
सरगुजा में कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान तेज, पर्यवेक्षक दल ने ब्लॉकों से ली राय
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत सरगुजा में रायशुमारी शुरू। पर्यवेक्षक दल ने अंबिकापुर और लखनपुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों से वन-टू-वन चर्चा की, 13 अक्टूबर को उदयपुर, धौरपुर व लुंड्रा का दौरा करेगा।
संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत सरगुजा जिले में कांग्रेस पर्यवेक्षक दल ने की रायशुमारी की शुरुआत
अंबिकापुर, 12 अक्टूबर 2025।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा चलाए जा रहे संगठन सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत नियुक्त पर्यवेक्षक दल ने रविवार से सरगुजा जिले की ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों से रायशुमारी की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
इस क्रम में आज मुख्य पर्यवेक्षक श्री राजेश ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी, के साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री धनेन्द्र साहू एवं भानूप्रतापपुर विधायक श्रीमति सावित्री मंडावी ने अंबिकापुर शहर एवं अंबिकापुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की संयुक्त बैठक जिला कांग्रेस कार्यालय, राजीव भवन में आयोजित की।
बैठक के उपरांत पर्यवेक्षक दल ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी, नवगठित मंडलों के अध्यक्षों, उनकी कार्यकारिणी एवं बीएलए टीम के सदस्यों से वन-टू-वन चर्चा कर रायशुमारी की।
इस दौरान अंबिकापुर शहर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के 6 मंडलों तथा अंबिकापुर ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के 9 मंडलों के अध्यक्षों व पदाधिकारियों ने पर्यवेक्षक दल से मुलाकात की और अपनी राय रखी।
अंबिकापुर शहर व ग्रामीण ब्लॉक की बैठक संपन्न होने के पश्चात पर्यवेक्षक दल लखनपुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की रायशुमारी के लिए लखनपुर रवाना हुआ। वहां सामुदायिक भवन में आयोजित बैठक में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी एवं 9 मंडलों के अध्यक्षों और कार्यकारिणी सदस्यों से भी विस्तृत चर्चा की गई।
13 अक्टूबर को पर्यवेक्षक दल उदयपुर, धौरपुर एवं लुंड्रा ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों का दौरा कर रायशुमारी करेगा।
सामाजिक समूहों से वन-टू-वन चर्चा
सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद हेतु रायशुमारी के पूर्व, पर्यवेक्षक दल ने जिले के विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक समूहों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
लगभग 22 सामाजिक समूहों के प्रमुखों एवं सदस्यों से दो घंटे तक क्रमवार मुलाकात कर उनसे सुझाव लिए गए।
इन समूहों में आदिवासी समाज, गोंड समाज, अनुसूचित जाति समूह, रजक समाज, जायसवाल समाज, कायस्थ समाज, बंग समाज, क्षत्रिय समाज, ब्राह्मण समाज, सिख समाज, मुस्लिम समाज, मसीही समाज सहित समाज सेवा में संलग्न कई एनजीओ संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
सभी समूहों ने संगठन सृजन अभियान को लोकतांत्रिक परंपरा को सशक्त करने वाला कदम बताया।