
15 लाख की ठगी, फर्जी इकरारनामा और जातिसूचक गालियाँ: सरकंडा पुलिस ने फरार आरोपी को किया गिरफ्तार
15 लाख की ठगी, फर्जी इकरारनामा और जातिसूचक गालियाँ: सरकंडा पुलिस ने फरार आरोपी को किया गिरफ्तार
बिलासपुर, छत्तीसगढ़: बिलासपुर जिले के सरकंडा थाना क्षेत्र में एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया, जिसमें आरोपी ने 15 लाख रुपये की ठगी करने के बाद प्रार्थी को फर्जी इकरारनामा सौंप दिया और जब पीड़ित ने अपनी रकम वापस मांगी, तो उसे जातिसूचक गालियाँ दी गईं और जान से मारने की धमकी दी गई। सरकंडा पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए आरोपी को कोरबा से गिरफ्तार कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विवेकानंद नगर फेस-2, मोपका के निवासी किषन लाल बंजारे (31) ने थाना सरकंडा में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने आरोपी भास्कर प्रसाद त्रिपाठी (56) को वर्ष 2023 में विभिन्न तिथियों में 15 लाख रुपये चेक के माध्यम से उधार दिए थे। यह रकम आरोपी ने ब्याज पर ली थी और तीन महीने में लौटाने का वादा किया था। परंतु तय समय बीतने के बाद भी जब किषन लाल ने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने टालमटोल करना शुरू कर दिया।
जब प्रार्थी ने बार-बार अपनी रकम वापस मांगी, तो आरोपी ने अपने स्वामित्व की एक भूमि को 19 लाख रुपये में बेचने का इकरारनामा तैयार कर दिया। पीड़ित ने इस पर सहमति जताई, लेकिन जब रजिस्ट्री कराने की बात आई, तो आरोपी ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। इसके बाद जब किषन लाल ने अपनी रकम या जमीन की रजिस्ट्री की माँग की, तो उन्हें यह जानकारी मिली कि आरोपी ने वही जमीन पहले ही कई लोगों को बेचने के लिए एग्रीमेंट कर रखा है और यह भूमि बैंक में गिरवी भी रखी हुई है। इस धोखाधड़ी की जानकारी होने पर जब प्रार्थी ने आरोपी से सख्ती से जवाब माँगा, तो उसने न केवल पैसे लौटाने से इनकार कर दिया, बल्कि जातिसूचक अपशब्द कहे और जान से मारने की धमकी भी दी।
पीड़ित की शिकायत पर थाना सरकंडा में अपराध क्रमांक 125/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 296, 351(2) तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(ध), 3(2)(5)क के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने इस मामले में त्वरित जांच शुरू की और तकनीकी साक्ष्यों एवं साइबर सेल की मदद से आरोपी की लोकेशन ट्रेस की।
जाँच के दौरान आरोपी के कोरबा में छिपे होने की जानकारी मिली, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री रजनेश सिंह (भापुसे) को सूचित किया गया। उन्होंने तत्काल आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। उनके निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री उदयन बेहार और सीएसपी सरकंडा श्री सिद्धार्थ बघेल के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। इस टीम में थाना प्रभारी निरीक्षक निलेश पांडे और उप-निरीक्षक संजीव ठाकुर भी शामिल थे।
पुलिस टीम ने बिना देर किए कोरबा में दबिश दी और दिनांक 17 मार्च 2025 को आरोपी को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उसे विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय के आदेशानुसार आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, भास्कर प्रसाद त्रिपाठी पहले भी इसी तरह की धोखाधड़ी के मामलों में शामिल रहा है। वह कई लोगों को अपने झांसे में लेकर फर्जी सौदेबाजी करता था और पैसे लेने के बाद भुगतान करने से बचता था। कई बार उसने अपनी संपत्ति को कई लोगों को बेचने का झांसा दिया और लाखों रुपये ऐंठे।
जातिसूचक गाली-गलौच और धमकी का मामला
मामले को और गंभीर बनाने वाली बात यह थी कि आरोपी ने पीड़ित को न केवल धोखा दिया, बल्कि जब उसने पैसे वापस माँगे, तो उसे जातिसूचक गालियाँ दीं और जान से मारने की धमकी भी दी। चूँकि पीड़ित अनुसूचित जाति वर्ग से आता है, इस कारण पुलिस ने इस मामले में एससी/एसटी एक्ट की धाराएँ भी जोड़ीं।
पुलिस की तत्परता और त्वरित कार्रवाई से पीड़ित को न्याय की उम्मीद जगी है। पीड़ित किषन लाल बंजारे ने पुलिस प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ जल्द कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और व्यक्ति इस तरह की ठगी का शिकार न हो।
बिलासपुर पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी वित्तीय लेन-देन में सावधानी बरतें और जमीन या अन्य संपत्ति खरीदने से पहले उसके दस्तावेजों की पूरी जाँच करें। साथ ही, यदि किसी व्यक्ति को धोखाधड़ी या जातिसूचक गालियों से संबंधित कोई शिकायत हो, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि समय रहते कानूनी कार्रवाई की जा सके।
यह मामला बताता है कि कैसे ठग लोगों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए झांसा देकर ठगी करते हैं और जब उनका भंडाफोड़ होता है, तो वे धमकी देने और जातिसूचक गालियाँ देने तक उतर आते हैं। सरकंडा पुलिस की सक्रियता से यह मामला सुलझाया गया और आरोपी को गिरफ्तार किया गया। अब न्यायिक प्रक्रिया के तहत आरोपी को उसके किए की सजा मिलेगी।
बिलासपुर पुलिस की इस कार्रवाई की आम जनता में सराहना की जा रही है और यह मामला अन्य लोगों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे किसी भी वित्तीय सौदे को करने से पहले पूरी सतर्कता बरतें।