
आम जनता की सहभागिता से स्वच्छता रैंकिंग में कोरबा को पहला स्थान दिलाने का लक्ष्य
आम जनता की सहभागिता से स्वच्छता रैंकिंग में कोरबा को पहला स्थान दिलाने का लक्ष्य
कोरबा, 06 मार्च 2025 – कोरबा जिले को स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में सर्वोच्च स्थान दिलाने के उद्देश्य से कलेक्टर अजीत वसंत ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने पिछले वर्ष की कमियों को सुधारते हुए इस बार फाइव स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि स्वच्छता केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें आम जनता की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है।
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उन्होंने गंदगी फैलाने वाले व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजकों पर जुर्माना लगाने, मुख्य सड़कों और व्यस्त क्षेत्रों में ठेले-गुमटियों को व्यवस्थित करने तथा कचरा फैलाने से रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता से न केवल शहर की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि यह स्वास्थ्य से भी जुड़ा विषय है। इसी कारण, इसे जन आंदोलन के रूप में बढ़ावा दिया जाना चाहिए। कलेक्टर ने निगम अधिकारियों को स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की सभी तैयारियों को मिशन मोड में पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में नगर निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में आयोजित बैठक में निगम के जोन कमिश्नर, प्रभारी अधिकारी, अभियंता और स्वच्छता कार्यों से जुड़े अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में निगम अधिकारियों ने अब तक किए गए कार्यों और तैयारियों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। कलेक्टर ने सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई की स्थिति पर विशेष जोर देते हुए आवश्यक सुविधाओं जैसे कि दिव्यांगजनों के लिए रैंप, पाईप रेलिंग, वॉशबेसिन, मिरर, हैंडवॉश, साबुन, पेयजल, शिकायत पंजी और डस्टबिन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा, उन्होंने सभी एसएलआरएम (सॉलिड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट) केंद्रों की साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन की नियमित निगरानी करने को कहा। इन केंद्रों में लघु उद्यानिकी, डेंटिंग-पेंटिंग और सौंदर्यीकरण के कार्यों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश भी दिए गए ताकि हर घर से समय पर कचरा उठाया जा सके।
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कलेक्टर ने कहा कि स्वच्छता की आदतें बचपन से विकसित की जानी चाहिए। इसलिए, स्कूलों में इको क्लब को सक्रिय किया जाएगा और विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत विद्यार्थियों को कचरा प्रबंधन केंद्रों का दौरा कराया जाएगा और पोस्टर, रंगोली तथा अन्य रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा।
कलेक्टर ने सफाई कर्मियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने और उनके परिवारों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। गंभीर बीमारियों के उपचार, मेधावी विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के लिए सहायता और सफाई कर्मियों को बैटरी से चलने वाले वाहन प्रदान करने हेतु डीएमएफ व सीएसआर फंड से सहयोग लिया जाएगा।
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शहर में गंदगी फैलाने वालों पर नजर रखने और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी निर्णय लिया गया। कलेक्टर ने अधिकारियों को शहर के प्रमुख स्थानों को चिह्नित कर वहां सीसीटीवी लगाने के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। इससे स्वच्छता के साथ-साथ सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
कलेक्टर ने आम नागरिकों, स्वयंसेवी संगठनों, महिला स्व-सहायता समूहों और समस्त कोरबा वासियों से अपील की कि वे शहर की स्वच्छता में सक्रिय सहयोग दें। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे सार्वजनिक स्थलों में कचरा न डालें और स्वच्छता के प्रति जागरूक रहें। उन्होंने नागरिकों से संकल्प लेने का आग्रह किया कि न तो वे स्वयं गंदगी करेंगे और न ही किसी और को करने देंगे। इसके अलावा, उन्होंने दुकानदारों व घरों से निकलने वाले कचरे को सूखे और गीले अपशिष्ट में अलग-अलग कर संग्रहित करने और उसे नियमित रूप से कचरा वाहनों में डालने का अनुरोध किया।
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कलेक्टर ने कहा कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का सपना तभी साकार होगा, जब सभी नागरिक इसमें सहयोग देंगे। स्वच्छता केवल सरकारी एजेंसियों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह जन-सहयोग से ही संभव हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी मिलकर प्रयास करें, तो कोरबा को स्वच्छता रैंकिंग में पहला स्थान दिलाना असंभव नहीं है।