राजनीतिराज्य

‘रीपा’ के उत्पादों की ब्रिकी अब हाट-बाजारों में ग्राहकों का मिल रहा है बेहतर प्रतिसाद

रायपुर : ‘रीपा’ के उत्पादों की ब्रिकी अब हाट-बाजारों में ग्राहकों का मिल रहा है बेहतर प्रतिसाद

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क

किसी भी योजना का मूल उद्देश्य का ठोस क्रियान्वयन ही उस योजना की सफलता का आधार है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से प्रदेश में संचालित ऐसी ही सफल योजना है महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क, जिसने लोगों की जिंदगियां संवारी और उन्हे आर्थिक रूप से सक्षम बनाया। रीपा के माध्यम से लोग रोजगार से जुडे़ और अपने सपनों को पूरा करने की ओर आगे बढ़ रहें है। रीपा में न केवल स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार हो रहें है बल्कि उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए तमाम उपाय अमल में लाए गए है, जिसका लाभ अब रीपा से जुड़े लोगों को मिलने लगा है।

महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क

दंतेवाड़ा जिले में रीपा के उद्देश्य एवं लक्ष्यों का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन प्रारंभ हो रहा है। शुरूआती दौर में रीपा में निर्मित होने वाली सामग्रियों और उत्पादों को शासकीय कार्यालयों में मांग अनुरूप विक्रय किया जा रहा था। साथ ही थोक विक्रेताओं के यहां भी आपूर्ति की जा रही थी। लेकिन अब रीपा के उत्पादों की मांग को देखते हुए जन सामान्य को सुलभ करने के उद्देश्य से स्थानीय हाट बाजारों में भी इसे विक्रय किया जा रहा है। इस कड़ी में दंतेवाड़ा साप्ताहिक बाजार स्थल में ’’रीपा’’ के विभिन्न प्रोडक्ट जैसे पेपर कप, गोबर पेंट, टोरा तेल, विभिन्न किस्मों के जैविक चावल, मिलेट, गुड़ चिक्की जैसी अन्य सामग्रियां भी विक्रय के लिए उपलब्ध है।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

जिला के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला रीपा नोडल अधिकारी श्री नितेश कुमार देवांगन नें बताया कि जिले में कुल 8 ’’रीपा’’ कार्यरत है, जिसमें वर्तमान में 25 गतिविधियां संचालित की जा रही है। जल्द ही प्रत्येक ’’रीपा’’ में कम से कम 50 हितग्राहियों को रोजगार प्राप्त हो सके, ऐसा प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में जिले के औद्योगिक पार्क अतंर्गत 94 महिला समूह और 110 युवाओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है। साथ ही अब तक जिले के ’’रीपा’’ में 24 लाख से अधिक की सामग्री का उत्पादन किया जा चुका है।

रीपा में स्व सहायता समूहों और युवाओं द्वारा निर्मित की जा रही सामग्रियां अपनी शुद्धता और गुणवत्ता के चलते जनमानस में पैठ बनाकर एक ब्रांड के रूप में स्थापित हो रही है। आने वाले समय में इसका पूरा लाभ उन श्रमजीवी महिला समूहों को मिलेगा, जो अपने अथक परिश्रम से इन सामग्रियों का निर्माण कर हमें घर बैठे उपलब्ध करा रही है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!