
उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम: सरगुजा जिले में 466 केंद्रों पर महापरीक्षा, हजारों नवसाक्षरों ने दी परीक्षा
सरगुजा जिले में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत राज्यव्यापी महापरीक्षा आयोजित हुई। 466 केंद्रों पर हजारों नवसाक्षर शामिल हुए। केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में भी 219 बंदियों ने परीक्षा दी। प्रशासनिक टीम ने पूरे अभियान की सतत निगरानी की।
जिले में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत राज्यव्यापी महापरीक्षा का सफल आयोजन
केंद्रीय जेल अम्बिकापुर सहित 466 परीक्षा केन्द्रों में 15 वर्ष से अधिक उम्र के हजारों नवसाक्षरों ने दी परीक्षा
अम्बिकापुर, 07 दिसंबर 2025। छत्तीसगढ़ शासन के राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण, रायपुर के निर्देशानुसार रविवार को सरगुजा जिले में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत राज्यव्यापी महापरीक्षा का सफल आयोजन किया गया। यह परीक्षा कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान के मार्गदर्शन तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सरगुजा विनय कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में संपन्न हुई। परीक्षा सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चली।
जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण ने इस महापरीक्षा में 24,414 परीक्षार्थियों का लक्ष्य रखा था। शाम 4 बजे तक 16,258 नवसाक्षर परीक्षार्थियों की उपस्थिति दर्ज की गई। जिलेभर में परीक्षा केंद्रों पर माहौल उत्सव जैसा रहा, गाँव-गाँव में नवसाक्षर शिक्षार्थियों का उत्साह देखने लायक था।
कई परीक्षा केंद्रों में एक ही परिवार से सास-बहू, पति-पत्नी, देवरानी-जेठानी तक शामिल हुए। 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। कुछ महिलाओं ने छोटे बच्चों को साथ लेकर परीक्षा दी, जो शिक्षा के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है।
केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में भी विशेष परीक्षा केंद्र स्थापित
वरिष्ठ परिवीक्षा एवं कल्याण अधिकारी वाणी मुखर्जी ने बताया कि केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में भी परीक्षा केंद्र बनाया गया, जहाँ 219 नवसाक्षर बंदियों ने परीक्षा दी।
परीक्षा की व्यवस्थाओं का निरीक्षण जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार झा, अपर कलेक्टर अमृत लाल ध्रुव, सहायक संचालक अनिल अग्रवाल, गिरीश गुप्ता, तथा जन शिक्षा संस्थान के निदेशक एम. सिद्धिकी सहित कई अधिकारियों ने किया।
जेलर कत्लाम, केंद्राध्यक्ष तिरदा टोप्पो और पर्यवेक्षक दिगम्बर सिंह का विशेष सहयोग रहा।
जिले में 466 परीक्षा केंद्र, प्रशासनिक स्तर पर सतत निगरानी
जिले में कुल 466 परीक्षा केंद्र बनाए गए, जिनमें 4 बजे तक 14,648 नवसाक्षर शिक्षार्थियों ने परीक्षा दी।
विकासखंड स्तर पर अधिकारियों ने पूरे दिन मॉनिटरिंग की:
- बतौली – प्राचार्य DIET के.सी. गुप्ता
- लखनपुर – सर्वजीत पाठक (DMC)
- उदयपुर – रविशंकर तिवारी (सहायक संचालक)
- लुंड्रा – रमेश सिंह
- मैनपाट – सुनिल तिवारी
- अम्बिकापुर एवं सीतापुर – गिरीश गुप्ता
जिला स्तर पर डॉ. दिनेश कुमार झा और राज्य स्तर से अखिलेश तिवारी (सहायक संचालक) ने गुणवत्ता और संचालन पर विशेष ध्यान दिया।
जिला परियोजना अधिकारी गिरीश गुप्ता ने बताया कि यह महापरीक्षा उन 15 वर्ष से अधिक आयु के शिक्षार्थियों के लिए आयोजित की गई, जिन्होंने विद्यालय छोड़ दिया था या जिन्होंने उल्लास प्रवेशिका के 7 पाठ या 200 घंटे की पढ़ाई पूरी की थी।
पूरे अभियान की सतत निगरानी रजनीश मिश्रा और अभिलाष खरे द्वारा की गई, जिन्होंने समय-समय पर रिपोर्ट राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण को भेजी।
समाज में सकारात्मक बदलाव की ओर बड़ा कदम
सरगुजा जिले में आयोजित यह महापरीक्षा न केवल साक्षरता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि समाज में शिक्षा के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन का भी सशक्त कदम है। नवसाक्षरों, महिलाओं, दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिकों और जेल बंदियों की बड़ी संख्या में सहभागिता इस अभियान की सफलता को प्रमाणित करती है।












