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जिला पंचायत सीईओ ने योजनाओं की समीक्षा बैठक ली, अधूरे कार्यों पर जताई नाराजगी – क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश

जिला पंचायत सीईओ ने योजनाओं की समीक्षा बैठक ली, अधूरे कार्यों पर जताई नाराजगी – क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश

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अंबिकापुर, 27 फरवरी 2025 – जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक जिला पंचायत सभागार में हुई, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति का आकलन किया गया। बैठक में इन योजनाओं के अधूरे कार्यों पर गंभीर चर्चा हुई और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाएं और लाभार्थियों को समय पर योजनाओं का लाभ मिले।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2016 से 2023 तक जिले में स्वीकृत 65,905 आवासों में से 61,228 आवास पूरे किए जा चुके हैं, जबकि 4,677 आवास अभी भी अधूरे हैं। सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिए कि इन अपूर्ण आवासों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।

इसके अलावा, वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 23,136 आवासों के लिए जारी पहली और दूसरी किश्त के आधार पर निर्माण कार्य में तेजी लाने पर विशेष जोर दिया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लाभार्थियों को आवास निर्माण में किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए उन्हें तकनीकी और वित्तीय सहायता दी जाए। सीईओ ने अधिकारियों से कहा कि आवास योजना में पारदर्शिता और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए ताकि जरूरतमंद लोगों को इसका पूरा लाभ मिल सके।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)

सीईओ ने मनरेगा के तहत सभी श्रमिकों के आधार से लिंकिंग की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक लाभार्थी को 90 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया जाए और भुगतान में किसी भी तरह की देरी न हो।

इसके अतिरिक्त, जिले में 338 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की समीक्षा की गई, जिसमें पाया गया कि 61 भवनों का कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है। इस पर सीईओ ने नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिए कि इन भवनों का निर्माण तुरंत शुरू किया जाए। अगर किसी स्थान पर भूमि विवाद जैसी समस्या आ रही है, तो उसे अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की सहायता से शीघ्र हल किया जाए।

मनरेगा के तहत 4,739 अपूर्ण कार्यों की व्यक्तिगत रूप से मॉनिटरिंग करने और सभी निर्माण कार्यों में सीमेंट-कंक्रीट (सीसी) निर्माण सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया। इसके अलावा, कृषि से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देने और अमृत सरोवरों में महिला स्वयं-सहायता समूहों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया।

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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) पर समीक्षा

सीईओ ने बैठक में बिहान योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि गांव की महिलाओं को अधिक से अधिक स्व-सहायता समूहों से जोड़ा जाए और उनकी आजीविका में सुधार के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने बैंक लिंकेज प्रक्रिया को तेज करने और “लखपति दीदी योजना” के तहत सर्वेक्षण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी दिए।

सीईओ ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि महिला स्वयं-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न आजीविका संसाधनों का प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे वे अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को सशक्त बना सकें।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षा

बैठक में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की स्थिति की भी समीक्षा की गई। इस योजना के तहत 783 व्यक्तिगत शौचालय और 38 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य अधूरा पाया गया। सीईओ ने निर्देश दिए कि इन सभी शौचालयों का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा किया जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।

इसके अलावा, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत बनने वाले शेडों को जल्द पूरा करने और डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने जोर दिया कि सभी ग्राम पंचायतों में यूजर चार्ज वसूली की प्रक्रिया को भी सुचारू किया जाए ताकि योजना की निरंतरता बनी रहे।

अधिकारियों को निर्देश और बैठक का समापन

सीईओ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आचार संहिता शून्य होने के साथ ही अब सभी अधिकारी और कर्मचारी अलर्ट मोड में रहकर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर समय-सीमा में पूर्ण किया जाए ताकि लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ शीघ्र मिल सके।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, कार्यपालन अभियंता (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा), सहायक परियोजना अधिकारी, जनपद पंचायत के सीईओ, अनुविभागीय अधिकारी (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा), कार्यक्रम अधिकारी, ब्लॉक समन्वयक, तकनीकी सहायक और बीएसओ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

यह समीक्षा बैठक योजनाओं की जमीनी हकीकत और उनके क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण रही। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए कि सभी योजनाओं का सही ढंग से कार्यान्वयन हो और किसी भी प्रकार की देरी को गंभीरता से लिया जाए। अब देखना यह होगा कि इन योजनाओं के कार्यान्वयन में कितनी तेजी आती है और आम जनता को इसका कितना लाभ मिलता है।

Ashish Sinha

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