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जिला स्तरीय मानीटरिंग एवं सतर्कता समिति की द्वितीय त्रैमासिक समीक्षा बैठक सम्पन्न

जिला स्तरीय मानीटरिंग एवं सतर्कता समिति की द्वितीय त्रैमासिक समीक्षा बैठक सम्पन्न

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बेमेतरा – कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को सवेरे 11 बजे कलेक्टोरेट के दृष्टि-सभाकक्ष में जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानीटरिंग (अत्याचार निवारण) समिति तथा मैनुअल स्केवेंजर्स एक्ट के तहत जिला स्तरीय सर्वेक्षण समिति की द्वितीय त्रैमासिक बैठक आयोजित की गई। बैठक में उप संचालक अभियोजन बेमेतरा, जिला आबकारी अधिकारी, एडीपीओ कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, उप संचालक समाज कल्याण विभाग, जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास, अनुसूचित जाति सदस्य, अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्य अनूसूचित जनजाति सदस्य एवं सदस्य सचिव के रूप में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मेनका चंद्राकर उपस्थित थे। बैठक में समिति के अध्यक्ष द्वारा एजेण्डावार सभी जानकारी सदस्यगणों को दिया गया। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बेमेतरा द्वारा अवगत कराया गया कि विभाग अंतर्गत राहत राशि हेतु कुल 8 प्रकरण प्राप्त हुए थे, जिसमें 6 प्रकरणों में स्वीकृति कार्यवाही किए जाने एवं 1 प्रकरण दुसरे जिले से संबंधित होने पर स्वीकृति हेतु उक्त जिला को प्रेषित किए जाने तथा 1 प्रकरण में स्थायी जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने हेतु पुलिस अनुविभागीय अधिकारी जिला बेमेतरा को पत्राचार किए जाने की जानकारी दी गई। अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन राशि हेतु कुल 10 आवेदन कार्यालय में प्राप्त हुए है, जिसमें 5 आवेदनों में स्वीकृति की कार्यवाही की गई हैं एवं 3 प्रकरणों को स्वीकृति योग्य नहीं होने की स्थिति में मुलतः वापस किया गया हैं तथा शेष 2 प्रकरणों में एनेक्सर/अनुलग्न-उपलब्ध कराने हेतु पत्राचार किए जाने की जानकारी दी गई। जिस पर कलेक्टर द्वारा राहत प्रकरणों में स्थाई जाति प्रमाण पत्र तत्काल उपलब्ध कराने हेतु पुलिस विभाग जिला बेमेतरा को निर्देशित किया गया।

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दोषियों पर त्वरित कार्यवाही करने के संबंध में की गई चर्चा – कलेक्टर ने दोषियों पर त्वरित कार्यवाही करने के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि अपराध की सूचना प्राप्त होने पर संबंधित पुलिस अधिकारी द्वारा तत्परतापूर्वक विहित रीति से कार्यवाही कर अपराध कायम किया जाए। अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति, उसके आश्रित तथा साक्षियों को यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता, भरण-पोषण व्यय और परिवहन सुविधाएं प्रदान किया जाए। दोषियों की तत्परतापूर्वक गिरफ्तारी एवं उनके विरूद्ध ठोस अभियोजन के साथ विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने, विशेष लोक अभियोजक द्वारा न्यायालय में प्रभावी रूप से अभियोजन के पक्ष की प्रस्तुति, विशेष न्यायालय द्वारा दोष मुक्ति के प्रकरणों में दोष मुक्ति के कारण एवं अपील योग्य प्रकरणों में अपील की कार्यवाही किए जाने, फरार अपराधी के गिरफ्तारी के संबंध में चर्चा की गई।

Ashish Sinha

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