
भारतीय नौसेना ने मुंबई, विशाखापट्टनम और कोच्चि में तीनोंनौसेना कमांडों के जलपोतों के साथ अपने कोविड राहतअभियान समुद्र सेतु II को आगे बढ़ाया है। इन पोतों कोफारस की खाड़ी और दक्षिण पूर्व एशिया में मैत्री राष्ट्रों सेतरल चिकित्सा ऑक्सीजन तथा संबंधित चिकित्सा उपकरणोंकी शिपमेंट के लिए तैनात किया गया है।
भारतीय नौसेना का जहाज तलवार 5 मई को पश्चिमी समुद्रीतट पर, कर्नाटक के न्यू मैंगलोर बंदरगाह पंहुचा, जो बहरीन सेदो 27 टन तरल ऑक्सीजन टैंक को लेकर आया है। फ़ारसकी खाड़ी में तैनात आईएनएस कोलकाता भी 5 मई कोकुवैत से रवाना हुआ, जो अपने साथ 27 टन के दोऑक्सीजन टैंक, 400 ऑक्सीजन सिलेंडर और 47 कॉन्सेंट्रेटर लेकर आ रहा है। इसके अलावा भी, चार युद्धपोतकतर और कुवैत में हैं, जो इन देशों से लगभग 27 टन क्षमतावाले नौ ऑक्सीजन टैंक तथा 1500 से अधिक ऑक्सीजनसिलेंडर लेकर स्वदेश पहुंचेंगे।
पूर्वी समुद्री तट पर, भारतीय नौसेना के जहाज ऐरावत नेआज सिंगापुर से 3600 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर, 27 टन (216 टन) के आठ ऑक्सीजन टैंक, 10000 रैपिडएंटीजन डिटेक्शन टेस्ट किट और 7 कॉन्सेंट्रेटर के साथप्रस्थान किया। जबकि आईएनएस जलाश्व भी किसी भीसूचना पर तुरंत चिकित्सा केंद्र शुरू करने के लिए इस क्षेत्र मेंतैनात है।
आईएनएस शार्दुल, कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान कालैंडिंग शिप टैंक, तीन तरल ऑक्सीजन भरे क्रायोजेनिककंटेनर लाने के लिए फारस की खाड़ी के रास्ते पर है। यहां परयह ध्यान देने वाली बात है कि आईएनएस जलाश्व औरआईएनएस शार्दुल ने विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों कोवापस लाने के लिए पिछले साल ऑपरेशन समुंद्र सेतु में भीभाग लिया था।
‘ऑपरेशन ऑपरेशन समुद्र सेतु II’ के हिस्से के रूप में नौयुद्धपोतों की तैनाती देश में ऑक्सीजन की आवश्यकता कोपूरा करने के लिए भारत सरकार और भारतीय नौसेना द्वाराप्रयास की कई कड़ियों का एक हिस्सा है।