छत्तीसगढ़राज्यरायपुर

रायपुर : गौठानों में तेजी से स्थापित हो रही प्रसंस्करण इकाईयां

गौठानों में अब तक 100 से अधिक तेल और दाल मिलें

रायपुर : गौठानों में तेजी से स्थापित हो रही प्रसंस्करण इकाईयां

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM
mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशा के अनुरूप गौठानों को ग्रामीणों को आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित करने को लेकर वहां कई तरह की आयमूलक गतिविधियों को विस्तार किया जा रहा है। गौठानों में अब स्थानीय कृषि एवं वनोत्पाद के प्रसंस्करण के लिए इकाईयों की स्थापना तेजी से की जा रही है, ताकि इसके जरिए उत्पादक कृषकों को बेहतर मूल्य तथा स्थानीय मांग की पूर्ति के साथ-साथ रोजगार के अवसर सुलभ हो सके।
सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में अब तक स्थापित 8 हजार 366 गौठानों में से लगभग 350 गौठानों ने तेल मिल एवं दाल मिल की इकाईयां स्थापित किए जाने की कार्ययोजना को मूर्तरूप दिया जा रहा है। अब तक 37 गौठानों ने तेल मिल एवं 65 गौठानों में दाल मिल की इकाईयां स्थापित हो चुकी है। शेष प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना तेजी से कराई जा रही है। यहां यह उल्लेखनीय है कि गौठानों से 11 हजार 693 महिला स्व-सहायता समूह जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 78 हजार 298 है। इसमें से 5 हजार से अधिक समूह वर्मी खाद का उत्पादन, 1700 से अधिक समूह सामुदायिक सब्जी-बाड़ी, 400 से अधिक समूह मशरूम उत्पादन, 651 समूह मछली पालन, 476 समूह बकरी पालन, 527 समूह मुर्गी पालन, 85 समूह पशु पालन, 325 समूह हर्बल उत्पाद तथा 2100 से अधिक समूह अन्य गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा गौठानों में तेल और दाल मिल का संचालन भी शुरू किया गया है। गौठानों से जुड़े महिला समूह अपनी आयमूलक गतिविधियों के माध्यम से 58 करोड़ 44 लाख रूपए की आय कर चुके हैं, जिसमें सर्वाधिक 32 करोड़ 63 लाख रूपए की आय वर्मी खाद उत्पादन से हुई है।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!