
स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया की बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा और उन्मूलन योजनाएं
स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने रायपुर में आयोजित बैठक में टीबी, कुष्ठ और मलेरिया के उन्मूलन पर जोर दिया, साथ ही गर्भवती महिलाओं की देखभाल और मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने विभागीय कामकाज की गहन समीक्षा की
उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की सतत् निगरानी एवं समुचित देखभाल सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
टीबी, कुष्ठ व मलेरिया को समन्वित प्रयास करते हुए सम्पूर्ण उन्मूलन करना प्राथमिकता: कटारिया
रायपुर, 29 अप्रैल 2025:स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने आज सर्किट हाउस, रायपुर में वरिष्ठ अधिकारियों तथा सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) के साथ स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। इस बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की वर्तमान कार्ययोजना एवं भविष्य की रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
कटारिया ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण और निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है, इसलिए इनका सर्वोत्तम उपयोग करते हुए सेवा गुणवत्ता में निरंतर सुधार सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से लक्ष्य आधारित कार्य प्रणाली अपनाने का आह्वान किया और कहा कि राज्य निर्माण के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसे और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य सचिव ने मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की सतत निगरानी एवं समुचित देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में प्रभावी कमी लाने के लिए ठोस कार्ययोजना अपनाने पर बल दिया।
बैठक में टीबी, मिजल्स-रूबेला, मलेरिया और कुष्ठ रोग के उन्मूलन को त्वरित लक्ष्य के रूप में चिन्हित किया गया और इनकी प्रभावी एवं ठोस कार्यवाही की आवश्यकता पर जोर दिया गया। श्री कटारिया ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े हर अधिकारी और चिकित्सक को संवेदनशीलता और सेवा भाव से कार्य करना चाहिए ताकि आमजन तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर पहुंच सकें।
बैठक के दौरान आयुक्त सह संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत वेतन भुगतान में हो रही देरी को तत्काल समाप्त करने और चिकित्सा अधिकारियों, खंड चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य स्वास्थ्य अमले की समय-समय पर प्रशिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। डॉ. शुक्ला ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर भी बल दिया और इसके लिए समन्वित कार्य योजना बनाकर प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने भारत सरकार की मंशा के अनुरूप वर्ष 2026 तक मीसल्स-रूबेला उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सुनियोजित कार्यवाही की आवश्यकता बताई।
बैठक में महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. एस.के. पामभोई, संयुक्त संचालक श्रीमती प्रेमलता चंदेल सहित सभी जिलों के सीएमएचओ, संभागीय संयुक्त संचालक, उप संचालक और जिला कार्यक्रम अधिकारी भी उपस्थित रहे।