
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल का असर: एक कॉल पर हल हुई 18 महीने की वेतन समस्या
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल का असर: एक कॉल पर हल हुई 18 महीने की वेतन समस्या
जनसमस्याओं के त्वरित समाधान की दिशा में प्रभावी पहल
रायपुर, 28 फरवरी 2025 – छत्तीसगढ़ में जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए उठाए गए कदमों का असर अब साफ दिखने लगा है। राज्य में प्रभावी प्रशासन और सुशासन की नई मिसाल कायम हो रही है। रायपुर जिले में शुरू किए गए जनसमस्या निवारण कॉल सेंटर के माध्यम से आम जनता को त्वरित राहत मिल रही है। इसी पहल के अंतर्गत राजधानी रायपुर की जोरा निवासी अंकिता तिवारी को भी एक बड़ी राहत मिली। महीनों से वेतन भुगतान की राह देख रहीं अंकिता की समस्या कॉल सेंटर में शिकायत दर्ज कराने के मात्र दस दिनों के भीतर हल हो गई।
18 महीने का वेतन लंबित, एक कॉल ने दिलाई राहत
अंकिता तिवारी राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) नया रायपुर में कार्यरत थीं और उनकी तैनाती फॉर्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPO) योजना के तहत गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक में सहकारी बैंक में की गई थी। 18 महीनों से वेतन नहीं मिलने की वजह से वे आर्थिक संकट से जूझ रही थीं। उन्होंने कई बार संबंधित विभागों में अपनी समस्या दर्ज कराई, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें रायपुर कलेक्टोरेट में स्थापित जनसमस्या निवारण कॉल सेंटर की जानकारी मिली। बिना किसी देरी के उन्होंने वहां कॉल कर अपनी समस्या दर्ज कराई। कॉल सेंटर ने तुरंत संबंधित विभागों से संपर्क साधा और लंबित वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी। आश्चर्यजनक रूप से, मात्र दस दिनों के भीतर ही उनकी सैलरी उनके बैंक खाते में जमा कर दी गई।
अंकिता तिवारी ने इस त्वरित समाधान के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह का आभार जताते हुए कहा, “यह प्रशासन की बेहद प्रभावी पहल है। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरी समस्या इतनी जल्दी हल हो जाएगी, लेकिन कॉल सेंटर ने इसे संभव बना दिया। अब मुझे लग रहा है कि जनता की समस्याओं को गंभीरता से लिया जा रहा है और उनका समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।”
कॉल सेंटर से आम जनता को मिल रही राहत
रायपुर कलेक्टोरेट में स्थापित यह कॉल सेंटर जनसमस्याओं के समाधान में मील का पत्थर साबित हो रहा है। कॉल सेंटर के माध्यम से विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतें प्राप्त की जाती हैं और संबंधित अधिकारियों तक उन्हें तेजी से पहुंचाया जाता है। इस पहल के अंतर्गत अब तक हजारों लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा चुका है, जिससे आम जनता को त्वरित राहत मिल रही है।
राज्य सरकार का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को कम करना है। अब लोग बिना किसी परेशानी के अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं और समयबद्ध समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे करता है कॉल सेंटर काम?
जनसमस्या निवारण कॉल सेंटर पूरी तरह डिजिटल और सुव्यवस्थित प्रणाली पर आधारित है। इसमें शिकायतों की श्रेणी के अनुसार उन्हें संबंधित विभागों को भेजा जाता है। शिकायतकर्ता को एक संदर्भ संख्या प्रदान की जाती है, जिसके माध्यम से वे अपनी शिकायत की प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं।
शिकायत पंजीकरण – आम नागरिक कॉल सेंटर के टोल-फ्री नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं।
शिकायत की जांच और समाधान प्रक्रिया – संबंधित विभाग से संपर्क कर समाधान प्रक्रिया शुरू की जाती है।
समाधान और रिपोर्टिंग – शिकायत के हल होने के बाद संबंधित नागरिक को सूचित किया जाता है।
सुशासन की दिशा में मजबूत कदम
छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल शासन की जवाबदेही और पारदर्शिता को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस प्रयास से सरकारी योजनाओं और प्रशासनिक सेवाओं को आम नागरिकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा रहा है।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में इस पहल को और व्यापक बनाया जाए, जिससे राज्य के प्रत्येक नागरिक को बिना किसी परेशानी के सरकारी सेवाओं का लाभ मिल सके। इस पहल के अंतर्गत हेल्थ, शिक्षा, रोजगार, वित्तीय सहायता, और अन्य सरकारी योजनाओं से संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा रहा है।
जनता की संतुष्टि, प्रशासन की प्राथमिकता
इस पहल की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण वह संतुष्टि है, जो आम नागरिकों को मिल रही है। अंकिता तिवारी की तरह हजारों लोगों को इस कॉल सेंटर के माध्यम से राहत मिल रही है। राज्य सरकार का मानना है कि सुशासन का असली उद्देश्य तभी पूरा होता है जब प्रत्येक नागरिक को प्रशासन से त्वरित और प्रभावी समाधान मिले।
कॉल सेंटर से मिली मदद के बाद अंकिता तिवारी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “सरकार की इस पहल से मैं बहुत प्रभावित हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी 18 महीने से लंबित सैलरी इतनी जल्दी मिल जाएगी। यह सच में एक सराहनीय कदम है।”
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रशासनिक सुधारों और सुशासन की दिशा में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। जनसमस्या निवारण कॉल सेंटर जैसी पहलें राज्य में पारदर्शी और प्रभावी प्रशासन की मिसाल बन रही हैं। इसका मुख्य उद्देश्य आम जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान करना और उन्हें राहत प्रदान करना है। अंकिता तिवारी का मामला इस बात का प्रमाण है कि सही प्रशासनिक इच्छाशक्ति और प्रभावी तंत्र के माध्यम से जनता की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
इस पहल के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए, राज्य सरकार आने वाले समय में इस प्रणाली को और सशक्त बनाने की योजना बना रही है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके और छत्तीसगढ़ एक आदर्श प्रशासनिक मॉडल के रूप में स्थापित हो सके।