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ट्रांसपोर्ट कंपनी बाबा मस्त नाथ शिव मंदिर का निर्माण कर देख रेख करना भूली।

ट्रांसपोर्ट कंपनी बाबा मस्त नाथ शिव मंदिर का निर्माण कर देख रेख करना भूली

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गोपाल सिंह विद्रोही प्रदेशख़बर प्रमुख छत्तीसगढ़- बिश्रामपुर कुमदा कालोनी मार्ग स्थित बाबा मस्त नाथ शिव मंदिर उपेक्षा का शिकार न तो इसका स्थापना करने वाला के परिजनों की चिंता है न हिंदू धर्म प्रेमियों की।केवल एक पुजारी सुबह शाम भगवान शिव का देख रेख कर मंदिर की व्यवस्था में जुटा तो है परंतु भुखमरी का शिकार है।

मंदिर के संबंध में बताया जाता है कि एक समय था जब एसईसीएल विश्रामपुर भूमिगत खदान जयनगर का स्वर्णिम वर्ष के दौरान बाबा मस्तनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी के डायरेक्टर राम कुमार ट्रांसपोर्ट कंपनी में कार्यरत भक्तों के लिए कंपनी के नाम पर ही बाबा मस्तनाथ शिव मंदिर का निर्माण किया था परंतु खदान के बंद होते ही ट्रांसपोर्ट कंपनी यहां से अन्यत्र चली गई । इसके संचालक रामकुमार ने मंदिर के संचालन एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूजारी रखा था परंतु उनकी मृत्यु के बाद ट्रांसपोर्ट कंपनी के संचालक के पुत्र द्वारा इस ओर मुंह हमेशा के लिए मोड़ लिया गया ।तब से यह मंदिर उपेक्षित है। नगर के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यहां की पूजा पाठ करने के लिए पंडित इंद्रजीत दुबे को पुजारी के रूप में रखा है परंतु पंडित एवं मंदिर के पुजारी इंद्रजीत दुबे को किसी प्रकार से कोई पारिश्रमिक नहीं दिया जा रहा है, जिससे अब पुजारी का भी इस ओर से मोहभंग होता नजर आ रहा है। यदि पुजारी मंदिर की देखरेख करना छोड़ दें तो यह नर्सरी के मध्य स्थित मंदिर खंडार में तब्दील हो जाएगा ।
तत्कालिक महाप्रबंधक करते थे आर्थिक मदद
मंदिर की देखरेख के लिए एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के तत्कालीन महाप्रबंधक विद्यानंद झा ने मंदिर के पुजारी को मंदिर संचालन एवं मंदिर कैंपस में अनाथ गायों के देखरेख करने के लिए आर्थिक मदद करते थे।उनके स्थानांतरण के बाद आर्थिक मदद मिलना बंद हो गया।
एक भाई पुजारी के रूप मे मंदिर का करता है देख रेख तो दूसरा बीमार एवं अनाथ गायों का करता है सेवा जानकारी के अनुसार विश्रामपुर चोपड़ा कॉलोनी निवासी पंडित इंद्रजीत दुबे बिना किसी आर्थिक मदद के बाबा मस्त नाथ शिव मंदिर का नियमित दोनों समय पूजा अर्चना आरती का कार्य देखते हैं तो दूसरा भाई रंजीत दुबे क्षेत्र के सड़कों में जगह-जगह बीमार पड़ी एवं अनाथ गायों को अपने पास रखकर इलाज एवं देखरेख करते हैं। स्वस्थ गायों को इच्छुक व्यक्तियों को पालने के लिए सुपुर्द भी करते हैं। इनकी गायों के प्रति प्रेम देखकर तत्कालीन महाप्रबंधक विद्यानंद झा ने सेड का निर्माण कराया था ।वर्तमान महाप्रबंधक अमित कुमार सक्सेना प्रति सप्ताह 200 रुपए आर्थिक सहयोग देने की आश्वासन दिया है। यहां बताना आवश्यक है कुंदा कॉलोनी एवं विश्रामपुर मार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों लोग आना जाना तो करते परंतु इस मंदिर की ओर ध्यान देना उचित नहीं समझते। वही अज्ञात चोरों ने मंदिर में भक्तजनों द्वारा चढ़ाया गया बर्तन को भी पार कर दिया जो निन्दनीय है।जरूरत है इस मंदिर के रखरखाव का। यदि क्षेत्र के लोगों द्वारा इस मन्दिर के रख रखाव व गायों के देख रेख के लिए मदद के हाथ नहीं बढ़ाया गया तो यह मंदिर खंडहर में तब्दील होने से इनकार नहीं किया जा सकता है

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मंदिर पर चोरों की नजर दो बार दे चूके है चोरी का अंजाम
मंदिर एकांत होने के कारण चोरों की नजर हमेशा इस ओर रहती है। चोरों ने एक सप्ताह पूर्व ही भंडारा कक्ष में रखा हजारों रुपए का वर्तन की चोरी कर ली जिसका पुलिस अब तक सुराग नहीं लगा पाई है।

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Ashish Sinha

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