
G20 Summit 2025: अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका सम्मेलन का किया बहिष्कार, ट्रंप बोले– वहां भेदभाव हो रहा है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले G20 सम्मेलन में भागीदारी से इनकार किया। ट्रंप ने आरोप लगाया कि दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों के साथ भेदभाव हो रहा है। अब अमेरिका का कोई प्रतिनिधि इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा।
G20 Summit South Africa 2025: अमेरिका ने किया बहिष्कार, ट्रंप बोले—‘दक्षिण अफ्रीका में भेदभाव बर्दाश्त नहीं’
वाशिंगटन/जोहानिसबर्ग / अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ऐलान किया है कि इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2025) में अमेरिका का कोई भी आधिकारिक प्रतिनिधि हिस्सा नहीं लेगा।
ट्रंप ने आरोप लगाया है कि दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों के साथ भेदभाव और हिंसा की घटनाएँ हो रही हैं, और इसी कारण उनकी सरकार सम्मेलन का बहिष्कार कर रही है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल (Truth Social) पर लिखा —
“यह बहुत ही अपमानजनक है कि जी-20 सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका में हो रहा है। दक्षिण अफ्रीका को जी-20 में नहीं होना चाहिए क्योंकि वहां जो हो रहा है, वह बहुत बुरा है।”
बाद में मियामी में ‘अमेरिका बिजनेस फोरम’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,
“मैं वहां नहीं जा रहा हूं। मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व नहीं करूंगा।”
पहले यह संभावना जताई जा रही थी कि ट्रंप की जगह उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सकते हैं, लेकिन अब इस विकल्प को भी खारिज कर दिया गया है।
दक्षिण अफ्रीका सरकार ने ट्रंप के आरोपों को “आधारहीन और गलत” बताया है। सरकार का कहना है कि देश में सभी समुदायों के अधिकार और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून और व्यवस्थाएं हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा —
“जी-20 सम्मेलन एक वैश्विक मंच है और दक्षिण अफ्रीका इसे निष्पक्षता और समावेशिता के साथ आयोजित करेगा।”
दक्षिण अफ्रीका ने 1 दिसंबर 2024 को एक वर्ष के लिए जी-20 की अध्यक्षता संभाली है और 22–23 नवंबर 2025 को जोहानिसबर्ग में शिखर बैठक आयोजित करेगा।
यह पहली बार है जब जी-20 शिखर सम्मेलन अफ्रीकी महाद्वीप पर हो रहा है।
इससे पहले भारत ने दिसंबर 2022 से नवंबर 2023 तक अध्यक्षता की थी और नई दिल्ली में 18वें जी-20 सम्मेलन का सफल आयोजन किया था।
उसी सम्मेलन में अफ्रीकी संघ (African Union) को स्थायी सदस्यता दी गई थी — जो भारत की कूटनीतिक उपलब्धि मानी गई थी।
अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ।
ट्रंप के इस निर्णय ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कूटनीतिक हलचल पैदा कर दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की गैर-भागीदारी से वैश्विक आर्थिक और रणनीतिक समीकरणों पर असर पड़ सकता है, खासकर तब जब अफ्रीकी देशों की भागीदारी को लेकर वैश्विक समर्थन बढ़ रहा है












