
अटल बिहारी बाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि संगोष्ठी, नेताओं ने याद किए उनके आदर्श
अंबिकापुर में अटल बिहारी बाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि संगोष्ठी का आयोजन हुआ। भाजपा नेताओं ने उनके जीवन, विचारों और उपलब्धियों को याद किया।
अटल बिहारी बाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि संगोष्ठी आयोजित
अंबिकापुर।संकल्प भवन भाजपा कार्यालय अंबिकापुर में भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष अटल बिहारी बाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देकर किया गया। यह आयोजन भाजपा जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि “जिस प्रकार रामकथा जितनी बार सुनते हैं, उतनी ही उत्सुकता और प्रेरणा मिलती है, उसी प्रकार अटल जी के जीवन और विचारों पर जितना कहा जाए उतना कम है।” उन्होंने कहा कि अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण कर यहाँ के लोगों को गौरव और पहचान दी। भाजपा की मूल विचारधारा के केंद्र में अटल जी की सोच है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि अटल जी के विचारों को जनचर्चा का विषय बनाएं।
वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर ने कहा कि अटल जी का नाम आते ही मर्यादा और आदर्श की छवि मन में उभरती है। उन्होंने गाँव, गरीब, किसान और महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य किया।
पूर्व जिलाध्यक्ष ललन प्रताप सिंह ने कहा कि अटल जी ने पाकिस्तान यात्रा की पहल कर विश्व शांति का संदेश दिया। वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता कमल भान सिंह ने कहा कि अल्पमत में सरकार बनाकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना अटल जी की ऐतिहासिक उपलब्धि रही।
पूर्व सभापति त्रिलोक कपूर कुशवाहा ने अटल जी को परमाणु परीक्षण के साहसिक निर्णय के लिए याद किया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती निरूपा सिंह ने कहा कि उनकी बातें “गागर में सागर” जैसी होती थीं।
जिला उपाध्यक्ष अंबिकेश केशरी ने कहा कि अंतिम व्यक्ति की चिंता करना ही अटल जी के जीवन का लक्ष्य था।
इस अवसर पर सभापति हरमिंदर सिंह टिन्नी, फुलेश्वरी सिंह, मनीष सिंह, मधुसूदन शुक्ला, राजकुमार बंसल, संतोष दास, विकास पांडेय सहित अनेक नेताओं ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का मंच संचालन जिला उपाध्यक्ष विनोद हर्ष ने किया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से विजय व्यापारी, इंदर भगत, राजबहादुर शास्त्री, संजय अग्रवाल, निलेश सिंह, आलोक दुबे, मधु चौदाहा, निश्चल प्रताप सिंह, रूपेश दुबे, प्रयागराज साहू, दीपक सिंह तोमर, सचिन अग्रवाल, रवीन्द्र तिवारी, अजय सोनी, प्रिया सिंह, रीना भारती, सरस्वती यादव, सीमा कश्यप, रामकेश्वर राजवाड़े, संदीप मुदलियार, विनोद जायसवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे|