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‘जगार-2022’ मेला बना लोगों के आकर्षण का केन्द्

रायपुर : ‘जगार-2022’ मेला बना लोगों के आकर्षण का केन्द्

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जगार मेला अब 24 जून तक चलेगा

लोगों से मिल रहे प्रतिसाद को देखते हुए मेला 5 दिनों के लिए बढ़ाया गया

छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों के लगे हैं 140 स्टॉल

जगार-2022’ मेला बना लोगों के आकर्षण का केन्द्र

राजधानी रायपुर के छत्तीसगढ़ पंडरी हाट बाजार परिसर में आयोजित ‘‘जगार-2022’’ मेला को लोगों से मिल रहे प्रतिसाद को देखते हुए इस मेले को 5 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है, अब यह मेला 24 जून तक चलेगा। जगार मेला लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है, राजधानीवासियों के लिए आज रविवार की शाम लोगों के लिए सौगात बनी। यहां आए लोगों ने जमकर खरीददारी की। इस मेले में छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों के शिल्पकारों एवं बुनकरों के विभिन्न उत्पाद के प्रदर्शन सह विक्रय के लिए 140 स्टॉल लगे हैं। शिल्पकारों और बुनकरों के उत्पादों को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है।

जगार-2022’ मेला बना लोगों के आकर्षण का केन्द्र

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विगत 16 जून को मेले के अवलोकन के दौरान शिल्पकारों और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया था। मुख्यमंत्री बघेल ने इस आयोजन के लिए हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप और विभागीय अधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा था कि शिल्पकारों और बुनकरों की कलाओं को आगे लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल को शिल्पकारों ने 10 दिवसीय मेले के आयोजन को और बढ़ाने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने शिल्पकारों की मांग पर संवेदनशील पहल करते हुए इस 10 दिवसीय मेले के आयोजन को 5 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।

जगार-2022’ मेला बना लोगों के आकर्षण का केन्द्र

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गौरतलब है कि जगार मेला 10 जून से शुरू हुआ है और 24 जून तक चलेगा। इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त 12 राज्यों के हस्तशिल्पकारों को अपनी उत्पाद का प्रदर्शन-सह-विक्रय के लिए आए हुए हैं। इस अवसर पर मेला परिसर में आये लोगों के लिए प्रतिदिन संस्कृति विभाग की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है। आज की सांस्कृतिक संध्या में ब्लिस डांस गु्रप कोलकाता के 12 सदस्यों और गरियाबंद के लोक कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति ने लोगों को थिरकने को मजबूर कर दिया। यहां बड़ी संख्या में लोग आकर अपनी मन-पसंद गृह सज्जा और सजावटी वस्तुओं के साथ-साथ पारंपरिक वस्त्रों की भी खरीददारी कर सांस्कृतिक संध्या का भी लुफ्त उठा रहे हैं। जगार मेले में अब तक 65 लाख रूपए से अधिक की बिक्री हो चुकी है। यह मेला आम लोगों के लिए प्रातः 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुला रहता है।

उल्लेखनीय है कि जगार मेले में हस्तशिल्प के विभिन्न उत्पादों के साथ ही हाथकरघा, खादी ग्रामोद्योग, माटीकला के अनेक आकर्षक उत्पादों की प्रदर्शनी बिक्री के लिए लगाई गई है। इन स्टॉलों में से छत्तीसगढ़ के लिए कुल 80 स्टॉल आवंटित किए गए हैं। वहीं मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर के शिल्पकार 60 स्टॉलों में अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं। जगार मेला-सह प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प बेलमेटल शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प कालीन शिल्प, शिसल शिल्प, गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प, छिंद कांसा, हाथकरघा वस्त्रों में कोसे की साड़िया, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस मटेरियल, बेडशीट, चादरें एवं विभिन्न प्रकार के रेडीमेंट वस्त्र का प्रदर्शन सह-विक्रय किया जाएगा। जगार मेला-2022 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ की चिकनकरी, बनारस की बनारसी साड़ी, मध्यप्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी एवं टीकमगढ़ का ब्रांस, पश्चिम बंगाल का जूटवर्क, कांथावर्क एवं बंगाली साड़ियों के अतिरिक्त पंजाब की फूलकारी, राजस्थान की मोजरी व गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार एवं जम्मू-कश्मीर सहित कुल 11 राज्यों की शिल्प कलाओं का संग्रह देखने को मिल रहा है।

Ashish Sinha

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