
अंबिकापुर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर नशामुक्ति अभियान, युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश
अंबिकापुर के सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय में विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 पर नवा बिहान नशामुक्ति अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। अतिथियों ने नशे के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को इससे दूर रहने की प्रेरणा दी।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर नशामुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित, युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश
अंबिकापुर। सरगुजा पुलिस एवं जिले के स्वैच्छिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में संचालित नवा बिहान नशामुक्ति जागरूकता अभियान एवं परामर्श केंद्र तथा सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय, सुभाषनगर अंबिकापुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 के अवसर पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के सभा कक्ष में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन से हुआ। अतिथियों का पारंपरिक तिलक व श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजेश पाण्डेय (संभागीय सेनानी) तथा विशिष्ट अतिथि शिव कुमार कठौतिया (जिला सेनानी), बीके विद्या दीदी (प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय), मंगल पाण्डेय (संयोजक, नवा बिहान अभियान), अनिल कुमार मिश्रा (मुख्य कार्यकारी, छत्तीसगढ़ प्रचार एवं विकास संस्थान), हिना खान (काउंसलर, उमंग महिला एवं बाल उत्थान), बीके दुर्गा दीदी व बीके भ्राता खिलानन्द मंचासीन रहे।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने नशे के दुष्परिणामों, तंबाकू के सेवन से होने वाले शारीरिक, मानसिक व सामाजिक नुकसान, तथा नशामुक्त समाज के निर्माण पर विस्तृत चर्चा की।
बीके विद्या दीदी ने कहा कि “नशा हमारी आत्मा और शरीर दोनों को खोखला कर देता है। इससे दूर रहना ही समाधान है।”
मंगल पाण्डेय ने कहा कि “युवाओं में तनाव, फैशन और पीयर प्रेशर के कारण नशा बढ़ रहा है, इसे रोकने के लिए सतत प्रयास जरूरी हैं।”
अनिल मिश्रा ने बताया कि “नशे के कारण शरीर, मन और परिवार पर गहरा असर पड़ता है, परंतु इच्छाशक्ति से इसे छोड़ा जा सकता है।”
हिना खान ने महिलाओं की भूमिका पर बल देते हुए कहा कि “नशामुक्त समाज की दिशा में महिलाओं की जागरूकता और सहभागिता बेहद जरूरी है।”
मुख्य अतिथि राजेश पाण्डेय ने तंबाकू से उत्पन्न बीमारियों व हार्मोनल प्रभावों पर विस्तार से जानकारी दी और युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील की।
शिव कुमार कठौतिया ने निकोटीन के प्रभावों को रेखांकित करते हुए बताया कि यह कैसे शरीर की कोशिकाओं को धीरे-धीरे नष्ट करता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. श्रद्धा मिश्रा ने कहा कि “तंबाकू जैसे नशीले पदार्थ व्यक्ति, परिवार और समाज तीनों को दीमक की तरह खोखला बना रहे हैं। इसका जागरूक विरोध आवश्यक है।”
कार्यक्रम का संचालन और परिचय श्रीमती रानी रजक ने दिया और आभार प्रदर्शन भी उन्होंने ही किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में रा.से.यो. अधिकारी श्रीमती रानी रजक, प्राध्यापक श्रीमती प्रियलता जायसवाल, सविता यादव, सीमा बंजारे, पूजा रानी, ज्योत्सना राजभर, गोल्डन सिंह तथा बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों का सराहनीय योगदान रहा।