छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

छत्तीसगढ़ में छात्र की मौत से हड़कंप, कांग्रेस ने जांच समिति गठित की

छत्तीसगढ़ में छात्र की मौत से हड़कंप, कांग्रेस ने जांच समिति गठित की

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थित दुगईगुड़ा बालक रेसिडेंशियल स्कूल (पोटाकेबीन) में कक्षा तीसरी में अध्ययनरत छात्र नितीश ध्रुवा की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो जाने की घटना ने प्रदेश में हलचल मचा दी है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक पांच-सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। यह समिति घटना की जांच कर विस्तृत प्रतिवेदन प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगी।

बीजापुर का दुगईगुड़ा क्षेत्र सुदूर और नक्सल प्रभावित इलाकों में गिना जाता है, जहां शैक्षणिक संसाधन सीमित हैं। सरकार द्वारा आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘पोटाकेबीन’ (विशेष रेजिडेंशियल स्कूल) की व्यवस्था की गई है। इन स्कूलों में आवासीय सुविधा के साथ-साथ भोजन, शिक्षा और अन्य मूलभूत सुविधाएँ दी जाती हैं।

30 मार्च को नितीश ध्रुवा, जो कि जिनिप्पा गांव का निवासी था, अपने कक्ष में मृत पाया गया। प्रारंभिक रिपोर्ट में मौत के कारणों का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है, जिससे संदेह की स्थिति बनी हुई है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की त्वरित कार्रवाई

छात्र की मौत की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने वरिष्ठ नेता और जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश कारम की अध्यक्षता में पांच-सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। समिति में जनपद पंचायत के सदस्य मनोज अवलम, अनिता तेलाम, सरस्वती वासम और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुकलू पुनेम को शामिल किया गया है।

जांच समिति के कार्य और जिम्मेदारियां

जांच समिति को निर्देश दिया गया है कि वह तत्काल दुगईगुड़ा स्थित पोटाकेबीन स्कूल का दौरा करे और निम्नलिखित पहलुओं पर रिपोर्ट तैयार करे:

  1. छात्र की मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाना – मृत्यु प्राकृतिक थी या किसी बाहरी कारक की भूमिका थी, इसकी जांच करना।
  2. विद्यालय प्रशासन की भूमिका – छात्रावास प्रबंधन, वार्डन और शिक्षकों की जिम्मेदारी का आकलन करना।
  3. छात्रावास की स्थिति – सुरक्षा, स्वच्छता, खानपान और चिकित्सा सुविधाओं की जांच करना।
  4. अन्य छात्रों से संवाद – मृतक छात्र के सहपाठियों और अन्य विद्यार्थियों से जानकारी लेना कि क्या कोई अनुचित घटना घटी थी।
  5. स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया – पीड़ित परिवार, अभिभावकों और ग्रामीणों से इस मामले में उनकी राय जानना।

पोटाकेबीन स्कूलों की स्थिति पर सवाल

यह घटना अकेली नहीं है, बल्कि राज्य में पोटाकेबीन स्कूलों की व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। आदिवासी इलाकों में स्थापित इन स्कूलों का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना था, लेकिन समय-समय पर यहां छात्रों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कई जगहों से इन स्कूलों में अव्यवस्थाओं, खराब भोजन, अनुशासनहीनता और प्रशासनिक लापरवाहियों की शिकायतें मिलती रही हैं।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

पूर्व में हुई घटनाएँ और प्रशासनिक चूक

बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के कई पोटाकेबीन स्कूलों से इस तरह की घटनाएँ सामने आई हैं। सुरक्षा मानकों की कमी, समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलना और अनुशासनहीनता की वजह से इन संस्थानों की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा कई बार इन स्कूलों की व्यवस्था को सुधारने की घोषणा की गई, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इनका क्रियान्वयन संतोषजनक नहीं रहा।

सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा एक प्रमुख मुद्दा

छत्तीसगढ़ सहित देशभर में सरकारी स्कूलों और छात्रावासों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। कई बार इन संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, कुपोषण, स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता जैसी समस्याएँ सामने आई हैं।

छात्रावासों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता है। इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था और सरकारी निगरानी तंत्र की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

समिति की रिपोर्ट और संभावित कार्रवाई

जांच समिति को निर्देश दिया गया है कि वह जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपे। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। यदि किसी प्रकार की लापरवाही या चूक सामने आती है, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

बीजापुर के दुगईगुड़ा पोटाकेबीन स्कूल में छात्र की संदिग्ध मौत ने पूरे राज्य में चिंता की लहर पैदा कर दी है। यह घटना न केवल इस विशेष स्कूल बल्कि समग्र रूप से सरकारी रेजिडेंशियल स्कूलों की व्यवस्था पर सवाल उठाती है। अब देखना होगा कि जांच समिति की रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।

 

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!