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रायपुर : सजग के आडियो से अभिभावक सीख रहे नन्हे-मुन्नों को सफल जीवन के लिए तैयार करना : महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ ने सेंटर फॉर लर्निग रिसोर्स से तैयार किये आडियो

रायपुर : सजग के आडियो से अभिभावक सीख रहे नन्हे-मुन्नों को सफल जीवन के लिए तैयार करना : महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ ने सेंटर फॉर लर्निग रिसोर्स से तैयार किये आडियो

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कहानियों, संदेशों के सरल तरीकों से बच्चों के मनोविज्ञान को समझाया जा रहा-सजग की अब तक 32 कड़ियां प्रसारित

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महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ के सहयोग से सजग कार्यक्रम के तहत अभिभावकों के लिए तैयार किये गए आडियो जीवन की चुनौतियों के लिए बच्चों को तैयार करना सिखा रहे हैं। सजग की अब तक 32 कड़ियों का प्रसारण किया जा चुका है। सजग के ऑडियो में बच्चों के सही परवरिश के सुझाव, कहानी और गीत रहते हैं। ये आडियो विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमित अंतराल में कार्यकर्ताओं को उपलब्ध कराए जाते हैं और उनके माध्यम से  आडियो संदेश अभिभावकों तक पहुंचते हैं। बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले संदेशों न सिर्फ लोग पसंद कर रहे हैं बल्कि सुनकर प्रेरित भी हो रहे हैं।
    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अप्रैल 2020 में कोरोना संकट के दौरान लागू लॉकडाउन की परिस्थितियों में नन्हे बच्चों के बौद्धिक विकास एवं सीखने की प्रक्रिया बाधित न हो और नौनिहालों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए उनके भवष्यि को गढ़ने की प्रक्रिया सतत जारी रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किये गए चकमग और सजग कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। सजग के आडियो माता-पिता को बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुए उनमें अच्छे गुण विकसित करने की राह दिखाता है, जिससे बच्चा जीवन की कठिनाइयों को आसानी से पार करते हुए सफलता प्राप्त करे।
     सजग की 32 वीं कड़ी में ‘फिर एक नजर‘ में पिछली 16 कड़ियों को फिर से पिरोया गया ताकि अभिभावक उन कड़ियों की सीख को ना भूलें और फिर से याद कर लें। सजग श्रृंखला की इन कड़ियों में ये कोशिश हुई कि नन्हे मुन्नों को पनपते और उन्हें सफल, सबल,सुगढ़ बनाने के लिए उनमें किस तरह  गुणों को विकसित करें जिससे बड़े होकर वे देश और समुदाय के लिए वरदान बनें। ऑडियो में कहानियों के माध्यम से मुश्किल समय में संतुलन और धैर्य रखना, सहयोग और विचारकर काम करना,आत्मविश्वास, अच्छे रिश्ते बनाने की समझ, कम साधन में अनुभवों से जिंदगी जीने का ढंग, व्यवहारिक समझ, परिस्थितियों में ढ़लना,दूसरों के दुखों में हाथ बंटाना, दुनिया के साथ खुद को बदलने का हौसला, साहस जैसे कई गुणों को बच्चों में विकसित करने संबंधी जानकारी दी गई है।

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Haresh pradhan

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