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मोदी सरकार अपना कमी नहीं बताते हुए दूसरे पर उंगली उठाने का काम करता है स्वामीनाथ जसवाल

मोदी सरकार अपना कमी नहीं बताते हुए दूसरे पर उंगली उठाने का काम करता है स्वामीनाथ जायसवाल

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नई दिल्ली भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के अध्यक्ष स्वामी नाथ जायसवाल ने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में भाषण देते हुए महाराष्ट्र और दिल्ली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा था कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने प्रवासियों को पलायन के लिए उकसाया था, जिससे कोरोना संक्रमण फैला।सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कोविड प्रबंधन पर बोलते हुए विपक्षी सरकारों पर आरोप लगाते हुए टिप्पणी की थी कि उन्होंने प्रवासियों को राज्य/शहर छोड़ने के लिए उकसाया और संक्रमण के फैलाव में वृद्धि हुई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई इस टिप्पणी का भारतीय राष्ट्रीय मजदूर काँग्रेस (इंटक) घोर विरोध करती है। सोमवार को अपने लोकसभा भाषण में महामारी के शुरुआती दिनों का जिक्र करते हुए मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि पार्टी ने कोविड-19 के समय में सभी हदें पार कर दी थीं। मोदी ने अपने भाषण में इसे कांग्रेस का ‘बड़ा पाप’ करार देते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने मजदूर भाई-बहनों को बड़ी मुश्किल में धकेल दिया।’ जबकि हम सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बिना किसी नियोजन के तहत लाॅकडाऊन की घोषणा कर दी थी। जिससे कि मजदूरों को अपने जीवनयापन की योजना बनाने का भी समय नहीं मिला था। कल-कारखाने बंद हो जाने के कारण मजदूरों को भुखमरी के दौर से भी गुजरना पड़ा था। ऐसे में प्रवासी मजदूरों ने पैदल ही अपने गाँवों की तरफ प्रस्थान कर दिया था। कितनों ही मजदूरों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। मजदूरों को ऐसी दयनीय अवस्था में देखने के बाद भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का दिल नहीं पसीजा। ऐसे में जिस काम को करने के लिए देश की जनता ने श्री नरेन्द्र मोदी जी को प्रधानमंत्री के पद पर बैठाया था, यानि कि देश की जनता की सुरक्षा का काम, उसी काम से जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपना मुंह मोड़ लिया तब इस जवाबदारी को काँग्रेस पार्टी ने नैतिकता के तौर पर स्वीकार किया और उस समय कांग्रेस नेताओं ने मुंबई में स्टेशनों पर खड़े होकर मुफ्त ट्रेन टिकट बांटे और जो प्रवासी मजदूर अपने अपने गाँवों की तरफ प्रस्थान कर रहे थे, उनको सम्मान पूर्वक ट्रेनों से रवाना किया।भारतीय राष्ट्रीय मजदूर काँग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते मैं आप सभी को यह बताना चाहता हूँ कि यदि कोरोना महामारी के कारण अचानक लागू हुए लॉकडाउन के बाद फंसे हुए प्रवासियों की देखभाल करना प्रधानमंत्री की नजर में गलत था, तो हम मानवता की खातिर इस गलती को सैकड़ों बार दोहराएंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लॉकडाउन की घोषणा से पहले सिर्फ 4 घंटे का समय दिया था। नरेन्द्र मोदी जी ने दिहाड़ी मजदूरों के बारे में नहीं सोचा। नरेन्द्र मोदी जी के मन में थोड़ी सी भी इंसानियत होती तो ऐसी बयानबाज़ी बिल्कुल भी नहीं करते। उल्टा अगर उनके मन में थोड़ी सी भी शर्म होती तो आज वे उन मजदूरों से माफी मांग रहे होते। क्योंकि जब श्रमिक ट्रेनें शुरू हुईं, तो इन गरीब बेसहारा मजदूरों से टिकट के लिए तीन गुना पैसा लिया जा रहा था?24 मार्च 2020 को कोरोना के ख़तरों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के पहले संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी। कोरोना को रोकने के लिए घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई थी। देश में हर गली, मोहल्ले, कस्बे, ज़िले में लॉकडाउन लगा दिया गया। फिर देखते-देखते देश के अलग इलाकों में कामगारों के सामने कोरोना के साथ-साथ रोज़ी-रोटी का सवाल खड़ा हो गया। चौतरफा मुसीबतों के बीच अधिकतर श्रमिकों के सामने यही रास्ता बचा था कि वो किसी तरह अपने घर लौट जाएँ। लेकिन लॉकडाउन में यातायात पर प्रतिबंध लगा हुआ था। ऐसे मुश्किल हालात में लाखों की संख्या में श्रमिक अपने बूते घरों की तरफ चल दिए। कोई पैदल था, कोई साइकिल से, कहीं ट्रकों में भरकर तो कहीं ट्रेन की पटरियों पर चलते हुए लोग अपने घरों की तरफ पहुंच रहे थे। अधिकतर श्रमिकों का पलायन उत्तर प्रदेश और बिहार की तरफ हो रहा था। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पंजाब, अहमदाबाद जैसी जगहों से लंबे समय तक पलायन जारी रहा। ऐसे में उनका किराया देने के लिए हमारे नेता श्री राहुल गाँधी जी आगे आये। बिना किसी नियोजन के अचानक लॉकडाउन लगाकर मज़दूरों व उनके परिवारों को बेहाली के भंवर में धकेलने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भरी संसद में जिस तरह से संसद में ‘माफी मांगने’ की बजाय मदद के लिए जुटे काँग्रेस के ‘हाथ’ पर सवाल खड़ा किया, उससे तो उन्होंने प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने का काम किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के आगमन पर हाउडी ट्रम्प कार्यक्रम का आयोजन करने वाली सरकार ने लाॅकडाऊन के समय लोगों से थाली पीटने के लिए कहा और दीए जलाने को कहा और अब कोविड वायरस फैलाने के लिए काँग्रेस को दोषी ठहरा रही है। मुझे तो घिन्न आती है मोदी जी की ऐसी ओछी और गंदी राजनीति से। देश के विकास में अपना खून-पसीना लगाकर अपना सर्वोत्तम योगदान देनेवाले देश के मजदूरों का इस तरह से अपमान करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय मजदूर काँग्रेस (इंटक) प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विरोध करता है और साथ ही माँग करता है कि इस विषय पर उनकी तरफ से जल्द से जल्द स्पष्टीकरण के साथ एक माफीनामा पेश किया जाये।

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राज्य लोक सेवा प्रारंभिक परीक्षा 13 फरवरी को

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विद्यालयों में वित्तीय प्रबंधन को पारदर्शिता और सुलभ बनाने मे पीएफएमएस की अहम भूमिका।

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