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ग्रामीण क्षेत्र मे भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को दिया जायेगा आर्थिक अनुदान

 राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी किया परिपत्र

ग्रामीण क्षेत्र मे भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को दिया जायेगा आर्थिक अनुदान

प्रभा सिंह यादव/ब्यूरो चीफ/सरगुजा//   प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र मे भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान कर भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रारंभ किया जा रहा है। योजनांतर्गत अनुदान सहायता राशि में अंतिम रुप से चिन्हांकित हितग्राही परिवार के मुखिया को 6000 रु. अनुदान सहायता राशि प्रतिवर्ष दी जायेगी जिससे की आर्थिक अनुदान के माध्यम से भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के शुद्ध आय में वृद्धि हो सके। इस संबंध में प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने कलेक्टरों के नाम परिपत्र जारी किया है। कलेक्टरों को जारी परिपत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है।

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छ.ग. राज्य में खरीफ सत्र में ही कृषि मजदूरी के लिए पर्याप्त अवसर रहता है, किन्तु इनमें कई भूमिहीन कृषि मजदूर हैं, जिनके पास अपनी स्वयं की भूमि नहीं है। योजना अंतर्गत पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे सभी मूल निवासी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे, जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि यथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, घोबी, पुरोहित जैसे-पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है।

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कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से यदि कृषि भूमि धारित है अर्थात् उस परिवार को उत्तराधिकार हक में भूमि प्राप्त करने की स्थिति होगी, तब वह परिवार भूमिहीन परिवार की सूची से पृथक् हो जाएगा। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि, कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के मुखिया को अनुदान सहायता राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र के साथ ‘‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। अपंजीकृत परिवारों को योजनांतर्गत अनुदान की पात्रता नहीं होगी। पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर उक्त परिवार के द्वारा पात्रता अनुसार नवीन आवेदन योजनांतर्गत प्रस्तुत करना होगा।

यदि पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया के द्वारा असत्य जानकारी के आधार पर अनुदान सहायता राशि प्राप्त की गई हो, तब विधिक कार्यवाही करते हुए उक्त राशि उससे भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जाएगी। पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज-आधार कार्ड, बैंक पासबूक के छाया प्रति के साथ आवेदन सचिव, ग्राम पंचायत के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। आवेदन में यथा संभव मोबाईल नम्बर का भी उल्लेख करना होगा। हितग्राही परिवार आवेदन की पावती ग्राम पंचायत सचिव से प्राप्त कर सकेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में भुईया रिकार्ड के आधार पर ग्रामवार बी-1 तथा खसरा की प्रतिलिपि चस्पा की जायेगी। जिससे भू-धारी परिवारों की पहचान स्पष्ट हो सके तथा भूमिहीन परिवारों को आवेदन भरने में सुविधा प्राप्त हो सके। लाभ प्राप्त करने के इच्छुक ग्रामीण एवं कृषि मजदूर परिवारो के मुखिया को निर्धारित समय अवधि में  rggbkmny.cg.nic.in  मे पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।

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