
नेतरहाट पार्क में पर्यटकों की नो एंट्री, लोअर घघरी, अपर घघरी एवं नैना वॉटरफॉल तक पहुंच मार्ग बाधित, निराश लौट रहे पर्यटक
नेतरहाट पार्क में पर्यटकों की नो एंट्री, लोअर घघरी, अपर घघरी एवं नैना वॉटरफॉल तक पहुंच मार्ग बाधित, निराश लौट रहे पर्यटक
राज्य और देश भर में अपने खूबसूरत प्राकृतिक वादियों के लिए प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नेतरहाट इन दिनों पर्यटकों से गुलजार है। यहां प्रतिदिन सैकड़ो पर्यटक घूमने आते हैं जिनमें झारखंड के अलावा देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेश तक के पर्यटक शामिल है। लेकिन जिस उत्साह के साथ पर्यटक यहां घूमने आ रहे हैं, कई जगहों पर प्रवेश वर्जित होने की वजह से पर्यटकों में निराशा देखी जा रही है। सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर इन खूबसूरत प्राकृतिक वादियों को और भी संवारने का काम किया जा रहा है। जिसके लिए कई पार्क बनाए गए हैं तो वहीं पर्यटकों के मनोरंजन के लिए बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। लेकिन डेढ़ वर्षों के बाद भी इनका टेंडर नहीं होने से सभी पार्क एवं बोटिंग सुविधा बंद पड़ी है।
कोयल व्यू प्वाइंट समेत कई पार्कों में पर्यटकों की नो एंट्री
नेतरहाट में सूर्योदय एवं सूर्यास्त के मनमोहक नजारों के अलावा कोयल व्यू प्वाइंट पर प्राकृतिक अद्भुत नजारा भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बिंदु है। जहां सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर पार्क का निर्माण कराया गया है। जो इसे और भी खूबसूरत बनाता है, लेकिन इसके निर्माण पूर्ण हुए एक वर्ष बीत जाने के बाद भी यह बंद पड़ा हुआ है जहां पर्यटकों की नो एंट्री है। इस पार्क के निर्माण से पूर्व यह पर्यटकों की काफी भीड़ होती थी। दोनों ओर से चिड़ वनों से घिरे इस पॉइंट पर ऊंचाई से प्राकृतिक वादियो के नजरों का लुफ्त पर्यटक उठाते थे। खूबसूरत वादियो के बीच सफेद चांदी सा कोयल नदी ऐसा प्रतीत होता जैसे प्रकृति ने कोई सिंगार किया हो। पर्यटकों का कहना है कि यहां काफी खूबसूरत सेल्फी एवं फोटोशूट लिए जा सकते हैं क्योंकि यहां लिए गए फोटो में बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक व्यू मिलता है। इस पार्क के बंद होने से पर्यटकों में काफी मायूसी है।
लेक व्यू नौका विहार पार्क पर मेंन गेट बंद, बिना टेंडर के कराया जा रहा है बोटिंग, सरकार का हो रहा है नुकसान
लेक व्यू प्वाइंट पार्क के मेंन गेट पर पार्क बंद है का बोर्ड लगा दिया गया है। हालांकि तालाब में लेक व्यू नौका बिहार पर पैडल बोट के अलावा बैटरी मोटर से संचालित बोट लगाए गए हैं। जिनका भी संचालन बिना टेंडर के कराया जा रहा है। जिसमें स्वालंबी सहकारी समिति लिमिटेड का रसीद काटते हुए एक बोट के लिए 300 से 500 रूपए पर्यटकों से लिया जा रहा है। इस संबंध में स्वावलंबी सहकारी समिति के अध्यक्ष अमन उरांव ने बताया की यहां पर्यटकों को नौका विहार करने के लिए हम तीन लोगों को ट्रेनिंग देखकर नियुक्ति पत्र भी दिया गया था। लेकिन डेढ़ वर्षो से हम लोगों का वेतन नहीं मिला। जिससे हमारे जीव कोपार्जन के लिए भी भारी मुसीबत हो रही थी। जिस पर विभाग से बात करने पर मौखिक रूप से यहां बोटिंग कराने का आदेश प्राप्त हुआ, जिस पर एक दर निर्धारित करते हुए नौका विहार कराया जा रहा है। ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को बैरंग वापस न लौटना पड़े और हमें भी इससे परिवार चलाने के लिए आर्थिक मदद मिल पा रही है। यहां जो भी आमदनी होती है उसमें से ₹1000 प्रतिमाह विभाग को भी दिया जाता है।पार्क बनाए जाने के बाद यहां बोट की व्यवस्था किए डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी जीटीडीसी के द्वारा अभी तक टेंडर नहीं कराया गया।
नेतरहाट स्थित लोअर घघरी, अपर घघरी जाने पर वन विभाग की रोक, नैना वॉटरफॉल तक जाने वाला मार्ग जर्जर
नेतरहाट आने पर पर्यटक यहां की सुंदर झरनों और प्राकृतिक नजारों का लुफ्त उठाने लोअर घघरी अपर घघरी एवं नैना वॉटरफॉल जाना भी खूब पसंद करते हैं। लेकिन लोअर घघरी, अपर घघरी जाने वाले मार्ग पर वन विभाग द्वारा बैरियर लगाकर पर्यटकों की एंट्री बंद कर दी गई है। इस संबंध में पूछे जाने पर पूर्वी रेंज के वन पदाधिकारी उमेश दुबे ने बताया की सरकार के द्वारा लोअर घघरी को पर्यटक स्थल घोषित नहीं किया गया है और कोर एरिया होने की वजह से आम जनों का यहां आना-जाना प्रतिबंधित है। वही नैना वॉटरफॉल तक पहुंच मार्ग काफी जर्जर है जहां तक पहुंचने में पर्यटकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इस सड़क पर कई वाहन फंसे नजर आ सकते हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यटन विभाग द्वारा जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में नेतरहाट में पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आ सकती है।