
विजयादशमी पर 103 नक्सली आत्मसमर्पण – छत्तीसगढ़ में हिंसा पर विकास की जीत
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर में 103 नक्सलियों के आत्मसमर्पण को विजयादशमी पर ऐतिहासिक कदम बताया। जानें आत्मसमर्पण और नक्सल उन्मूलन नीति की पूरी जानकारी।
विजयादशमी पर बीजापुर में 103 नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता
रायपुर, 03 अक्टूबर 2025: धर्म और न्याय की विजय का प्रतीक विजयादशमी इस बार छत्तीसगढ़ में हिंसा और भ्रम पर विकास और सुशासन की ऐतिहासिक जीत का भी साक्षी बना। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर में 103 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर सुरक्षा बलों को बधाई दी और इसे प्रदेश के शांतिपूर्ण एवं समृद्ध भविष्य की दिशा में निर्णायक कदम बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार योजना” ने लाल आतंक के भ्रम से भटके लोगों के दिलों में विश्वास और आशा जगाई है। “पूना मारगेम अभियान” से प्रेरित होकर बीजापुर में कुल 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें 49 नक्सलियों पर कुल 1 करोड़ 6 लाख 30 हजार रुपए तक का इनाम घोषित था।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को नई शुरुआत के लिए 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। नक्सल उन्मूलन नीति के अंतर्गत उन्हें सम्मानजनक जीवन और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर दिया जा रहा है। अब तक 1890 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पित हो चुके हैं, जो सरकार की नीतियों की प्रभावशीलता और जनता के विश्वास का प्रमाण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार का संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन किया जाएगा और आत्मसमर्पित लोगों को सुरक्षित, सम्मानजनक और उज्ज्वल भविष्य मिलेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि यह परिवर्तन केवल बस्तर की धरती तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण, समृद्ध और विकसित भविष्य की ओर एक सशक्त कदम है।