
योगी आदित्यनाथ का आरोप: पूर्व सरकारों में भू-माफिया ने प्रयागराज के पौराणिक स्थलों पर किया कब्जा
योगी आदित्यनाथ का आरोप: पूर्व सरकारों में भू-माफिया ने प्रयागराज के पौराणिक स्थलों पर किया कब्जा
लखनऊ, 20 मार्च: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आरोप लगाया कि पिछली सरकारों के शासनकाल में प्रयागराज के पौराणिक एवं धार्मिक स्थलों पर भू-माफिया ने अवैध कब्जे कर लिए थे। उन्होंने कहा कि इन स्थलों की गरिमा को गहरी चोट पहुंची, लेकिन उनकी सरकार ने इन पवित्र स्थलों को माफिया राज से मुक्त कराकर उनका कायाकल्प किया। मुख्यमंत्री ने यह बातें लखनऊ में ‘पांचजन्य’ और ‘आर्गनाइजर’ पत्रिकाओं के ‘मंथन: कुंभ और उसके आगे’ विचार संगम कार्यक्रम में कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज के अक्षय वट, माता सरस्वती कूप, पातालपुरी, श्रृंगवेरपुर, द्वादश माधव और भगवान बेनी माधव जैसे पौराणिक स्थलों पर अवैध कब्जे हो गए थे, जिससे वहां की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि महर्षि भारद्वाज की नगरी प्रयागराज, जो दुनिया के पहले गुरुकुल की भूमि है, वह पिछली सरकारों के दौरान माफियाओं के कब्जे में थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि श्रृंगवेरपुर, जो भगवान राम और निषादराज की मित्रता का प्रतीक स्थल है, उसे भी लैंड जिहाद के तहत कब्जे में ले लिया गया था। द्वादश माधव और नागवासुकी मंदिर जैसे पवित्र स्थल भी अवैध कब्जों की चपेट में थे। उन्होंने कहा कि इन धार्मिक स्थलों को मुक्त कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता रही है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ 2025 का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दुनिया के सामने भारत की संस्कृति और परंपराओं की भव्य प्रस्तुति भी है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान भव्य आयोजन किया और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान कीं।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा इन स्थलों को अवैध कब्जों से मुक्त करने के बाद श्रद्धालु अब वर्षभर इन स्थानों का दर्शन कर सकते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनकी सोच नकारात्मक है, उनसे सकारात्मकता की उम्मीद करना बेकार है। उन्होंने कहा कि कुंभ के आयोजन को लेकर विपक्ष सरकार की आलोचना करता रहा है, लेकिन जनता ने सरकार के प्रयासों को सराहा और भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने 1954, 2007 और 2013 के कुंभ आयोजनों की अव्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि 1954 में कुंभ में मची भगदड़ में एक हजार से अधिक श्रद्धालु मारे गए थे, 2007 में प्राकृतिक आपदा के कारण जन-धन की हानि हुई थी और 2013 के कुंभ मेले में प्रयागराज की अव्यवस्था देखकर मॉरिशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने आंसू बहाए थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने कुंभ को अव्यवस्था और गंदगी का अड्डा बना दिया था।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार महाकुंभ में संतों और अखाड़ों के सहयोग से प्रशासन ने बेहतर प्रबंधन किया। मौनी अमावस्या के दौरान 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच भगदड़ जैसी स्थिति बनी थी, लेकिन प्रशासन ने तत्काल संतों से बातचीत कर अमृत स्नान को दोपहर तक स्थगित कर दिया, जिससे कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि यह सनातन धर्म की श्रद्धा और एकता का प्रतीक है कि संतों ने परंपरा को बाधित किए बिना प्रशासन का सहयोग किया और दोपहर बाद स्नान सुचारू रूप से हुआ।
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रयागराज में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। महाकुंभ के आयोजन के बाद इन धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज को एक विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में सरकार तेजी से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में साफ कहा कि उनकी सरकार ने प्रयागराज के धार्मिक स्थलों को माफियाओं से मुक्त कराकर सनातन संस्कृति की रक्षा की है। उन्होंने महाकुंभ को भारत के गौरवशाली अतीत और धार्मिक एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुंभ के सफल आयोजन ने उत्तर प्रदेश की नकारात्मक छवि को बदलने का काम किया है।
योगी सरकार के इन प्रयासों से प्रयागराज के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का गौरव पुनः स्थापित हुआ है और यह शहर सनातन संस्कृति के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है।