्या है ?
उ.8 मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिन्ड्रोम इन चिल्ड्रेन में शरीर के बहुत सारे अंग एक्सीव इम्यून रिसपोन्स के कारण ग्रसित हो जाते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर कोविड-19 संक्रमण के 2-6 सप्ताह के बाद दिखते हैं।
प्र.9 एमआईसी के लक्षण क्या है ?
उ.9 बुखार, शरीर में दाने आ जाना, आंखो का लाल होना, होंठ व जीभ का लाल होना व सूजन आ जाना, हाथ पैर में लालिमा होना व सूजन आना, गले में दर्द व सूजन, सांस लेने में तकलीफ होना, पेट दर्द, उल्टी, दस्त,सिर दर्द, थकान, सुस्त होना आदि।
नोट- ऐसे कोई भी लक्षण होने पर तुरन्त हाॅस्पिटल जाना अनिवार्य है।
प्र.10 कोविड-19 का इनकुबेसन पिरियेड कितना है ?
उ.10 शरीर के अन्दर कीटाणु के प्रवेश से लेकर लक्षण उत्पन्न होने के बीच के समय को इनकुबेसन पिरियेड कहते हैं। यह कोविड में 2-14 दिन के बीच का हो सकता है। वैसे वैसे मुख्य इनकुबेसन पिरियेड 5 दिन का होता है।
प्र.11 मास्क लगाते समय क्या ध्यान देना चाहिये ?
उ.11 अपने हाथों को मास्क पहनने के पूर्व व टच करने के पूर्व या निकालने के बाद साफ करना चाहिये। यह सुनिश्चित करें कि यह नाक, मुँह व ढुड्डी को कवर किया हुआ हो सुनिश्चित करें कि बच्चे को सांस लेने में कोई असुविधा तो नहीं हो रही है। मास्क हाईजेनिक होना चाहिये व उसका डिस्पोजल भी सही ढंग से होना चाहिए।
प्र.12 काविड-19 पाॅजिटिव माँ को अपने बच्चे को दूध पिलाते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिये ?
उ.12 अपने हाथ को नियमित रूप से साबुन से धोना चाहिये या सेनेटाईजर से साफ करना चाहिये विशेष रूप से बच्चे को छुने के पहले। दूध पिलाने के दौरान माँ का मास्क पहनना आवश्यक है। छींकने या खांसने के दौरान मुँह पर रूमाल या पेपर नैपकीन का प्रयोग करना है व हाथ को धोना है। माँ जिन चीजों को छूती है उसे नियमित रूप से कीटाणुरहित करना चाहिये।
प्र.13 आइसोलेशन कितने समय तक होना चाहिये ?
उ.13 कम से कम 10 दिन जिसमें से आखरी 3 दिन बिना बुखार व ज्यादा खांसी के हो।
यदि किसी कारण से 10 दिन के बाद भी कोविड के लक्षण बने हुए हो तो डाॅक्टर से पूछ के ही आइसोलेशन का समय पूरा करना चाहिये। यदि किसी व्यक्ति को कोविड का कोई भी लक्षण नहीं है और वो कोविड पाॅजिटिव है तो 10 दिन का आइसोलेशन का समय पर्याप्त है।
प्र.14 आइसोलेशन का समय समाप्त होने के पूर्व कोविड टेस्ट कराना आवश्यक है क्या ?
उ.14 नहीं, यदि बाकी सभी चीजे सही हैं तो।
प्र.15 क्या दूध पिलाने वाली माँ कोविड का टीका लगवा सकती है ?
उ.15 बिलकुल हाँ।
प्र.16 कोविड-19 पाॅजिटिव बच्चे को सामान्य टीकाकरण कब से शुरू करना है ?
उ.16 सामान्यतः ठीक होने के 2 सप्ताह बाद, विशेष परिस्थिती में यदि चिकित्सक सलाह दें तब ही 3 माह बाद।
प्र. 17 बच्चों को कोविड-19 से कैसे बचाया जायें ?
उ.17 सामान्यतः बच्चों में कोविड बड़े सदस्यों से आने की संभावना ज्यादा है अतः घर के सभी बड़े सदस्यों को कोविड का वैक्सीन जरूर ही लगवाना चाहिये। किसी भी प्रकार की पार्टी या सामूहिक कार्यक्रम से बचना है। घर के सभी सदस्यों को कोविड उचित व्यवहार का पालन करना जैसे- मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोना, कोविड पाॅजिटिव मरीजों के सम्पर्क से बचना।
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