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तातापानी महोत्सव में मुख्यमंत्री के मंच पर सरपंच को नहीं जाने दिया गया जिसके कारण महिला सरपंच का आक्रोश

तातापानी महोत्सव में मुख्यमंत्री के मंच पर सरपंच को नहीं जाने दिया गया जिसके कारण महिला सरपंच का आक्रोश

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बलरामपुर/अनिल यादव/-तातापानी महोत्सव में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कार्यक्रम में तातापानी ग्रामपंचायत के आदिवासी महिला सरपंच श्रीमती प्रतिमा मिंज को पुलिस प्रशासन के ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों ने मंच पर जाने से रोक दिया l
बलरामपुर जिला प्रशासन एवं डयूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने महिला सरपंच को मुख्यमंत्री के मंच पर ले जाना मुनासिब नहीं समझा जबकि सरपंच ग्रामपंचायत का निर्वाचित जनप्रतिनिधि होता है और ग्रामपंचायत का प्रथम नागरिक है l प्रोटोकॉल के अनुसार सरपंच को सम्मामन मुख्यमंत्री के मंच पर बैठाया जाता है l जिस ग्रामपंचायत में राजकीय महोत्सव हो और उसी ग्रामपंचायत का निर्वाचित सरपंच को कार्यक्रम में शामिल होने मंच पर जाने से रोक दिया जाय और उसमें भी सरपंच एक आदिवासी महिला यह अत्यंत ही निंदनीय है l
तब जबकि सरपंच द्वारा डयूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों को वीआईपी पास भी दिखाया गया यहाँ तक कि आमंत्रण कार्ड भी दिखाया गया लेकिन डयूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी द्वारा बताया गया कि सूचि में सरपंच प्रतिमा मिंज का नाम नहीं है इसलिए उनको मुख्यमंत्री के मंच पर नहीं जाने दिया गया l बलरामपुर जिला के सामान्य प्रशासन के अधिकारियों द्वारा भी सरपंच के आपत्ति के बावजूद सरपंच को तरजीह नहीं दिया गया जिसके कारण सरपंच का गुस्सा स्वाभाविक है l सरपंच प्रतिमा मिंज महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी,भारत सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ,छत्तीसगढ के राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों से स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के ऐसे व्यवहार की लिखित शिकायत और अपनी आपत्ति दर्ज करने का निर्णय लिया है और आज अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है l आज दूसरे दिन भी बलरामपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों या किसी अधिकृत अधिकारी ने सरपंच को कार्यक्रम में नहीं बुलाया और न कार्यक्रम की जानकारी दी l ग्रामपंचायत तातापानी के मतदाताओं में भी इस बात को लेकर चर्चा है कि सरपंच एक संवैधानिक पद है इस पद पर एक आदिवासी महिला मतदाताओं द्वारा चयनित हैं बावजूद उनके प्रतिनिधि को इस तरह से अपमानित करना एक बड़ा षड्यंत्र है जिसकी गहराई और गंभीरता से जाँच होनी चाहिए

Ashish Sinha

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