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जशपुर के युवाओं को मिली ऊंची उड़ान: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से पहली बार शुरू हुआ विमान प्रशिक्षण

जशपुर के युवाओं को मिली ऊंची उड़ान: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से पहली बार शुरू हुआ विमान प्रशिक्षण

आगडीह हवाई पट्टी से गूंज रही विमान की गड़गड़ाहट, आदिवासी अंचल के युवाओं को मिल रहा पायलट बनने का सुनहरा अवसर

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जशपुर, 16 मार्च 2025 | छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिले जशपुर में पहली बार हल्के विमान उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह ऐतिहासिक पहल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में शुरू की गई है, जो इस क्षेत्र के युवाओं को पायलट बनने के सपने को साकार करने में मदद कर रही है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 3 सीजी एयर स्क्वाड्रन एनसीसी रायपुर के चयनित कैडेट्स को विमान उड़ाने की तकनीकी जानकारी और व्यावहारिक अनुभव दिया जा रहा है। जैसे ही सुबह का सूरज पहाड़ों के पीछे से झांकता है, आगडीह हवाई पट्टी से ट्वीन-सीटर एसडब्ल्यू 80 विमान की गड़गड़ाहट आसमान में गूंजने लगती है। यह दृश्य न केवल जशपुर के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है।

मुख्यमंत्री की पहल से बदलेगी युवाओं की तकदीर

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा, “हमारी सरकार का लक्ष्य प्रदेश के प्रत्येक युवा को अपने सपनों को साकार करने का अवसर देना है। जशपुर के आदिवासी युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, उन्हें सिर्फ सही मंच और मार्गदर्शन की जरूरत थी। यह प्रशिक्षण उन्हें वायुसेना में करियर बनाने के लिए एक नई दिशा देगा।”

राज्य सरकार इस पहल के माध्यम से युवाओं को एक सशक्त मंच प्रदान कर रही है, जिससे वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करियर बना सकें। इस प्रशिक्षण का लाभ सिर्फ जशपुर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे पूरे प्रदेश में विस्तारित करने की योजना बनाई जा रही है।

प्रशिक्षण से युवाओं के सपनों को नई उड़ान

यह पहली बार है जब रायपुर से बाहर किसी जिले में इस स्तर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जशपुर जैसे दूरस्थ आदिवासी अंचल में पायलट बनने का यह सुनहरा अवसर युवाओं के लिए बेहद खास है। लगभग एक महीने तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में कुल 100 कैडेट्स को विमान उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसकी शुरुआत 10 कैडेट्स से हो चुकी है।


कैडेट्स की उत्साही प्रतिक्रियाएँ

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कैडेट नितेश प्रजापति ने बताया, “हम पहली बार जशपुर में प्रशिक्षण के लिए आए हैं। यहां का स्वच्छ और सुंदर वातावरण हमें खास अनुभव दे रहा है। यह प्रशिक्षण हमारे लिए एयरफोर्स पायलट बनने की राह आसान बनाएगा।”

वहीं, कैडेट प्रांशु चौहान ने कहा, “यहां हवाई यातायात कम होने के कारण प्रशिक्षण बिना किसी रुकावट के हो रहा है। रनवे क्लीयर होने की वजह से उड़ान भरना आसान हो जाता है। जशपुर की खूबसूरत वादियों में यह अनुभव हमें हमेशा याद रहेगा।”

महिला कैडेट्स की भागीदारी

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिला कैडेट्स की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है। महिला कैडेट स्नेहा ठाकुर ने कहा, “यह मेरे लिए सपने जैसा है। पहले सोचा नहीं था कि जशपुर में हमें ऐसा अवसर मिलेगा। हम यहां पूरे जोश के साथ सीख रहे हैं और आने वाले समय में वायुसेना में जाने का लक्ष्य रख रहे हैं।”

आगडीह हवाई पट्टी से उड़ रही उम्मीदों की किरण

1200 मीटर लंबी और 25 मीटर चौड़ी आगडीह हवाई पट्टी अब प्रशिक्षण केंद्र बन गई है। हर दिन जैसे ही विमान रनवे से टेकऑफ करता है, आसपास के ग्रामीणों की खुशी देखते ही बनती है।

ग्रामीण विकास लकड़ा और राजू कुजूर ने बताया, “रोजाना विमान को उड़ान भरते और उतरते देखना हमारे लिए अविश्वसनीय अनुभव है। इससे हमारे घरों और गांवों में भी पायलट बनने का सपना जन्म ले रहा है।”

एनसीसी कैडेट्स के लिए सुनहरा अवसर

कमांडिंग ऑफिसर ने बताया कि यह प्रशिक्षण कैडेट्स के उज्जवल भविष्य की नींव रख रहा है। उन्होंने कहा कि एनसीसी एयर विंग से C सर्टिफिकेट परीक्षा में अच्छे ग्रेड प्राप्त करने वाले कैडेट्स को सीधे भारतीय वायुसेना के इंटरव्यू के लिए पात्र माना जाता है। ऐसे में यह प्रशिक्षण युवा सपनों को हकीकत में बदलने का एक बड़ा मंच साबित हो रहा है।

सरकार की भविष्य की योजनाएँ

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर राज्य सरकार कई और योजनाएँ बना रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने संकेत दिया कि आने वाले वर्षों में जशपुर को एक स्थायी एविएशन ट्रेनिंग हब के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए हवाई पट्टी को और अधिक सुविधाओं से लैस करने की योजना भी बनाई जा रही है।

राज्य सरकार इस क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे के विकास के साथ-साथ अन्य जिलों में भी इसी तरह की प्रशिक्षण सुविधाएँ शुरू करने की दिशा में काम कर रही है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से शुरू हुआ यह प्रशिक्षण न केवल जशपुर के युवाओं को प्रेरित कर रहा है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए नवाचार और अवसर का नया द्वार खोल रहा है। आदिवासी अंचल के युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर देकर सरकार ने सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

आने वाले समय में यह पहल और भी विस्तार लेगी, जिससे छत्तीसगढ़ के युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करियर बनाने में मदद मिलेगी।

Ashish Sinha

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