
प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव रैली पर मंत्री मदन सहनी का हमला – “आयोजन पूरी तरह विफल”
बिहार में प्रशांत किशोर की जन सुराज रैली पर मंत्री मदन सहनी ने उठाए सवाल, कहा – “जनता का समर्थन नहीं मिला, रैली विफल रही।” जानिए पूरी रिपोर्ट।
प्रशांत किशोर की “बिहार बदलाव रैली” पर मंत्री मदन सहनी का तंज – “जनता का समर्थन नहीं, आयोजन विफल”
पटना, बिहार। जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की “बिहार बदलाव रैली” को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। इस रैली पर बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने तीखा हमला बोलते हुए इसे “पूरी तरह विफल” बताया।
मंत्री मदन सहनी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “जाकर देखिए, उन्हें बिहार के लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है। यह आयोजन पूरी तरह विफल रहा है।” उन्होंने दावा किया कि रैली में अपेक्षित भीड़ नहीं जुटी और यह रैली जनता के मूड को नहीं दर्शाती।
प्रशांत किशोर ने इस रैली के जरिए बिहार में एक नई राजनीतिक विकल्प की शुरुआत करने का दावा किया था। उन्होंने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाते हुए कहा कि बिहार को नई सोच और नई दिशा की ज़रूरत है। लेकिन उनकी रैली पर आई प्रतिक्रिया से यह साफ है कि सत्ताधारी दल उनके प्रभाव को लेकर आशंकित है, या फिर उसे गंभीरता से नहीं ले रहा।
रैली का उद्देश्य और संदेश
प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज यात्रा’ पिछले कुछ महीनों से बिहार के विभिन्न जिलों में चल रही है, जिसका मकसद है जनता के सीधे संपर्क में आकर एक वैकल्पिक राजनीतिक मंच तैयार करना। इस रैली को उसी अभियान का बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा था।
प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में कहा, “बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं, लेकिन सही विकल्प का इंतजार कर रहे हैं। हम वही विकल्प लेकर आए हैं, जो ज़मीन से जुड़ा हो और राजनीति को सेवा का माध्यम बनाए।”
सियासी बयानबाज़ी तेज
जहां मंत्री सहनी ने इस रैली को विफल बताया, वहीं जन सुराज पार्टी के नेताओं का कहना है कि भीड़ की संख्या नहीं, बल्कि विचारों की गंभीरता उनकी ताकत है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि सत्ताधारी दल रैली की सफलता से घबराकर ऐसी टिप्पणियां कर रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर की यह पहल भले ही शुरुआती दौर में हो, लेकिन बिहार में वैकल्पिक राजनीति की जमीन तैयार करने का प्रयास लगातार देखा जा रहा है।











