
बांग्लादेश की स्थिति को लेकर पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन, ढाकाई साड़ियों में आग लगाई गई
बांग्लादेश की स्थिति को लेकर पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन, ढाकाई साड़ियों में आग लगाई गई
कोलकाता: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचारों को लेकर रविवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए।
हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए कोलकाता, कांथी, काकद्वीप, संदेशखाली और पुरुलिया में हिंदुत्व समूहों द्वारा आयोजित विरोध रैलियों में सैकड़ों लोग शामिल हुए।
कोलकाता के पास साल्ट लेक इंटरनेशनल बस टर्मिनस के बाहर प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश से आई ढाकाई जामदानी साड़ियों में आग लगा दी।
उन्होंने बांग्लादेशी सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया और चेतावनी दी कि अगर तिरंगे का अनादर और हिंदुओं पर हमले जारी रहे तो भारतीय चुप नहीं बैठेंगे।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम बांग्लादेश में हिंदुओं को लगातार निशाना बनाए जाने और भारत के खिलाफ नफरत फैलाने वाले बयानों की निंदा करते हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे और जामदानी साड़ियों को जलाने के साथ ही हम लोगों से बांग्लादेशी उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह करते हैं।” एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “यह कैसा बांग्लादेश है? 1971 में आजादी के लिए लड़ने वाले लोग अब अपना ही इतिहास मिटाते दिख रहे हैं।” कांथी में विरोध रैली का नेतृत्व करते हुए राज्य के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ ‘सनातनियों’ की एकजुटता है। उन्होंने कहा, “1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में 30,000 भारतीय सैनिकों की शहादत को पड़ोसी देश के इस्लामवादियों ने भुला दिया है। आज की रैली सीमा पार के तत्वों के लिए एक चेतावनी है कि वे दंगा-फसाद करने वाली बयानबाजी बंद करें।” बांग्लादेशी समूहों द्वारा भारत विरोधी बयानों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल और संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार सही समय पर उचित कदम उठाएगी।