
मुंबई कॉलेज में बुर्का–नकाब पर रोक, राजनीतिक विवाद शुरू
मुंबई के विवेक विद्यालय जूनियर कॉलेज में बुर्का, नकाब और धार्मिक प्रतीक वाली पोशाक पर प्रतिबंध लगाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। AIMIM ने आदेश वापस लेने की मांग की, जबकि शिवसेना ने कॉलेज के ड्रेस कोड का समर्थन किया। कॉलेज ने उचित और शालीन कपड़े पहनने की अनिवार्यता बताई है।
मुंबई: विवेक विद्यालय जूनियर कॉलेज में बुर्का–नकाब पर प्रतिबंध, ड्रेस कोड को लेकर विवाद तेज
मुंबई। विवेक विद्यालय जूनियर कॉलेज द्वारा जारी नए ड्रेस कोड सर्कुलर के बाद विवाद बढ़ गया है। कॉलेज प्रशासन ने परिसर में बुर्का, नकाब, हिजाब सहित किसी भी धार्मिक चिह्न वाली पोशाक पहनने पर रोक लगा दी है, जिसके बाद AIMIM ने कड़ा विरोध दर्ज करते हुए कॉलेज को आदेश वापस लेने की मांग की है। दूसरी ओर, शिवसेना ने कॉलेज के निर्णय का समर्थन किया है।
📄 कॉलेज का नया ड्रेस कोड: “उचित, शालीन और गैर-धर्म आधारित पोशाक ही अनुमति”
कॉलेज प्रशासन ने अपने सर्कुलर में कहा है कि सभी छात्रों को संस्थान द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का कड़ाई से पालन करना होगा।
स्वीकार्य पोशाक
1. लड़कों के लिए
- औपचारिक हाफ/फुल शर्ट
- ट्राउजर
- टी-शर्ट/जींस
- बाल ठीक ढंग से कटे होने चाहिए
2. लड़कियों के लिए
- कोई भी उपयुक्त भारतीय या पश्चिमी पोशाक
- बाल हर समय बंधे होने चाहिए
प्रतिबंधित पोशाक
- बिना आस्तीन वाले टॉप, छोटे टॉप, जर्सी, शॉर्ट्स, रिप्ड जींस, बॉडी-फिट कपड़े
- धर्म आधारित या सांस्कृतिक असमानता दर्शाने वाले कपड़े
- लड़कियों को कक्षा में प्रवेश से पहले बुर्का, नकाब, धार्मिक चिह्नों वाले वस्त्र हटाने होंगे
- लड़कों को टोपी, बैज, धार्मिक प्रतीक वाले कपड़े पहनने की अनुमति नहीं
- धार्मिक कारणों से नंगे पैर आने की अनुमति नहीं — सभी को जूते पहनना अनिवार्य
कॉलेज प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि यह नियम “शैक्षणिक वातावरण को तटस्थ और अनुशासित” रखने के लिए बनाए गए हैं।
AIMIM का विरोध — “आदेश छात्रों की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन”
AIMIM ने कॉलेज प्रशासन के आदेश पर आपत्ति जताते हुए इसे धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप बताया है। पार्टी ने कहा कि लड़कियों को बुर्का या नकाब हटाने के लिए बाध्य करना असंवैधानिक है।
AIMIM नेताओं ने कॉलेज को आदेश वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि यदि नियम नहीं हटाए गए तो विरोध तेज किया जाएगा।
शिवसेना का समर्थन — “छात्रों को कॉलेज नियमों का पालन करना चाहिए”
शिवसेना प्रवक्ता संजय निरूपम ने कॉलेज के ड्रेस कोड का समर्थन किया है। उन्होंने कहा—
“कॉलेज के नियम सबके लिए हैं। बच्चों को संस्थान की अनुशासन व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए।”
विवाद की वजह क्या?
ड्रेस कोड में एक तरह से धर्म-निरपेक्ष, शालीन और समान पोशाक की अनिवार्यता पर जोर दिया गया है, लेकिन बुर्का–नकाब अथवा धार्मिक प्रतीकों पर प्रतिबंध लगने से यह मामला संवेदनशील हो गया है।
अब देखने वाली बात यह है कि कॉलेज अपने आदेश पर कायम रहता है या विरोध बढ़ने पर इसमें संशोधन करता है।










