
होली मिलन सहित अन्य किसी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने पर प्रतिबंध
होलिका दहन के दौरान सैनिटाईजर, फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं मास्क का उपयोग करना अनिवार्य, अधिकतम 05 व्यक्ति हो सकते हैं उपस्थित
सूरजपुर/ राज्य शासन एवं भारत सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन अनुसार कोरोना वायरस (कोविड-19 ) नियत्रंण के संबंध में पूर्व में लागू अधिकांश प्रतिबंधों में समय-समय पर सशर्त छूट प्रदान की गई थी। उपरोक्त आंशिक प्रतिबंधों की समीक्षा की गई, जिससे वर्तमान में कोरोना वायरस पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के फलस्वरुप तथा जिला प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर पूर्व में अधिरोपित प्रतिबंधों, शर्तो का कड़ाई से पालन कराना एवं परिस्थिति अनुरुप युक्तियुक्त प्रतिबंध अधिरोपित किया जाना आवश्यक हो गया है। दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30, 34, सहपठित एपिडेमिक एक्ट, 1987 यथासंशोधित 2020 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने होली मिलन या अन्य किसी भी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने पर आगामी आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया है। होलिका दहन के दौरान सैनिटाईजर, फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं मास्क का उपयोग करने की शर्त का कड़ाई से पालन करते हुये अधिकतम 05 व्यक्ति उपस्थित रह सकते है। जिला सूरजपुर अन्तर्गत सभी पर्यटन स्थलों में आम जनता का प्रवेश आगामी आदेश पर्यन्त प्रतिबंधित रहेगा। समस्त प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम एवं त्यौहार, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, खेलकूद, मेला, समारोह अथवा अन्य किसी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। समस्त प्रकार के सभा, धरना, रैली, जुलुस अथवा सार्वजनिक प्रदर्शन आगामी आदेश पर्यन्त प्रतिबंधित रहेगें। धार्मिक स्थल केवल व्यक्तिगत पूजा के लिए खुले रहेगें। व्यक्तिगत, एकल रूप से धार्मिक स्थल, संस्थान प्रवेश किया जा सकेगा, परन्तु किसी प्रकार का सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।
सार्वजनिक स्थलों, सिनेमा हॉल एवं मॉल्स में आने-जाने वालों की दैनिक जांच की जावेगी एवं कोविड गाईडलाईन का पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों में फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क का उपयोग किया जाना अनिवार्य होगा। उल्लंघन की दशा में राज्य शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित अर्थदण्ड अधिरोपित किया जा सकता है। अर्थदण्ड देने से इंकार करने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। विवाह, अंत्येष्टि, दशगात्र अथवा उससे संबंधित आवश्यक कार्यक्रम में फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क का कड़ाई से उपयोग की शर्त के अधीन अधिकतम 50 व्यक्तियों को ही शामिल होने की अनुमति होगी। कार्यक्रम में शामिल होने वाले व्यक्तियों को मास्क लगाना एवं समय-समय पर हाथ धोना, सैनिटाईज करना अनिवार्य होगा तथा कार्यक्रम के लिए जिला दण्डाधिकारी, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी अथवा अनुविभागीय दण्डाधिकारियों से लिखित अनुमति प्राप्त करना होगा।
डी.जे., नगाड़ा अथवा अन्य समस्त प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग आगामी आदेश पर्यन्त प्रतिबंधित रहेगा। दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों में क्रमशः 02 एवं 04 व्यक्ति ही बैठ सकेगें। अन्य राज्यों से हवाई यात्रा, रेल अथवा सड़क मार्ग से जिले में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों को 07 दिवस होम क्वारंटाईन में रहना अनिवार्य होगा। यदि किसी व्यक्ति को सर्दी, खाँसी, बुखार, साँस लेने तकलीफ, स्वाद या गंध महसुस नहीं होना, दस्त, उल्टी या शरीर में दर्द की शिकायत हो, तो निकटतम केन्द्र में कोविड 19 जांच कराना तथा जांच रिपोर्ट प्राप्त होने तक होम क्वारटाईन रहना अनिवार्य होगा। रिपोर्ट पॉजिटिव होने तथा होम आईसोलेशन हेतु अनुमति प्रदान किये जाने पर अनुमति की शर्तो का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा।
यदि किसी क्षेत्र में कोविड 19 पॉजिटिव मरीजों की सघनता पायी जाती है, तो उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा तथा उक्त क्षेत्र के सभी व्यक्तियों को कंटेनमेंट जोन संबंधी समस्त दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। इस आदेश द्वारा दी गई सशर्त अनुमति को छोड़कर सार्वजनिक स्थलों में 05 से अधिक व्यक्तियों का एकत्रित होना आगामी आदेश पर्यन्त प्रतिबंधित रहेगा। सूरजपुर जिले में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना वायरस निगरानी, जांच, निरीक्षण दल द्वारा भौतिक परीक्षण, संगरोध और इलाज से संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों को यदि कोई भी व्यक्ति सहयोग देने से इंकार करता हैं अथवा वांछित जानकारी देने से इंकार करता है या निगरानी दल के निर्देशो का पालन नहीं करता है अथवा इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 270 सहपठित एपिडेमिक डिसीजेंज एक्ट, 1897 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अधीन दण्ड का भागी होगा। यह आदेश तत्काल लागू किया जाना आवश्यक है।
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