
सफल कक्षा संचालन हेतु स्वयंसेवी शिक्षकों का प्रशिक्षण सम्पन्न
प्रेमनगर / केंद्र प्रवर्तित योजना पढ़ना लिखना अभियान के तहत राज्य के असाक्षरों को साक्षर करने राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार, सूरजपुर जिले के जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण के पदेन जिला सचिव एवं जिला शिक्षा अधिकारी व्ही0 के0 राय, जिला परियोजना अधिकारी शशिकांत सिंह के मार्गदर्शन में स्वयंसेवी शिक्षकों को सफल कक्षा संचालन हेतु बारीकियों से अवगत कराने विकास खंड वार दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पढ़ना लिखना अभियान में विकास खंड प्रेमनगर के 1475 असाक्षरों को साक्षर करने 155 स्वयंसेवी शिक्षकों ने दृढसंकल्पित हो सफल करने की जिम्मेदारी लेते हुए दो दिवसीय प्रशिक्षण में शत प्रतिशत शामिल हुए। दो दिवसीय प्रशिक्षण के पहले दिन के इस कार्यक्रम में सबसे पहले इस कार्य में लगे स्वयंसेवी शिक्षकों का पंजीयन हुआ, फिर पढ़ना लिखना अभियान का परिचय कराया गया, जिसमें स्वयंसेवी शिक्षकों को उनकी भूमिका के बारे में अवगत कराया गया, जिसमें डिजिटल माध्यमों का उपयोग के साथ नवाचारी गतिविधियों का प्रयोग करते हुए कक्षा का संचालन कराना है साथ ही साक्षरता केंद्र का रखरखाव के बारे में अवगत कराया गया जिसमें प्रौढ़ों एवं कक्षा के वातावरण को समझना शामिल है। इस कार्यक्रम में विकास खंड शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है हम सबको इसको सेवा कार्य समझकर करना है, इस कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे आसपास के असाक्षरों को साक्षर करना है। विकास खंड परियोजना अधिकारी रमेश जायसवाल ने कहा हमारे विकास खंड के सभी स्वयंसेवी शिक्षकों ने इस अभियान को सफल बनाने तैयारी कर ली है। इस कार्यक्रम में राज्य से ढाई लाख असाक्षर शामिल होंगे जिनको साक्षर करने की जिम्मेदारी 25000 स्वयंसेवी शिक्षक के कांधो पर है,इसके लिए लिए राज्य भर में 1250 मास्टर ट्रेनर के साथ 56 रिसोर्स पर्सन रहेंगे। यह राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है जिनको सफल बनाने केंद्र से प्रस्ताव हुवा है। विकास खंड स्तरीय इस कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर कृष्ण कुमार ध्रुव, बालकरण सिंह, नेहा लकड़ा, पनमेश्वरी सिंह है जिन्होंने सभी स्वयंसेवी शिक्षकों को असाक्षरों को साक्षर करने के बारीकियों से अवगत कराते हुए उनको इस कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं दिए। इस कार्यक्रम के समापन के पश्चात सभी स्वयंसेवी शिक्षकों से इस कार्यक्रम का फीडबैक लिया गया, इसके पश्चात सभी को कर्तव्य प्रमाण पत्र वितरण किया गया साथ ही पढ़ना लिखना अभियान के महत्वपूर्ण पुस्तक आखर झांपी, कहानी की पुस्तकें, छत्तीसगढ़ के महापुरुषों की जीवनी का पुस्तक वितरण किया गया।
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